#23वां शतक-122 दिल्ली में जिम्बाब्वे के ख़िलाफ़ (2000)

साल 2000 में भारत और जिम्बाब्वे के बीच टेस्ट सीरीज खेली गई। ये पहला मौका था जब भारत और जिम्बाब्वे के बीच एक से ज्यादा टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई हो। जिम्बाब्वे अभ्यास मैचों में काफी अच्छे प्रदर्शन के बाद भारत के खिलाफ आत्मविश्वास से भरा हुआ था। फिरोज शाह कोटला, दिल्ली के मैदान पर भारत और जिम्बाब्वे के बीच टेस्ट मैच खेला गया। जिसमें जिम्बाब्वे ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। हालांकि जिम्बाब्वे का टॉप बल्लेबाजी क्रम कुछ खासा कमाल नहीं दिखा पाया और उसके टॉप बल्लेबाज 155 रनों के स्कोर पर ही पैवेलियन लौट चुके थे। हालांकि निचले क्रम के कुछ बल्लेबाजों ने ठीक प्रदर्शन किया। जिम्बाब्वे की ओर से एंडी फ्लॉवर ने टीम के लिए शानदारी पारी खेली, जिसकी बदौलत जिम्बाब्वे की टीम भारतीय टीम के आगे एक सम्मानजनक स्कोर खड़ा कर पाई। एंडी फ्लॉवर ने शानदार 183 रनों की पारी खेली। जिसके कारण जिम्बाब्वे की टीम ने पहली पारी में 422 रन बना दिए। इसके जवाब में भारतीय टीम ने ठीक शुरुआत की। 132 रनों के स्कोर पर भारतीय टीम के 2 विकेट आउट हो जाने के बाद सचिन तेंदुलकर ने राहुल द्रविड़ के साथ मैदान पर टीम की कमान संभाली। टीम इंडिया को इस समय एक मजबूत साझेदारी का दरकार थी कि जो टीम इंडिया को सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के रूप में मिली। इस पारी में राहुल द्रविड़ ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 200 रनों की पारी खेली तो वहीं दूसरे छोर से सचिन तेंदुलकर राहुल का साथ दे रहे थे। इस दौरान सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर का 23वां शतक पूरा किया। सचिन तेंदुलकर ने इस पारी में 122 रन बनाए। भारतीय ने 458 रनों पर पहुंचकर अपनी पहली पारी घोषित कर दी थी। इसके बाद दूसरी पारी में जिम्बाब्वे को भारतीय टीम ने 225 रनों पर ही रोक दिया। जिसके कारण टीम को जीत के लिए 190 रनों का लक्ष्य मिला। दूसरी पारी में भारत की शुरुआत खराब रही और टीम इंडिया के 2 विकेट 15 रनों के स्कोर पर ही गिर चुके थे। हालांकि भारतीय टीम ने आखिरकार 7 विकेट से इस मैच को अपने नाम कर लिया था।