क्रिकेट इतिहास में सचिन तेंदुलकर का नाम हर कोई जानता है। सचिन तेंदुलकर ने अपने 24 साल के करियर में भारत को बहुत कुछ दिया। सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में कई अहम पारियां भी खेली। इन पारियों में सचिन तेंदुलकर ने कई शतक भी लगाए। सचिन तेंदुलकर के लगाए गए शतक कई बार भारत के लिए महत्वपूर्ण वक्त में आए हैं। सचिन तेंदुलकर शतकों के मामले में फिलहाल विश्व में सभी क्रिकेट खिलाड़ियों से आगे हैं। सचिन तेंदुलकर ने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक लगाने का कारनामा किया है। इसमें 49 शतक उन्होंने वनडे क्रिकेट में तो 51 शतक उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में लगाए हैं। सचिन तेंदुलकर के संन्यास लेने के बाद भी विश्व का दूसरा कोई भी खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के इस रिकॉर्ड के आस पास भी नहीं आ पाया है। अपने शानदर शॉट और संयमित पारियों के बदौलत ही सचिन तेंदुलकर इतने बड़े रिकॉर्ड को अपने नाम कर पाने में कामयाब हो सके थे। टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाने के दौरान सचिन तेंदुलकर ने कई अहम पारियों को अंजाम दिया। 51 टेस्ट मैचों के इस सफर में सचिन तेंदुलकर के पहले टेस्ट शतक से लेकर 35 टेस्ट शतकों के बारे में बात की जा चुकी है। अपने 35 टेस्ट शतकों के दौरान सचिन तेंदुलकर 4 दोहरे शतक भी लगा चुके हैं। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में 35 शतक पूरे करते ही सचिन तेंदुलकर टेस्ट क्रिकेट में सर डॉन ब्रैडमैन और सुनील गावस्कर के बनाए गए शतकों से भी आगे निकल चुके हैं। टेस्ट क्रिकेट में 35 शतक पूरे होने तक ही सचिन तेंदुलकर नहीं रुके। इसके बाद भी सचिन तेंदुलकर का बल्ला चलता रहा, रन बनते रहे, शतकों की कतार भी लगती गई और कई रिकॉर्ड भी टूटते गए। 35 टेस्ट शतकों के बाद आइए अब सचिन तेंदुलकर के 51 टेस्ट शतकों के इस सफर में उनके के 36वें टेस्ट शतक से 40वें टेस्ट शतक तक पर डालते हैं एक नजर:
# 36 शतक-101 चिट्टागोंग में बांग्लादेश के खिलाफ (2007)
साल 2006 शतकों के मामले में सचिन तेंदुलकर के लिए काफी निराशाजनक रहा। साल 2006 में सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट में एक भी शतक नहीं लगाया था। इस साल सचिन तेंदुलकर अपनी फॉर्म गंवा चुके थे। यही वो दौर था जब सचिन तेंदुलकर के संन्यास को लेकर भी बातें शुरू होने लगी थी। उनकी कई दफा आलोचना भी होने लगी थी। लेकिन सचिन तेंदुलकर अभी संन्यास से इतर कई और रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले थे। अपनी आलोचनाओं की परवाह किए बगैर सचिन तेंदुलकर एक बार फिर से फॉर्म में आने के बाद अपने आलोचकों का मुंह बंद करने वाले थे। साल 2007 में भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली। इस सीरीज का पहला टेस्ट मैच चिट्टागोंग में खेला गया। साल 2007 में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए टेस्ट सीरीज से सचिन तेंदुलकर फिर से अपनी फॉर्म में आ गए। इस सीरीज के पहले टेस्ट मैच में ही सचिन तेंदुलकर ने एक शतक और अपने नाम कर लिया। बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम के 2 विकेट 124 रनों पर ही गिर चुके थे। इसके बाद सचिन तेंदुलकर मैदान पर बल्लेबाजी करने के लिए आए। हालांकि इस पारी में सचिन तेंदुलकर शतक लगाने में तो कामयाब रहे लेकिन सचिन तेंदुलकर की ये पारी खास नहीं थी। इस पारी में सचिन तेंदुलकर कोई खास शॉट नहीं लगा पाए। सचिन तेंदुलकर इस पारी के दौरान धीमी गति से रन स्कोर कर रहे थे। हालांकि सचिन तेंदुलकर एक छोर पर डटे हुए थे और टीम के स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाए जा रहे थे। इस पारी में खेलते हुए सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर का 36वां शतक ठोका। अपनी इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने 169 गेंदों का सामना किया और 101 रन बनाए। इसके साथ ही इस पारी में उनकी स्ट्राइक रेट 59.76 रही। हालांकि ये मैच बारिश के कारण ड्रॉ हो गया लेकिन सचिन तेंदुलकर की शतकीय पारी से लोगों को इस बात का अंदाजा हो चुका था कि सचिन तेंदुलकर अपनी फॉर्म में आ चुके हैं। वहीं इस शतक से उनके आलोचकों को भी जवाब मिल चुका था कि सचिन तेंदुलकर में अभी और भी खेल बचा हुआ है।
