#25वां शतक- 126 चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ (2001)

इसमें कोई संदेह नहीं है कि साल 2001 की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज वापसी की एक सीरीज थी, खासकर भारतीयों के लिए। इस सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में एक नाटकीय बदलाव भी देखा गया, जब लक्ष्मण और द्रविड़ ने भारत को हार से बचाने के लिए चैंपियंस की तरह बल्लेबाजी की और फिर गेंदबाजी में हरभजन सिंह ने कमाल दिखाया जिसके बूते भारत दूसरा टेस्ट मैच जीतकर इस सीरीज को 1-1 बराबरी पर लाने में कामयाब रहा। दो टेस्ट मैचों के बाद चेन्नई में निर्णायक मैच में दोनों ही टीमों के पास सीरीज पर कब्जा करने का मौका था। पिछली दो पारियों में सचिन तेंदुलकर का प्रदर्शन निराशानजनकर रहा था और रन स्कोर करने में नाकाम रहे थे। सीरीज के पहले टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर ने भले ही लगातार दोनों पारियों में अर्धशतक लगाया था लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने दोनों पारियों में 10-10 रन बनाए थे। ऑस्ट्रेलिया ने चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। हेडन के 203 रनों के शानदार स्कोर के बाद, ऑस्ट्रेलिया ने 391 रन बनाए। इसके जवाब में भारत ने मजबूत शुरुआत की। एसएस दास और रमेश ने मिलकर भारत के लिए 123 रनों की ओपनिंग साझेदारी की। इसके बाद दूसरे विकेट के लिए भी दास ने मिलकर लक्ष्मण के साथ साझेदारी की और स्कोर को 2 विकेट के नुकसान पर 211 रन ले गए। इसके बाद सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी करने मैदान पर आए। उस समय भारत तेजी से मजबूत स्कोर की ओर कदम बढ़ा रहा था। लेकिन सचिन तेंदुलकर के मैदान पर एक छोर संभालने के बाद रनों की रफ्तार और भी ज्यादा तेज हो गई। मैक्ग्रा, गिलेस्पी और वॉर्न की गेंदों पर सचिन तेंदुलकर ने शानदार शॉट खेले। वहीं उन्होंने पांचवे विकेट लिए राहुल द्रविड के साथ मिलकर 169 रनों की बेहतरीन साझेदारी को भी अंजाम दिया। जिससे भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर बढ़त भी कायम कर ली। इसके साथ ही सचिन तेंदुलकर ने इस पारी में शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपने टेस्ट करियर का 25वां शतक भी पूरा कर दिया। उन्होंने इस पारी में 126 रन बनाए। सचिन तेंदुलकर के रनों के सहारे ही भारतीय टीम ने तीसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बढ़त कायम कर ली जिसकी बदौलत भारतीय टीम ने तीसरा टेस्ट मैच में जीत के साथ ही सीरीज पर भी 2-1 से कब्जा जमा लिया।