#10 177, ट्रेंट ब्रिज पर इंग्लैंड के ख़िलाफ़, 1996
भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में पहला टेस्ट हार चुकी थी। इसके बाद भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर दूसरा टेस्ट मैच खेला। लॉर्ड्स के मैदान पर खेले गए इस मैच में सौरव गांगुली ने पदार्पण किया था और अपने पदार्पण मैच में सौरव गांगुली ने शतक लगा दिया था। इसके बाद भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरा टेस्ट ट्रेंट ब्रिज में खेला। जहां भारत ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इस मैच में 33 रनों पर ही टीम इंडिया विक्रम राठौर और नयन मोंगिया जैसे दो विकेट खो चुकी थी। इस हालात में सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली क्रीज पर थे। तेंदुलकर इस मैच में शानदार प्रदर्शन कर रहे थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता था कि सचिन एक के बाद एक बाउंड्री लगाए जा रहे थे। डॉमिनीक कॉर्क, मार्क इल्हम, अलन मुलाली और क्रिस लुईस सचिन तेंदुलकर को रोक पाने में नाकाम साबित हुए, जिसके चलते सचिन ने अपने टेस्ट करियर का 10वां शतक भी बना डाला। सचिन का 10वां शतक इंग्लैंड के खिलाफ चौथा शतक था। एक छोर से जहां सचिन तेंदुलकर रनों की बौछार कर रहे थे तो दूसरे छोर से सौरव गांगुली भी सचिन का साथ शानदार तरीके से निभा रहे थे। सौरव भी अपनी लॉर्ड्स में दूसरे टेस्ट की फॉर्म को तीसरे टेस्ट में भी अपनाए हुए थे। दोनों खिलाड़ियों ने मिलकर भारतीय टीम के लिए तीसरे विकेट के लिए 255 रनों की मजबूत साझेदारी की। तीसरे विकेट के रूप में सौरव गांगुली चलते बने। गांगुली ने 136 रन बनाए और एलन मुलाली का शिकार बन बैठे। हालांकि सचिन तेंदुलकर का बल्ला अब भी रन बरसा रहा था और इंग्लैंड के गेंदबाजों की जमकर ख़बर ले रहा था। सधी हुई और शानदार बल्लेबाजी के दम पर सचिन अपना स्कोर 150 रनों के पार ले गए। सौरव के बाद सचिन ने संजय मांजरेकर के साथ भी अच्छी साझेदारी की और चौथे विकेट के लिए 89 रन जोड़े। सचिन अपने उच्चतम स्कोर (179) को पार करने ही वाले थे कि अपना विकेट गवां बैठे। सचिन तेंदुलकर जब 177 रन पर पहुंचे ही थे तो चौथे विकेट के रूप में मार्क इल्हम ने सचिन को आउट कर दिया। इसके साथ ही सचिन अपने ही 179 रनों के उच्चतम स्कोर को तोड़ने से चूक गए भारत ने अंत में 521 रन पर अपनी पारी समाप्त कर दी। वहीं इंग्लैंड के माइक आथर्टन और नासिर हुसैन के शतक के कारण इंग्लैंड 564 रन बनाने में कामयाब रहा। जिसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी में 211 रन बनाए। दूसरी पारी में सचिन तेंदुलकर ने 97 गेंदों में 74 रन बनाए, ये मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ और इंग्लैंड ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज को 1-0 से अपने नाम कर लिया।