सचिन रमेश तेंदुलकर ने अपने दृढ़ संकल्प और धैर्य से हर क्रिकेट फ़ैस का दिल जीता है। इसके अलावा उन्होंने अपने करियर के दौरान ये भी कोशिश की है कि रिकॉड बुक में उनका नाम लंबे वक़्त तक बरक़रार रहे। सचिन एकलौते ऐसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं जिन्होंने अपने नाम 100 शतक किए हैं, जिसमें वनडे के 49 शतक शामिल हैं। सचिन ने हमें कई ऐसी ख़ूबसूरत यादें दीं हैं जिन्हें भुला पाना नामुमकिन है। हम अपनी ख़ास सीरीज़ में तेंदुलकर की 26वें से लेकर 30वें शतक को याद कर रहे हैं।
#5 वनडे का 26वां शतक - 101 शारजाह में श्रीलंका के ख़िलाफ़ (साल 2000)
साल 2000 में यूएई में शारजाह चैंपियंस ट्रॉफ़ी त्रिकोणीय सीरीज़ खेली गई थी जिसमें भारत के अलावा श्रीलंका और ज़िम्बाब्वे शामिल थे। इस सीरीज़ का पहला मैच भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया था। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया था। सौरव गांगुली के जल्दी आउट होने के बाद तेंदुलकर ने ज़िम्मेदारी से पारी को संभाला। एक तरफ़ सचिन लगातार रन बना रहे थे, लेकिन दूसरे छोर पर टीम इंडिया के बाक़ी बल्लेबाज़ सचिन का साथ नहीं दे पा रही थे। भारत ने पारी ख़त्म होने तक महज़ 224 रन का स्कोर बनाया था। टीम इंडिया की इस पारी में 4 बल्लेबाज़ रन आउट हो गए थे जिसमें तेंदुलकर शामिल थे। हांलाकि आउट होने से पहले सचिन 140 गेंदों में 101 रन बना चुके थे, जिसमें 3 चौके और 1 छक्का शामिल था। 225 का लक्ष्य श्रीलंका के लिए ज़रा भी मुश्किल नहीं था, उन्हें 6 गेंद बाक़ी रहते हुए जीत हासिल की थी। हांलाकि भारत की हार के बावजूद तेंदुलकर को मैन ऑफ़ द मैच के ख़िताब से नवाज़ा गया था
#4 वनडे का 27 वां शतक - - 146 जोधपुर में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ (साल 2000)
ये एक ऐसा दौर था जब टीम इंडिया जीत के लिए ज़्यादातर सचिन पर निर्भर करती थी। ज़िम्बाब्वे के साथ सीरीज़ के तीसरे मैच में सौरव गांगुली जल्दी आउट हो गए थे। इसके बाद सचिन ने राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर 114 रन की साझेदारी की जिसमें द्रविड़ ने 30 रन का योगदान दिया था। द्रविड़ के आउट होने के बाद सचिन ने आगे खेलना शुरु किया और अपने वनडे करियर का 27वां शतक लगाया। इस मैच में सचिन ने 153 गेंदों पर 146 रन बनाए थे जिसमें 15 चौके और 2 छक्के शामिल थे। वो 47वें ओवर में आउट हुए जब टीम का स्कोर 235 रन था। इसके बाद ज़हीर ख़ान और अजीत अगरकर ने मिलकर टीम इंडिया का स्कोर 283 रन पर पहुंचा दिया। 284 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ज़िम्बाब्वे के फ़्लावर ब्रदर्स ने अपनी टीम को ये मैच 1 विकेट से जिता दिया।
#3 वनडे का 28वां शतक - 139 इंदौर में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ (साल 2001)
साल 2001 का वो दौर सबको याद होगा जब ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के दौरे पर आई थी और टीम इंडिया ने इस चैंपियन टीम के ख़िलाफ़ 2-1 से टेस्ट सीरीज़ जीती थी। इस सीरीज़ के बाद टीम इंडिया कंगारुओं के खिलाफ़ वनडे सीरीज़ का तीसरा मैच इंदौर में खेल रही थी। ये सीरीज़ उस वक़्त 1-1 से बराबरी पर था। इंदौर में खेले गए इस वनडे मैच में भारत पहले बल्लेबाज़ी कर रहा था। जब टीम का स्कोर महज़ 32 रन था तब राहुल द्रविड़ आउट हो गए थे, इसके बाद सचिन और लक्ष्मण ने पारी को संभाला। दोनों ने मिलकर दूसरे विकेट के लिए 199 रन की साझेदारी की। इसके बाद पूरी टीम अगले 12 ओवर में 68 ही बना पाई, लेकिन टीम इंडिया का स्कोर 50 ओवर में 299/8 हो गया था। 300 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 36वें ओवर में 181 रन ही बना पाई। इस मैच में हरभजन सिंह और अजीत अगरकर ने 3-3 विकेट हासिल किए थे। तेंदुलकर ने इस मैच में 125 गेंदों में शानदार 139 रन बनाए थे, जिसमें 19 चौके शामिल थे।
#2 वनडे का 29वां शतक – 122 हरारे में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ (साल 2001)
साल 2001 के कोका कोला कप के छठे मैच में भारत और वेस्टइंडीज़ के बीच मैच जारी था। इंडिया ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला किया था। कार्ल हूपर की कप्तानी में वेस्टइंडीज़ ने 50 ओवर में 229 रन बनाए थे। वेस्टइंडीज़ ने कोशिश थी कि भारत के ओपनिंग बल्लेबाज़ों को जल्दी आउट किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गांगुली और तेंदुलकर ने 133 रन की साझेदारी की थी। गांगुली के आउट होने के बाद तेंदुलकर ने अपने लय को बरक़रार रखा और वनडे करियर का 29वां शतक बनाया। उन्होंने 131 गेंदों में 122 रन की पारी खेली थी, जिसमें 12 चौके और 1 छक्का शामिल था।
#5 वनडे का 30वां शतक - 101 जोहान्सबर्ग में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ (साल 2001)
साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ त्रिकोणीय श्रृंख्ला के पहले में टीम इंडिया ने शानदार शुरुआत की थी। टीम इंडिया ने पहले खेलते हुए पहले विकेट के लिए 193 रन की साझेदारी की थी। सौरव गांगुली ने 127 रन बनाए थे, जबकि तेंदुलकर ने 129 गेंदों में 101 रन की पारी खेली थी। हांलाकि टीम के बाकी बल्लेबाज़ इस मज़बूत शुरुआत का फ़ायदा नहीं उठा पाए और पूरी टीम 279/5 स्कोर ही बना पाई। 280 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए प्रोटियास टीम ने 49 ओवर में जीत हासिल कर ली थी। एक बार फिर तेंदुलकर का शतक बेकार गया।
लेखक – सारा वारिस अनुवादक – शारिक़ुल होदा