सचिन तेंदुलकर के 51 टेस्ट शतकों के सफ़र में एक नज़र 46 से 50 तक के शतकों पर

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अपने क्रिकेट करियर में 37 साल की उम्र में खिलाड़ी संन्यास के बारे में सोचने लग जाते हैं। लेकिन सचिन तेंदुलकर में अभी और भी खेल बाकी था। इस खेल के प्रति समर्पण के कारण सचिन तेंदुलकर ने 37 साल की उम्र में अपने टेस्ट करियर का 50वां शतक पूरा कर टेस्ट क्रिकेट में शतकों का अर्धशतक ठोक डाला। इतना ही नहीं साल 2010 में सचिन तेंदुलकर ने शानदार फॉर्म अपनाए रखी और 37 साल की उम्र में साल 2010 में टेस्ट मैचों में एक के बाद 7 शतक ठोक दिए। साल 2010 में लगाए गए इन 7 शतकों में से आखिरी 5 शतक बनाते हुए सचिन तेंदुलकर ने साल 2010 में ही टेस्ट में अपने शतकों का अर्धशतक पूरा कर लिया था। सचिन तेंदुलकर के 51 टेस्ट शतकों के सफर में उनके शुरुआती 45 शतक के बारे में पहले बात की जा चुकी है। आइए अब सचिन तेंदुलकर के टेस्ट करियर में 46वें शतक से 50वें शतक तक पहुंचने की याद ताजा की जाए:

#46वां शतक-100 नागपुर में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ (2010)

साल 2010 में भारतीय क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका के साथ भारत में ही सीरीज खेली। साल 2010 में खेली गई इस सीरीज का पहला टेस्ट मुकाबला यादगार मैचों में से एक है। नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के साथ खेली गई सीरीज के पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम को चार दिन में ही दक्षिण अफ्रीका ने धूल चटा दी थी। भारत को इस मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच की पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने भारतीय टीम के सामने 558 रनों का स्कोर खड़ा दिया। जिसके जवाब में भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों का सामना नहीं कर पाई। कोई भी भारतीय बल्लेबाज दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजी आक्रमण का जवाब नहीं दे पाया, जिसके कारण भारत की पूरी टीम 233 रनों पर ही सिमट गई। इतने कम स्कोर के कारण भारतीय टीम को फॉलोऑन का भी सामना करना पड़ा। फॉलोऑन के कारण फिर से बल्लेबाजी करने आई भारतीय टीम का हाल पहले जैसा ही था। भारतीय टीम की बल्लेबाजी दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजी के आगे नाकाम साबित हो रही थी। लेकिन इस बार सचिन तेंदुलकर का बल्ला चला, भारतीय टीम के 24 रनों के स्कोर पर ही दो विकेट पैवेलियन लौट चुके थे। इसके बाद सचिन तेंदुलकर मैदान पर बल्लेबाजी करने के लिए आए। दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाजी के आगे सचिन तेंदुलकर ने डटकर बल्लेबाजी की। सचिन तेंदुलकर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैदान पर एक छोर संभाले हुए थे और रन बटोरे जा रहे थे। हालांकि सचिन तेंदुलकर को दूसरे छोर से किसी का साथ नहीं मिला और दूसरे छोर से विकटों का गिरने का सिलसिला लगातार जारी था। अपनी धैर्य से भरी पारी में सचिन तेंदुलकर ने टीम का स्कोर बोर्ड आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। सचिन तेंदुलकर ने संभलकर खेलते हुए इस पारी में अपने टेस्ट करियर का 46वां शतक पूरा कर लिया। अपनी इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने 100 रनों का योगदान दिया। सचिन तेंदुलकर ने 13 चौके भी लगाए, लेकिन सचिन तेंदुलकर भारत की हार नहीं बचा पाए। टीम इंडिया को इस मैच में पारी से दक्षिण अफ्रीका से हार का सामना करना पड़ा।

#47वां शतक-106 कोलकाता में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ (2010)

