# 8 179 नागपुर में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़, 1994
भारतीय टीम वेस्ट इंडीज के खिलाफ 5 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला जीतने के बाद आत्मविश्वास से भरपूर थी। वनडे के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टीम को टेस्ट सीरीज भी खेलनी थी। टेस्ट सीरीज के पहले मैच में भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए अच्छी शुरुआत की और मुंबई में पहला टेस्ट अपने नाम करने में कामयाब रही। इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टीम ने नागपुर में दूसरा टेस्ट मुकाबला खेला। दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। हालांकि भारतीय टीम की इस मैच में शुरुआत अच्छी नहीं रही और 48 रनों के स्कोर पर ही टीम इंडिया को मनोज प्रभाकर और विनोद कांबली के रूप में जल्दी दो बड़े झटके लग गए। इसके बाद क्रीज पर नवजोत सिंह सिद्धू के साथ सचिन तेंदुलकर ने टीम की कमान संभाली। दोनों खिलाड़ी शानदार शॉट खेलकर स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाए जा रहे थे। दोनों ही बल्लेबाजों ने वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को चैन की सांस नहीं लेने दी। शानदार बल्लेबाजी करते हुए सिद्धू ने अपना शतक पूरा किया। हालांकि शतक पूरा करते हुए सिद्धू ज्यादा देर तक क्रीज पर नहीं टिक पाए और आउट हो गए लेकिन सचिन अभी भी क्रीज पर डटे हुए थे और रनों की बौछार किए जा रहे थे। नवजोत सिंह सिद्धू के आउट होने के बाद सचिन तेंदुलकर को दूसरे छोर से मोहम्मद अजहरुद्दीन का भी काफी बेहतर साथ मिला। इसके साथ ही रन बटोरते हुए सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर में आठवां शतक और वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला शतक लगाने में सफलता हासिल की। अपने शानदार खेल की बदौलत सचिन तेंदुलकर 150 रनों के स्कोर को पार कर चुके थे और 200 रनों की तरफ बढ़ रहे थे लेकिन तभी 179 रन बनाते ही तेंदुलकर अपना विकेट गंवा बैठे। कर्टनी वॉल्श ने तेंदुलकर को आउट कर दिया, तेंदुलकर ने अपनी इस 179 रनों की पारी में 24 चौके और 1 छक्का लगाया। तेंदुलकर का 8वां टेस्ट शतक उस समय उनका उच्चतम स्कोर था। इसके साथ ही टीम इंडिया ने 546/9 में अपनी पहली पारी घोषित कर दी। दूसरी पारी में भी तेंदुलकर ने शानदार बल्लेबाजी की और अर्धशतक बनाया। हालांकि, यह मैच ड्रॉ हो गया था।