# 33 शतक, 194* मुल्तान में पाकिस्तान के खिलाफ (2004)
भारत और पाकिस्तान के बीच मुल्तान में साल 2004 में खेला गया टेस्ट मैच वीरेंदर सहवाग की धमाकेदार पारी के कारण याद किया जाता है। इस मैच में वीरेंदर सहवाग ने अपने बल्ले से रनों की बरसात करते हुए पहले शतक फिर दोहरा शतक और आखिर में तिहरा शतक जड़ दिया। इस पारी में सहवाग ने रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया और 309 रन बनाए। इसके बाद इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने सबसे ज्यादा रनों की पारी खेली। वीरेंदर सहवाग के बल्ले से जहां रनों की बरसात हो रही थी तो वहीं सचिन तेंदुलकर ने भी अपने करियर के एक और बेहतरीन शतक को अंजाम दिया। हालांकि इस मैच में सचिन तेंदुलकर अपना एक और दोहरा शतक लगाने से चूक गए। पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया ये मैच वीरेंदर सहवाग और सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी के कारण जाना जाता है। इस मैच में दोनों बल्लेबाजों ने धमाकेदार बल्लेबाजी करते हुए तीसरे विकेट के लिए 336 रनों की यादगार साझेदारी निभाई। हालांकि ये मैच दोनों खिलाड़ियों की बल्लेबाजी के अलावा एक विवाद के कारण भी याद किया जाता है। दरअसल, इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपने टेस्ट करियर का 33वां शतक जड़ा। इसके बाद सचिन तेंदुलकर अपने दोहरे शतक के करीब बढ़ रहे थे। सचिन 194 रनों पर नाबाद खेले रहे थे और अपने दोहरे शतक से सिर्फ 6 रन दूर थे। उनकी बल्लेबाजी को देखते हुए साफ तौर पर लग रहा था कि वो आज अपने करियर का एक ओर दोहरा शतक लगा देते लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी को भी उम्मीद तक नहीं थी। इस मैच में राहुल द्रविड़ कप्तान थे, पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम का स्कोर 5 विकेट के नुकसान पर 675 रन हो चुका था। सचिन तेंदुलकर 194 रनों पर नॉट आउट थे और तभी कप्तान राहुल द्रविड़ ने पारी को पारी घोषित कर दिया। सचिन तेंदुलकर इस कारण अपने करियर का एक और दोहरा शतक लगाने से रह गए। जिसके कारण काफी विवाद हुआ। हालांकि इस मैच में तेंदुलकर ने 8 घंटे बल्लेबाजी की और 21 चौके लगाए। भारत के आगे इस मैच में पाकिस्तान के गेंदबाज शोएब अख्तर, सकलैन मुश्ताक, शबीर अहमद, अब्दुल रजाक और मोहम्मद समी बेदम नजर आए। आखिरी में भारत ने इस मैच को पारी और 52 रनों से अपने नाम किया।