# 37 शतक- 122* ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ (2007)
भारत और बांग्लादेश के खिलाफ साल 2007 में दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई। इस सीरीज का पहला टेस्ट मैच बारिश के कारण ड्रॉ हो गया। इस पहले टेस्ट मैच में भी सचिन तेंदुलकर ने शतकीय पारी खेली थी। उनकी फॉर्म बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में भी जारी रही और उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ बैक टू बैक दो टेस्ट मैचों में शतक जड़ दिया। बांग्लादेश के खिलाफ भारत का दूसरा और आखिरी टेस्ट मैच ढाका में खेला गया। बांग्लादेश के खिलाफ खेला गया ये टेस्ट मैच रनों के लिहाज से काफी अहम रहा। इस टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाजी क्रम के टॉप चार बल्लेबाजों ने बल्लेबाजी करते हुए शतकीय पारी को अंजाम दिया। टॉप चार बल्लेबाजों की शतकीय पारी से बांग्लादेश भी पूरी तरह से दबाव में आ चुका था। टॉप चार बल्लेबाजों के शतक लगाने के कारण भारतीय टीम अपनी पारी में 600+ का स्कोर लगाने में कामयाब रही और भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ 3 विकेट के नुकसान पर 610 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। टॉप चार बल्लेबाजों में सचिन तेंदुलकर भी शामिल थे। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में शतक लगाते हुए अपने टेस्ट करियर का 37वां शतक पूरा किया। सचिन तेंदुलकर ने इस पारी में शानदार तरीके से बल्लेबाजी की और 122 रनों की पारी को अंजाम दिया। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में कई बेहतरीन शॉट लगाए। इस टेस्ट शतक के साथ ही सचिन तेंदुलकर ने एक ही सीरीज में लगातार दो बार शतक लगा डाले। इस मैच में भारत का स्कोर 1 विकेट के नुकसान पर 408 रन था, जिसके बाद सचिन तेंदुलकर मैदान पर बल्लेबाजी करने आए। भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज वसीम जफर 138 रन बनाकर रिटायर्ड इल हो चुके थे। इसके बाद सचिन तेंदुलकर ने बल्लेबाजी करते हुए 226 गेंदों का सामना किया और 226 रन ठोक डाले। इस मैच में सचिन तेंदुलकर अपनी शानदार फॉर्म में नजर आ रहे थे। 610 रनों पर पारी घोषित करने के बाद भारतीय टीम को बांग्लादेश के खिलाफ दोबार बल्लेबाजी के करने के लिए नहीं आना पड़ा। भारत ने इस मैच में शानदार गेंदबाजी करते हुए बांग्लादेश को पारी और 239 रनों के हरा दिया। इस मैच में जीत दर्ज करने के साथ ही भारत ने दो टेस्ट मैचों की सीरीज भी 1-0 से अपने नाम कर ली।
# 38 शतक-154* सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (2008)
साल 2008 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी के मैदान पर टेस्ट मैच खेला। ये टेस्ट मैच कई गलत वजहों से याद किया जाता है। इस मैच में अंपायरिंग भी काफी विवादित रही और साथ मंकीगेट प्रकरण भी सामने आया। हालांकि इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर का एक और शतक ठोक डाला। इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर खबर ली। साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत ने टेस्ट सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच खेला। इस टेस्ट मैच की पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने बल्लेबाजी करते हुए 463 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया। जिसके जवाब में भारतीय टीम ने शानदार बल्लेबाजी की। भारत का स्कोर 2 विकेट पर 183 रन था। जिसके बाद सचिन तेंदुलकर मैदान पर बल्लेबाजी करने आए। सचिन तेंदुलकर एक बार फिर बेहतरीन पारी खेलने के लिए मैदान पर आए थे। हालांकि मैदान पर आने के थोड़ी देर बाद ही भारत को वीवीएस लक्ष्मण के रूप में विकेट गंवाना पड़ा था। अब टीम का स्कोर आगे बढ़ाने की पूरी जिम्मेदार सचिन तेंदुलकर के कंधे पर आ चुकी थी। सचिन तेंदुलकर ने अपनी ये जिम्मेदारी शानदार तरीके से निभाई। सचिन तेंदुलकर ने इस पारी में शानदार शॉट खेलते हुए अपने टेस्ट करियर का 38वां शतक ठोक डाला। सचिन तेंदुलकर सिर्फ शतक