दक्षिण अफ्रीका में भारत का पहला दौरा किसी बुरे सपने से कम नहीं था। दक्षिण अफ्रीका में खेलने गई भारतीय क्रिकेट टीम को पूरी सीरीज में वहां की हालात से पार पाने के लिए संघर्ष करते हुए ही देखा गया। इस 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत को 1-0 से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, इस सीरीज में मिली ये हार तब और भी ज्यादा बुरी हो सकती थी जब किसी भी बल्लेबाज का बल्ला न चलता। इस सीरीज में सचिन तेंदुलकर ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए भारत को एक छोर से संभाले रखा, लेकिन टीम को जीत दिला पाने में नाकाम साबित हुए। इस सीरीज में तेंदुलकर की दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में खेली गई पारी काफी यादगार पारियों में से एक रही। इस मैच में तेंदुलकर नंबर-6 पर बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर आए। उस समय टीम काफी मुसीबत में थी और टीम 4 विकेट 77 रनों के स्कोर पर ही गंवा चुकी थी। इसके बाद 125 रनों पर टीम को पांचवां झटका भी लग गया। हालांकि, इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने सहज खेल का परिचय दिया। सचिन तेंदुलकर की इस पारी में उन्होंने एलन डोनाल्ड और क्रेग मैथ्यूज जैसे तेज गेंदबाजों का डटकर सामना किया और भारत को शर्मिंदगी से भी बचा लिया। 6 घंटे से ज्यादा वक्त तक चलने वाली इस पारी में तेंदुलकर ने 19 चौके लगाए और लगभग मैदान के हर कोने में शॉट खेले। इसके साथ ही तेंदुलकर ने इस पारी में 111 रन बनाए। ये पारी टेस्ट क्रिकेट में उनके लिए 1000 रन भी लेकर आई। उस समय वह उस मील का पत्थर तक पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे। इस मैच में भारत ने दक्षिण अफ्रीका के 292 के जवाब में 227 रन बनाए और मैच को ड्रॉ कराने में कामयाबी हासिल की।