सचिन तेंदुलकर के 51 टेस्ट शतकों के सफ़र में एक नज़र 26 से 30 तक

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क्रिकेट इतिहास में शायद ही ऐसा कोई रिकॉर्ड होगा जिसे सचिन तेंदुलकर ने न बनाया हो। अपने 24 साल के करियर में सचिन तेंदुलकर हर दिन एक नया कीर्तिमान लिखने मैदान पर उतरते थे। आज भी कई मौक़ों पर सचिन तेंदुलकर की कमी खलती दिखाई देती है। अपने क्रिकेट करियर में सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट और एकदिवसीय दोनों ही फॉर्मेट में कमाल की बल्लेबाजी कर सबका दिल जीता है। शतकों के मामले में उन्होंने एकदविसीय मैचों में 49 तो टेस्ट मैचों में 51 शतक लगाए हैं। क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर ही एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट और एकदिवसीय मिलाकर कुल 100 शतक लगाए हों। 100 शतकों में सचिन तेंदुलकर ने लगभग हर टीम के खिलाफ शतकीय पारी को अंजाम दिया है। सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट मैचों में शानदार पारियां खेल शतकों का अर्धशतक बनाया है। सचिन तेंदुलकर के टेस्ट मैचों में बनाए 51 टेस्ट शतकों में से शुरुआती 25 टेस्ट शतकों के बारे में पहले ही बात की जा चुकी है। अपने शुरुआती 25 टेस्ट शतकों में सचिन ने 2 दोहरे शतकों को भी अंजाम दिया है। 25 टेस्ट शतक पूरा करने के बाद सचिन तेंदुलकर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आगे बढ़ते गए। आगे बढ़ने के इस क्रम में सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के महान खिलाड़ी सर डोनाल्ड ब्रैडमैन के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। आइए अब सचिन तेंदुलकर के टेस्ट मैचों में 26 से 30 शतकों पर डालते हैं एक नजर:

#26वां शतक- 155 ब्लोमफोंटेन में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़, 2001

साल 1996-97 में दक्षिण अफ्रीका के दौरा करने के बाद ऐसी आशंका थी कि साल 2001 में जब भारती टीम दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेगी तो उसके लिए वहां की परिस्थिति अनुकुल नहीं होंगी और भारतीय टीम को काफी संघर्ष करना पड़ेगा। हालांकि साल 2001 में जब भारत ने दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया तो पहले दिन से ही ये आशंकाए सच साबित होने लगी। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अगर सचिन तेंदुलकर टीम के साथ नहीं होते तो टीम को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता था। सचिन तेंदुलकर जब क्रीज पर बल्लेबाजी करने आए तो टीम इंडिया का स्कोर 2 विकेट के नुकसान पर 43 रन था। सलामी बल्लेबाज एसएस दास और राहुल द्रविड़ जल्दी ही अपना विकेट गंवा चुके थे। इसके बाद टीम का स्कोर महज 68 रन ही पहुंचा था कि भारत के 4 विकेट पैवेलियन लौट चुके थे। इस मैच से अपने करियर में पदार्पण करने वाले वीरेंद्र सहवाग का सचिन तेंदुलकर को बखूबी साथ मिला। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में शानदार शॉट खेले और भारत के स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाते रहे। सचिन तेंदुलकर ने इस पारी में बल्लेबाजी करते हुए अपने करियर का 26वां टेस्ट शतक पूरा किया। सचिन तेंदुलकर ने इस पारी में शॉन पोलॉक, जैक्स कैलिस, नेंटी हेवर्ड और मखाया नटिनी की गेंदबाजी का डटकर सामना किया और इनकी गेंदबाजी के वक्त मैदान के हर कोने में शॉट लगाए। अपने शानदार शॉट के कारण ही सचिन तेंदुलकर ने एक और शतक जड़ दिया। इस पारी में अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए सचिन तेंदुलकर ने 184 गेंदों में 155 रनों की पारी को अंजाम दिया। इस दौरान उनकी स्ट्राइक रेट 84.23 रही थी। इसके साथ ही अपनी इस पारी में उन्होंने 23 चौके और 1 छक्का भी लगाया। सचिन तेंदुलकर की पारी के सहारे भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहली पारी में 379 रनों का स्कोर खड़ा किया। हालांकि साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर खबर ली, जिसके चलते भारतीय टीम इस मैच को बचा नहीं पाई और आखिर में भारत को इस मैच में दक्षिण अफ्रीका के हाथों हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, ये मैच सचिन तेंदुलकर के बेहतरीन शतकों में से एक का गवाह बना।

