सचिन तेंदुलकर के 51 टेस्ट शतकों के सफ़र में एक नज़र 41 से 45 तक के शतकों पर

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# 43 शतक- 100* अहमदाबाद में श्रीलंका के खिलाफ (2009)

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साल 2009 में भारत ने श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच खेला। इस मैच में श्रीलंका भारतीय टीम पर हावी हो गई। पहले बल्लेबाजी करते हुए इस मैच की पहली पारी में भारत ने 426 रनों का स्कोर खड़ा किया। जिसके जवाब में श्रीलंका के बल्लेबाजों ने जमकर भारतीय गेंदबाजों की धुनाई की। टीम इंडिया के गेंदबाज श्रीलंका की बल्लेबाजी के आगे बेदम नजर आए। जिसका फायदा उठाते हुए श्रीलंका ने पहली पारी में 760 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर भारत के सामने खड़ा कर दिया। श्रीलंका के 760 रन बना देने के कारण श्रीलंका को भारत पर 334 रनों की बढ़त भी हासिल हो गई। 760 रन बना देने के कारण इस मैच में भारत पर दबाव बन गया था और ये दबाव तब और भी ज्यादा बढ़ गया जब मैच के चौथे दिन ही भारत के 190 रनों के स्कोर पर दो विकेट पैवेलियन लौट गए थे। भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया ये मैच पांचवें दिन तक जा चुका था। पांचवें दिन 209 रनों के स्कोर पर भारत का तीसरा विकेट गिर जाने के बाद सचिन तेंदुलकर मैदान पर बल्लेबाजी करने आए। सचिन तेंदुलकर के मैदान पर आने तक टीम इंडिया श्रीलंका से 125 रन पीछे थी। इस मैच में भारतीय टीम को अब अपनी हार बचानी थी और सचिन तेंदुलकर से टीम इंडिया को काफी उम्मीदें थी। मैच में भारत को बनाए रखने के लिए सचिन तेंदुलकर ने एक छोर संभाले रखा और संभलकर स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाने लगे। दूसरे छोर से गौतम गंभीर का भी सचिन तेंदुलकर को बखूबी साथ मिला। आखिरी में सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर का 43वां शतक भी पूरा कर लिया। इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने 100 रनों की नाबाद पारी खेली। अपनी इस पारी के दौरान सचिन तेंदुलकर श्रीलंका की खतरनाक गेंदबाजी आक्रमण का डटकर सामना कर रहे थे। सचिन तेंदुलकर क्रीज पर एक तरफ अपना विकेट भी बचाए हुए थे और दूसरी तरफ स्कोर बोर्ड भी बढ़ा रहे थे। श्रीलंकाई गेंदबाजी सचिन तेंदुलकर के आगे नाकाम साबित हुई। सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी के कारण भारतीय टीम ने श्रीलंका के हाथों मैच गंवाने से बचा लिया और आखिरी में मैच ड्रॉ कराने में भारतीय टीम को सफलता हासिल हुई।