#7 142, लखनऊ में श्रीलंका के ख़िलाफ़, 1994
1993 में भारत का श्रीलंका दौरा सफल रहा। इसके बाद साल 1994 की शुरुआत में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने के लिए श्रीलंका भारत दौरे पर आई। 3 टेस्ट मैचों का पहला टेस्ट मैच लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में खेला गया। इस मैदान पर खेला जाने वाला ये आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच था। इस मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहले मैदान पर बल्लेबाजी करते हुए मनोज प्रभाकर और विनोद कांबली ने टीम को अच्छी शुरुआत दी। दोनों बल्लबाजों के आउट हो जाने के बाद सचिन तेंदुलकर और नवजोत सिंह सिद्धू ने टीम का बल्लेबाजी आक्रमण संभाला। दोनों बल्लेबाजों ने अपने तरीके से श्रीलंका के गेंदबाजों का सामना किया। श्रीलंकाई गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों के आगे बेदम नजर आ रहे थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता था कि सिद्धू जहां छक्के के लिए बल्ला घूमा रहे थे तो वहीं तेंदुलकर बाउंड्री से स्कोर बोर्ड आगे बढ़ा रहे थे। शानदार टाइमिंग और फुटवर्क के साथ सचिन तेंदुलकर अपने खेल को आगे बढ़ा रहे थे। सचिन तेंदुलकर ने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी निभाई। इसके बाद 124 रन बनाकर नवजोत सिंह सिद्धू आउट हो गए। हालांकि सिद्धू के आउट होने के बाद तेंदुलकर रुके नहीं और रन बनाते गए। तेंदुलकर ने श्रीलंका के मुरलीधरन, अनुरासिरी और विक्रमासिंघे के खिलाफ शानदार शॉट लगाए। इसके साथ ही उन्होंने अपना शतक भी पूरा कर लिया। सचिन तेंदुलकर ने अपने शतकीय पारी में 224 गेंदों का सामना किया और 142 रन बनाए। इसमें उन्होंने शानदार 22 चौके भी जड़े। इसके साथ ही भारतीय टीम ने 511 रनों पर अपनी पहली पारी समाप्त कर दी। सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी की बदौलत टीम इंडिया एक मजबूत स्थिति में आ गई थी। वहीं गेंदबाजी में अनिल कुंबले ने शानदार गेंदबाजी की और श्रीलंका के बल्लेबाज़ी लाइनअप की कमर ही तोड़कर रख दी। अनिल कुंबले के आगे कोई भी श्रीलंकाई बल्लेबाज नहीं टिक पाया और टीम इंडिया श्रीलंका के खिलाफ एक पारी से जीत दर्ज करने में कामयाब रही।