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#27वां शतक- 103 अहमदाबाद में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ (2001)

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भारतीय क्रिकेट टीम में ऐसे कई मौके आए हैं जब टीम मुश्किल हालात में हो और सचिन तेंदुलकर ने फिर टीम की कमान संभालकर टीम की नैय्या पार लगाई हो। कई ऐसे भी मौके आए हैं जब टीम इंडिया के सारे खिलाड़ी नाकाम साबित हुए हों लेकिन सिर्फ सचिन तेंदुलकर ने वन मैन आर्मी की तरह टीम में भूमिका निभाई हो। ऐसे ही एक मैच में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की डूबती नैय्या को सचिन तेंदुलकर का सहारा मिला। साल 2001 में भारत और इंग्लैंड के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई। इंग्लैंड की टीम मोहाली के मैदान पर भारत के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में हार का सामना कर चुकी थी। जिसके बाद अहमदाबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने वापसी की और पहली पारी में इंग्लैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 407 रनों का स्कोर खड़ा दिया। इसके बाद गेंदबाजी में भी इंग्लैंड के गेंदबाजों ने कमाल दिखाया और भारत के 4 विकेट 100 रनों से पहले ही 93 रन पर ही पैवेलियन भेज दिए थे। हालांकि सचिन तेंदुलकर ने मैदान पर वीवीएस लक्ष्मण के साथ मिलकर भारतीय टीम को संभाला और स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाया। संभलकर खेलते हुए सचिन तेंदुलकर ने इस पारी में करीब 4 घंटे मैदान पर बिताए और अपने टेस्ट करियर का 27वां शतक ठोक डाला। हालांकि शतक लगाने के बाद ज्यादा देर तक सचिन तेंदुलकर मैदान पर टिक नहीं पाए और आउट हो गए। इस शतकीय पारी में सचिन तेंदुलकर ने 197 गेंदों में 103 रनों की पारी खेली। इसके साथ ही उन्होंने 12 चौके और 1 छक्का भी लगाया। इनकी इस पारी के बाद भारत 291 रनों पर ऑलआउट हो गया। अगर सचिन तेंदुलकर की ये पारी ऐसे समय में ना आती तो भारतीय टीम की हालत और भी ज्यादा गंभीर हो सकती थी।

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#28वां शतक- 176 नागपुर में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ (2002)

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साल 2002 में भारतीय क्रिकेट टीम ने जिम्बाब्वे के साथ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली। इन दो टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय टीम ने फरवरी 2002 में खेले गए पहले टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन किया। पहले टेस्ट मैच में भारत ने जिम्बाब्वे पर 101 रनों से जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की थी। पहले टेस्ट मैच में जीत का योगदान अनिल कुंबले और सचिन तेंदुलकर को जाता है। गेंदबाजी में शानदार प्रदर्शन कर अनिल कुंबले ने जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों को क्रीज पर टिकने तक का मौका भी नहीं दिया और जल्दी-जल्दी भारतीय टीम को सफलताएं दिलाते रहे। अनिल कुंबले की फिरकी के आगे जिम्बाब्वे का कोई भी बल्लेबाज रन स्कोर करने में नाकाम रहा। अनिल कुंबले ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 9 विकेट हॉल लिए थे। वहीं बल्लेबाजी में सचिन तेंदुलकर ने शानदार प्रदर्शन किया था। सचिन तेंदुलकर ने अपनी बल्लेबाजी के दम पर जिम्बाब्वे के गेंदबाजी आक्रमण को पूरी तरह से ध्वस्त करके रख दिया। इस मैच में जिम्बाब्वे की ओर से ऐसा कोई भी गेंदबाज नहीं रहा होगा जिसकी सचिन तेंदुलकर ने रनों के मामले में धुनाई ना की हो। सचिन तेंदुलकर ने जिम्बाब्वे के हर गेंदबाज को आड़े हाथों लिया और दनादन रन बनाते गए। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपने करियर का 28वां टेस्ट शतक ठोका दिया था। हालांकि सचिन तेंदुलकर के पास इस मैच में एक और दोहरा शतक लगाने का मौका था लेकिन वो इस मौके से चूक गए। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में 176 रनों की पारी खेली। नागपुर में खेले गए इस मैच में सचिन तेंदुलकर जब बल्लेबाजी करने आए थे तो भारत का स्कोर 2 विकेट के नुकसान पर 209 रन था लेकिन सचिन तेंदुलकर ने क्रीज पर पांव जमाने के बाद ताबड़तोड़ शॉट खेलने शुरू कर दिए। अपनी इस पारी में तेंदुलकर ने 50 फीसदी से भी ज्यादा रन सिर्फ बाउंड्री से ही बनाए हैं। सचिन तेंदुलकर ने इस अपनी इस शतकीय पारी में 23 बाउंड्री लगाई। सचिन तेंदुलकर की खेली गई ये पारी भारत के लिए फायदेमंद साबित हुई।