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साल 2010 में भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेली। नागुपर में खेले गए इस टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत का दूसरा टेस्ट मैच कोलकाता के ईडन गार्डन्स के मैदान पर खेला गया। इस दूसरे टेस्ट मैच में भारत को पहले टेस्ट में मिली हार का बदला दक्षिण अफ्रीका से लेना था। इस सीरीज में कोलकाता टेस्ट से पहले दक्षिण अफ्रीका 1-0 से आगे चल रहा था। कोलकाता में खेले गए इस दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम की गेंदबाजी शानदार रही। जिसके बदौलत दक्षिण अफ्रीका को 300 रनों का स्कोर भी पार नहीं करने दिया और पूरी टीम पर 296 रनों पर ही लगाम लगा दी। भारतीय गेंदबाजों ने कोलकाता टेस्ट में अपना कमाल दिखा दिया था लेकिन अब बारी थी भारतीय बल्लेबाजों की। इस टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने भी निराश नहीं किया और टीम के प्रमुख बल्लेबाजों ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शतकीय पारी खेली। इन बल्लेबाजों में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी शामिल थे। इसके अलावा भारत की ओर से शतक लगाने वालों में टीम इंडिया के धाकड़ बल्लेबाज वीरेंदर सहवाग और वीवीएस लक्ष्मण भी शामिल थे। सचिन तेंदुलकर, वीरेंदर सहवाग और वीवीएस लक्ष्मण के शतकों की बदौलत भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 600+ का स्कोर खड़ा करने में कामयाब रही। भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका के 296 रनों के जवाब में 643 रन बना डाले थे। सचिन तेंदुलकर ने इस पारी में अपने टेस्ट करियर का 47वां शतक ठोक डाला। 51.45 की स्ट्राइक रेट लिए सचिन तेंदुलकर ने इस पारी में 106 रन बनाए। इसके साथ ही उन्होंने इस पारी में 12 चौके भी लगाए। इस सीरीज में सचिन तेंदुलकर का ये लगातार दूसरा शतक भी था। हालांकि सचिन तेंदुलकर के अलावा दूसरे छोर से वीरेंदर सहवाग इस मैच में शानदार बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजी आक्रमण को पूरी तरह से तहस नहस कर चुके थे। सहवाग ने इस मैच में शतक लगाते हुए 174 गेंदों में 165 रन बनाए। इस पारी में उन्होंने 23 चौके और 2 छक्के भी लगाए। इसके अलावा वीवीएस लक्ष्मण ने इस पारी में 260 गेंदों का सामना किया और 143 रन बनाए। आखिर में भारतीय टीम ने इस मैच को पांचवें दिन अपने नाम कर लिया और सीरीज को 1-1 की बराबरी पर ले आए।

#48वां शतक- 203 कोलंबो में श्रीलंका ख़िलाफ़ (2010)

