सचिन तेंदुलकर के 51 टेस्ट शतकों के सफ़र में नंबर 21 से 25 हैं बेहद रोमांचक

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#22वां शतक- 116 मेलबोर्न में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ (1999)

Sachin Tendulkar smashes a four from the bowling of Shane Warne.

दिसंबर 1999 में भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया। भारतीय टीम का ये दौरा 8 साल बाद था। इससे पहले भारतीय टीम ने साल 1991/92 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था जो कि टीम इंडिया के काफी संघर्ष भरा रहा था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले दौरे पर सचिन तेंदुलकर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 148 रनों की पारी और 114 रनों की पारी खेली थी, लेकिन इस बार का ऑस्ट्रेलिया दौर सचिन तेंदुलकर के लिए बेहद खास था क्योंकि इस बार सचिन तेंदुलकर टीम इंडिया के कप्तान के तौर पर मैदान पर खेलने वाले थे। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्हीं की जमीन पर सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में भारतीय टीम की शुरुआत काफी खराब रही। सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेले गए पहले टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने पहला पारी में अर्धशतक लगाते हुए 61 रनों की पारी खेली थी लेकिन दूसरी पारी में सचिन तेंदुलकर अपना खाता तक नहीं खोल पाए थे और ऑस्ट्रेलिया ने सचिन तेंदुलकर को 0 रन पर ही आउट कर पैवेलियन का रास्ता दिखा दिया था। वहीं ऑस्ट्रेलिया दौर पर खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। इसके साथ टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया। हालांकि सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में टीम को उम्मीद थी कि भारतीय गेंदबाद ऑस्ट्रेलिया के जल्दी विकेट झटक लेंगे लेकिन ऐसा मुमकिन हो न सका। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की ओर से स्लेटर ने 91 रनों की पारी, रिकी पोंटिंग ने 67 रनों की पारी और एडम गिलक्रिस्ट ने 78 रनों की पारी खेली। इनकी अर्धशतकीय पारियों के बदौलत ऑस्ट्रेलिया एक बड़े स्कोर की तरफ बढ़ चुका था। इसके अलावा निचले क्रम के बल्लेबाजों में ली और फ्लेमिंग ने अच्छी बल्लेबाजी की और ऑस्ट्रेलिया के लिए रन बटोरे। जिसकी मदद से आखिर में ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 405 रन बनाने में कामयाब रहा। पहले टेस्ट में भारतीय बल्लेबाज बुरी तरह से विफल रहे थे क्योंकि वे केवल दो पारियों में 395 रन ही बना सके थे। इसलिए इस मैच में बल्लेबाजों को जिम्मेदारी लेनी थी। हालांकि, मेजबान के बनाए 405 रनों के जवाब में इस बार भी भारतीय बल्लेबाजों का पहले टेस्ट मैच जैसा ही हाल रहा। दूसरे टेस्ट मैच में भारत को शुरुआती झटके लग चुके थे। भारत के 2 विकेट 7 ओवर में महज 11 रनों के स्कोर पर ही पैवेलियन लौट चुके थे। इसके बाद सचिन तेंदुलकर मैदान पर बल्लेबाजी करने आए। सचिन तेंदुलकर ने मैदान पर टीम की कमान संभालने के बाद धीरे-धीरे स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाया। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी तिकड़ी मैक्ग्रा, फ्लेमिंग और ली की खतरनाक गेंदबाजी का डटकर सामना किया और क्रीज पर डटे रहे। इस पारी में सचिन तेंदुलकर ही एकमात्र ऐसे बल्लेबाज थे जो संयमित होकर बल्लेबाजी करते रहे और रन बनाते रहे। सचिन तेंदुलकर के अलावा कोई भी बल्लेबाज अच्छी पारी नहीं खेल पाया और टीम इंडिया के सारे बल्लेबाज ताश की पत्तों की तरह ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी के आगे ढ़ह गए। पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया सिर्फ 238 रन ही बना पाई। इस पारी में सचिन तेंदुलकर ही एकमात्र ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने रन बनाए और अपने करियर का 22वां टेस्ट शतक भी लगा डाला। सचिन तेंदुलकर ने इस पारी में 116 रन बनाए। इस पारी में भारतीय बल्लेबाजों की ओर से सचिन तेंदुलकर के बनाए 116 रन के अलावा सर्वाधिक स्कोर 31 रन था। वहीं इस मैच की दूसरी पारी में भी सचिन तेंदुलकर ने ही टीम इंडिया की ओर से सर्वाधिक 52 रनों की पारी खेली। सचिन के अलावा कोई भी भारतीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण को झेल नहीं पाया, जिसके कारण पूरी टीम को दूसरे टेस्ट मैच में 180 रनों से हार का सामना करना पड़ा। टीम इंडिया इस मैच में जरूर हार गई लेकिन कप्तान सचिन तेंदुलकर को इस मैच में मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया। तेंदुलकर इस मैच में एकमात्र शतक लगाने वाले बल्लेबाज थे।

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