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#29वां शतक- 117 पोर्ट ऑफ स्पेन में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ (2002)

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सचिन तेंदुलकर भारतीय मैदानों पर खेलने में जितने सहज महसूस करते, विदेशी मैदान पर खेलने पर भी उतना ही आराम महसूस करते थे। विदेशी धरती पर भी मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपने बल्ले से रनों की बौछार की है। विदेशी मैदानों पर भी सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी करने का लुत्फ उठाते थे। साल 2002 में भारत ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली। इस सीरीज में भारत और वेस्ट इंडीज का पहला टेस्ट मैच बारिश के कारण धूल गया। इसके बाद खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत ने बाजी मारी और सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल कर ली। भारत और वेस्ट इंडीज के बीच ये दूसरा टेस्ट मैच पोर्ट ऑफ स्पेन में खेला गया था। इस मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया था और वेस्ट इंडीज के खिलाफ पहली पारी में 339 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया। हालांकि इस पारी में भारतीय टीम को शुरुआती 2 झटके 38 रनों पर ही लग चुके थे लेकिन सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी अभी बाकि थी। भारतीय टीम की इस पारी में सचिन तेंदुलकर का खास योगदान रहा। सचिन तेंदुलकर ने इस पारी में टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकाला और साथ ही अपने करियर का 29वां टेस्ट शतक भी ठोक दिया। अपने 29वें टेस्ट शतक की पारी में सचिन तेंदुलकर ने 117 रन बनाए। 6 घंटे तक खेली गई अपनी इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने 14 बाउंड्री लगाई। जिसकी बदौलत टीम इंडिया ने वेस्ट इंडीज के सामने 300+ का स्कोर खड़ा कर दिया। हालांकि वेस्ट इंडीज के खिलाफ सचिन तेंदुलकर का ये टेस्ट शतक ऐसे मौके पर आया था जब सचिन तेंदुलकर अच्छी फॉर्म में नहीं थे। इस मैच में भारतीय टीम ने 37 रनों से वेस्ट इंडीज पर जीत दर्ज की। अपने 29वें टेस्ट शतक ठोकने के साथ ही सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट इतिहास में शतक लगाने के मामले में ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज सर डोनाल्ड ब्रैडमैन के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली थी। सर डोनाल्ड ब्रैडमैन के नाम टेस्ट करियर में 29 शतक लगाने का रिकॉर्ड दर्ज है।

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#30वां शतक- 193 हेडिंग्ले में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ (2002)

