#28वां शतक- 176 नागपुर में ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ (2002)
साल 2002 में भारतीय क्रिकेट टीम ने जिम्बाब्वे के साथ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली। इन दो टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय टीम ने फरवरी 2002 में खेले गए पहले टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन किया। पहले टेस्ट मैच में भारत ने जिम्बाब्वे पर 101 रनों से जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की थी। पहले टेस्ट मैच में जीत का योगदान अनिल कुंबले और सचिन तेंदुलकर को जाता है। गेंदबाजी में शानदार प्रदर्शन कर अनिल कुंबले ने जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों को क्रीज पर टिकने तक का मौका भी नहीं दिया और जल्दी-जल्दी भारतीय टीम को सफलताएं दिलाते रहे। अनिल कुंबले की फिरकी के आगे जिम्बाब्वे का कोई भी बल्लेबाज रन स्कोर करने में नाकाम रहा। अनिल कुंबले ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 9 विकेट हॉल लिए थे। वहीं बल्लेबाजी में सचिन तेंदुलकर ने शानदार प्रदर्शन किया था। सचिन तेंदुलकर ने अपनी बल्लेबाजी के दम पर जिम्बाब्वे के गेंदबाजी आक्रमण को पूरी तरह से ध्वस्त करके रख दिया। इस मैच में जिम्बाब्वे की ओर से ऐसा कोई भी गेंदबाज नहीं रहा होगा जिसकी सचिन तेंदुलकर ने रनों के मामले में धुनाई ना की हो। सचिन तेंदुलकर ने जिम्बाब्वे के हर गेंदबाज को आड़े हाथों लिया और दनादन रन बनाते गए। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपने करियर का 28वां टेस्ट शतक ठोका दिया था। हालांकि सचिन तेंदुलकर के पास इस मैच में एक और दोहरा शतक लगाने का मौका था लेकिन वो इस मौके से चूक गए। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में 176 रनों की पारी खेली। नागपुर में खेले गए इस मैच में सचिन तेंदुलकर जब बल्लेबाजी करने आए थे तो भारत का स्कोर 2 विकेट के नुकसान पर 209 रन था लेकिन सचिन तेंदुलकर ने क्रीज पर पांव जमाने के बाद ताबड़तोड़ शॉट खेलने शुरू कर दिए। अपनी इस पारी में तेंदुलकर ने 50 फीसदी से भी ज्यादा रन सिर्फ बाउंड्री से ही बनाए हैं। सचिन तेंदुलकर ने इस अपनी इस शतकीय पारी में 23 बाउंड्री लगाई। सचिन तेंदुलकर की खेली गई ये पारी भारत के लिए फायदेमंद साबित हुई।