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साल 2010 में भारतीय टीम ने श्रीलंका का दौरा किया। जहां श्रीलंका और भारत के बीच टेस्ट सीरीज खेली गई। इस टेस्ट सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच कोलंबो के मैदान पर खेला गया। मेजबान श्रीलंका ने पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए भारतीय गेंदबाजों की जमकर खबर ली और भारतीय टीम के आगे 600+ रनों का स्कोर खड़ा कर दिया। श्रीलंकाई टीम ने 4 विकेट खोकर 642 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। इसके जवाब में भारतीय टीम ने श्रीलंका को आड़े हाथों लिया और दनादन रन स्कोर करते गए। भारतीय टीम ने श्रीलंका की पहली पारी के 642 रनों के जवाब में 707 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा दिया। भारतीय टीम के इस स्कोर में सबसे ज्यादा रनों का योगदान सचिन तेंदुलकर का रहा। इस पारी में भारत को पहला झटका वीरेंदर सहवाग के रूप में लगा। 165 रनों के स्कोर पर 99 रनों पर खेल रहे वीरेंदर सहवाग अपना विकेट गंवा बैठे। इसके बाद महज 4 रनों के अंतराल में ही 169 रनों पर भारतीय टीम को दूसरा झटका एम विजय के रूप में भी लगा गया। जिसके बाद सचिन तेंदुलकर मैदान पर बल्लेबाजी करने के लिए आए। हालांकि अभी भारतीय टीम का स्कोर 173 रन पहुंचा ही था कि टीम को राहुल द्रविड़ के रूप में तीसरा झटका भी लग गया। 4-4 रनों के अंतराल में भारतीय टीम के 3 विकेट गिर चुके थे। जिसके बाद भारतीय टीम थोड़ी दवाब में आ गई। लेकिन सचिन तेंदुलकर ने इस दबाव में भी शानदार बल्लेबाजी की। सचिन तेंदुलकर की इस पारी में संयमित बल्लेबाजी देखने को मिली। श्रीलंकाई गेंदबाजी का जवाब देते हुए सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर का 48वां शतक भी पूरा कर लिया। साल 2010 का ये सचिन तेंदुलकर का पांचवां टेस्ट शतक भी था। सचिन तेंदुलकर इस पारी में सिर्फ शतक लगाने तक की सीमित नहीं रहे। सचिन तेंदुलकर दोहरे शतक की तरफ कदम बढ़ा चुके थे। धीरे-धीरे रन स्कोर करते हुए सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर का एक और दोहरा शतक जड़ दिया। सचिन तेंदुलकर के करियर का ये पांचवां दोहरा शतक था। इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने 347 गेंदों का सामना करते हुए 203 रन बनाए। सचिन तेंदुलकर की स्ट्राइक रेट 58.50 रही। इसके साथ ही इस पारी में सचिन तेंदुलकर के बल्ले से 1 छक्के के साथ 23 शानदार चौके भी निकले। इस पारी में सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे ज्यादा रन सुरेश रैना ने बनाए। सुरेश रैना ने 228 गेंदों में 120 रनों की शतकीय पारी खेली। इसके साथ ही सचिन तेंदुलकर और सुरेश रैना के बीच पांचवें विकेट लिए भारत के लिए मजबूत 256 रनों की साझेदारी भी हुई। आखिर में ये मैच ड्रॉ हो गया।

#49वां शतक-214 बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ (2010)

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साल 2010 में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत में दो टेस्ट सीरीज खेलने के लिए आई। पहले टेस्ट मैच जीतने के बाद भारत इस सीरीज में 1-0 से ऑस्ट्रेलियाई टीम पर बढ़त बनाए हुए था। इसके बाद इस सीरीज का दूसरा और आखिरी टेस्ट मैच बेंगलुरु के मैदान पर खेला गया। बेंगलुरु टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 478 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया। ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी में बनाए 478 रनों के जवाब में भारतीय टीम के 2 विकेट 38 रनों के स्कोर पर ही गिर चुके थे। जिसके बाद मैदान पर सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी करने आए। सचिन तेंदुलकर आज फिर एक बड़ी पारी खेलने और टीम को मजबूत स्थिति में ला खड़ा करने के इरादे से क्रीज पर आए थे। सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी से इस बात का अंदाजा लग गया था कि आज सचिन तेंदुलकर के बल्ले से रनों की बरसात होने वाली है। स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाते हुए सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर का एक और शतक लगा दिया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगाया ये शतक सचिन तेंदुलकर के टेस्ट करियर का 49वां शतक था। इस शतक के बाद सचिन तेंदुलकर अपने शतकों के अर्धशतक से सिर्फ एक कदम ही दूर थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए सचिन तेंदुलकर स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाए जा रहे थे। अपने टेस्ट करियर का 49वां शतक लगा देने के बाद सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण को पूरी तरह से बिखेरकर रख दिया और हर कोने में रन बरसाए। अपने शानदर शॉट और बेहतरीन टाइमिंग की बदौलत सचिन तेंदुलकर ने इस पारी में भी दोहरा शतक लगा दिया। सचिन तेंदुलकर के करियर का छठा और ये आखिरी दोहरा शतक था। अपनी इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 363 गेंदों का सामना करते हुए 214 रन बनाए। इसके साथ ही सचिन तेंदुलकर जब आउट हुए तब तक भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया पर बढ़त हासिल कर ली थी। अपनी इस पारी में सचिन तेंदुलकर की 58.95 की स्ट्राइक रेट रही। इसके अलावा सचिन तेंदुलकर ने अपनी इस पारी में दो छक्कों के साथ 22 चौके लगाए। सचिन तेंदुलकर की इस पारी के दौरान उन्हें दूसरे छोर से एम विजय का भी बखूबी साथ मिला। दोनों बल्लेबाजों के बीच तीसरे विकेट के लिए 308 रनों की मजबूत साझेदारी हुई। विजय ने इस पारी में 310 गेंदों पर 139 रनों का योगदान दिया। इसके साथ ही भारत की पहली पारी 495 रनों पर सिमट गई। आखिर में भारतीय टीम ने इस मैच को 7 विकटों से अपने नाम किया और साथ ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई दो टेस्ट मैचों की सीरीज पर 2-0 से कब्जा भी कर लिया।