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किसी भी खिलाड़ी के लिए क्रिकेट में शतक लगाना काफी मायने रखता है और वहीं जब कोई बल्लेबाज शतकों को लेकर किसी तरह का कोई कीर्तिमान स्थापित करने वाला हो तो उसके मायने कहीं ज्यादा बढ़ जाते हैं। भारतीय टीम की शान सचिन तेंदुलकर शतकों के मामले में इसी कीर्तिमान की तरफ बढ़ चले थे। पहले 10वां, फिर 20वां और अब अपने टेस्ट करियर में सचिन रमेश तेंदुलकर 30वां शतक जड़ने वाले थे। अपने करियर में 30 शतक लगा देना किसी भी खिलाड़ी के लिए गर्व की बात होती है। इंग्लैंड के खिलाफ सचिन तेंदुलकर अपने क्रिकेट करियर का 30वां शतक पूरा करने वाले थे। भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2002 में इंग्लैंड का दौरा किया। ये दौरा भारतीय टीम के लिए काफी यादगार रहा। इस दौर में भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली। इस सीरीज में भारतीय टीम ने तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया और मैच को जीतने में कामयाबी हासिल की। तीसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 46 रनों से हराकर 4 टेस्ट मैचों की सीरीज को 1-1 की बराबरी पर ला दिया। तीसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम के कप्तान सौरव गांगुली ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया की तरफ से संजय बांगड़ और राहुल द्रविड़ ने शानदार बल्लेबाजी की और स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाया। टीम इंडिया के 185 रनों पर 2 विकेट गिरने के बाद सचिन तेंदुलकर मैदान पर आए और टीम की कमान संभाली। इस मैच में खेली गई सचिन तेंदुलकर की पारी बेहतरीन पारियों में शुमार हैं। सचिन तेंदुलकर की ये पारी आज भी याद की जाती है। क्रीज पर आने के बाद सचिन तेंदुलकर ने एक के बाद एक शानदार शॉट खेले। इस मैच में सचिन एक नया कीर्तिमान स्थापित करने वाले थे। अपनी इस पारी से पहले सचिन तेंदुलकर टेस्ट में 29 शतक लगाकर ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज सर डोनाल्ड ब्रैडमैन के 29 शतकों के रिकॉर्ड की बराबरी पहले ही कर चुके थे। इस मैच में सचिन तेंदुलकर ब्रैडमैन के शतकों के रिकॉर्ड को ध्वस्त करने वाले थे। अपनी इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपने टेस्ट करियर का 30वां शतक जड़ दिया। अपने इस शतक के साथ ही सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट क्रिकेट करियर में 30 शतक तो पूरे किए ही, साथ ही उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज सर डोनाल्ड ब्रैडमैन के 29 टेस्ट शतकों के रिकॉर्ड को भी धराशायी कर दिया। अपनी इस पारी के साथ ही सचिन तेंदुलकर अब टेस्ट मैचों में शतकों के मामले में सर डोनाल्ड ब्रैडमैन से आगे निकल चुके थे। हालांकि इस मैच में सचिन तेंदुलकर की पारी सिर्फ शतक लगाने तक ही सीमित नहीं रही। सचिन तेंदुलकर शतक लगाने के बाद शानदार बल्लेबाजी करना जारी रखे हुए थे और दोहरे शतक की तरफ कदम बढ़ाए जा रहे थे लेकिन सचिन तेंदुलकर अपने करियर का एक और दोहरा शतक लगाने से चूक गए और दोहरा शतक पूरा करने से महज 7 रन पहले ही अपना विकेट गंवा बैठे। सचिन तेंदुलकर ने अपनी इस बेहतरीन पारी में 7 घंटों से ज्यादा बल्लेबाजी की और 3 छक्कों के साथ 19 चौके की इस पारी में उन्होंने 193 रन बनाए। सचिन तेंदुलकर की इस शानदार पारी के दम पर ही टीम इंडिया 600+ के स्कोर को अंजाम दे पाया और इंग्लैंड के आगे 8 विकेट के नुकसान पर 628 रन बनाकर अपनी पारी घोषित कर दी। इस मैच में सचिन तेंदुलकर के अलावा सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने भी शतकीय पारी खेली। सौरव गांगुली ने इस पारी में जहां 128 रन बनाए तो वहीं राहुल द्रविड़ ने इस पारी में 148 रनों का योगदान दिया। 628 रनों के जवाब में इंग्लैंड भारत के सामने टिक नहीं पाया, जिसके चलते भारतीय टीम ने पारी और 46 रन से मैच को अपने नाम कर लिया। लेखक: सोहम समद्दर अनुवादक: हिमांशि कोठारी