# 50वां शतक-111* सेंचुरियन पार्क में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ (2010)

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साल 2010 के आखिरी में भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया। जहां भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेली। इस तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट मैच सेंचुरियन पार्क में खेला गया। इस मैच को कई मायनों में याद किया जाता है। इस टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। इसके साथ ही भारतीय टीम को पहले बल्लेबाजी करने का आमंत्रण दिया। हालांकि मैच के पहले दिन ही भारतीय टीम दबाव में दिखी। दक्षिण अफ्रीका की गेंदबाजी के आगे पूरी भारतीय टीम ही फिसड्डी साबित हुई और 136 रनों के स्कोर पर पूरी टीम ने दक्षिण अफ्रीका के आगे घुटने टेक दिए। पहली पारी में 136 रनों के स्कोर पर ऑल आउट हो जाने के बाद भारतीय टीम गेंदबाजी में भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। दक्षिण अफ्रीका ने बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 620 रनों का एक पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया। इस स्कोर के साथ ही दक्षिण अफ्रीका को एक बड़ी बढ़त भी हासिल हो गई। भारतीय टीम इस मैच में पूरी तरह से दवाब में आ चुकी थी। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने आई भारतीय टीम ने संभलकर बल्लेबाजी की। पहली पारी की तरह इस बार भारतीय टीम के विकटों की झड़ी तो नहीं लगी लेकिन टीम दबाव में थी। इस दबाव की घड़ी में सचिन तेंदुलकर ने टीम के स्कोर में खास योगदान दिया। सचिन तेंदुलकर हालात को ध्यान में रखकर रन स्कोर किए जा रहे थे। धीरे-धीरे ही रन स्कोर करते हुए सचिन तेंदुलकर ने शतक भी लगा डाला। सचिन तेंदुलकर का ये शतक काफी अहम था। पहला, ये शतक टीम को मजबूती देने के लिए ऐसे समय में आया जब टीम संघर्ष कर रही हो और दूसरा, ये सचिन तेंदुलकर के टेस्ट करियर का 50वां शतक था। क्रिकेट इतिहास में सचिन तेंदुलकर के अलावा कोई भी ऐसा बल्लेबाज नहीं है जिसने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के किसी फॉर्मेट में 50 शतक लगाने में कामयाबी हासिल की हो। सचिन तेंदुलकर ही एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिनके नाम क्रिकेट के किसी फॉर्मेट में 50 शतकों का रिकॉर्ड दर्ज हो। वहीं 37 साल की उम्र में 50 टेस्ट शतकों का तक का सफर करना किसी भी बल्लेबाज के लिए काफी अहम रहता है। हालांकि अपने 50वें टेस्ट शतक के मैच में सचिन तेंदुलकर अपनी टीम को जीत नहीं दिला पाए। इस मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में सचिन तेंदुलकर ही भारत की ओर से एकमात्र ऐसे बल्लेबाज थे तो क्रीज पर अंत तक डटे रहे औ नॉट आउट रहे। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में 241 गेंदों का सामना किया और 111 रनों की नाबाद पारी खेली। इस पारी में सचिन की स्ट्राइक रेट 46.05 रही। वहीं उन्होंने 13 चौके और 1 छक्का भी इस मैच में लगाया। अगर सचिन तेंदुलकर को इस मैच में दूसरे छोर से साथ मिलता तो शायद ये मैच टीम इंडिया बचा सकती थी लेकिन आखिर में टीम को पारी और 25 रनों से हार का सामना करना पड़ा। लेखक: सोहम समद्दर अनुवादक: हिमांशु कोठारी