लगाने तक ही नहीं रुके, बल्कि टीम को मजबूती देते हुए स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाते गए। सचिन तेंदुलकर एक छोर से टीम इंडिया के लिए रन स्कोर कर रहे थे लेकिन दूसरे छोर से उन्हें भरपूर साथ नहीं मिल पा रहा था। सचिन तेंदुलकर के आगे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी बेदम नजर आई। अपनी इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने नाबाद 154 रनों की पारी खेली। इसके साथ ही भारतीय टीम ने पहली पारी में 532 रन बना लिए। इसके साथ ही भारत ने ऑस्ट्रेलियाई टीम पर बढ़त भी हासिल कर ली। अपनी 154 रनों की पारी में सचिन तेंदुलकर ने 14 चौके और 1 छक्का जड़ा। इसके साथ ही सचिन तेंदुलकर ने 243 गेंदों का सामना किया। इस पारी में उनकी स्ट्राइक रेट 63.37 थी।
# 39 शतक- 153 एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (2008)
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 2008 में खेली गई चार टेस्ट मैचों की सीरीज के चौथे और आखिरी टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर की शानदार बल्लेबाजी एक बार फिर से देखने को मिली। इस मैच में भी सचिन तेंदुलकर के आगे ऑस्ट्रलिया गेंदबाज बेदम नजर आए। साल 2008 ऑस्टेलिया के खिलाफ एडिलेड में खेली गई टेस्ट सीरीज के चौथे मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 526 रन बनाए। भारतीय टीम के इन रनों में सचिन तेंदुलकर की पारी का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में बल्लेबाजी करते हुए अपनी शानदार फॉर्म दिखाई। इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर का एक और शतक ठोक डाला। सचिन तेंदुलकर ने शानदार खेल दिखाते हुए मैदान के हर कोने में शॉट खेले। भारत के 82 रनों पर दूसरा विकेट गिर चुका था। इसके बाद सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर आए। सचिन तेंदुलकर ने मैदान पर टीम की कमान संभालते हुए रन बटोरने शुरू कर दिए थे। इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर का 39वां शतक लगाया। सचिन तेंदुलकर ने अपनी इस पारी में 153 रन बनाए। इस पारी में उन्होंने गगमचुंबी 3 छक्कों के साथ 13 चौके लगाए। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर हावी रहे सचिन तेंदुलकर की इस पारी के दौरान 74.63 की स्ट्राइक रेट दर्ज की गई। अपने अनुभव का लाभ लेते हुए सचिन तेंदुलकर ने हर शॉट शानदार तरीके से खेला। बेहतरीन टाइमिंग और तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सचिन तेंदुलकर अपनी 39वां टेस्ट शतक इस पारी में पूरा कर चुके थे। हालांकि अंत में ये मैच बेनतीजा रहा और ड्रॉ हो गया। लेकिन इस मैच में सचिन तेंदुलकर की खेली गई पारी बेहतरीन पारियों में से एक थी।
#40 शतक- 109 , नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (2008)
सचिन तेंदुलकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी शानदार फॉर्म अपनाए हुए थे। सचिन तेंदुलकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौका मिलते ही शतक लगा देते। ऑस्ट्रेलिया ने साल 2008 में भारत का दौरा किया। इस दौरे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सचिन तेंदुलकर ने एक बार शतकीय पारी को अंजाम दिया। शतकों के मामले में अब सचिन तेंदुलकर पर लगाम लगाना मुश्किल हो चला था। साल 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज में भी सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर का एक और शतक लगा दिया। साल 2008 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिसाफ नागपुर में टेस्ट मैच खेला। शतकों के मामले में सबसे आगे बढ़ चुके मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में अपने टेस्ट करियर का 40वां शतक पूरा किया। किसी भी बल्लेबाज के लिए टेस्ट क्रिकेट के किसी फॉर्मेट में 40 शतक दर्ज करना गर्व की बात होती है। सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड के कारण देश को भी गौरवान्वित होने का मौका मिलता था। साल 2008 में भारत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई चार टेस्ट मैचों की सीरीज का नागपुर में आखिरी टेस्ट मैच खेला गया। इस सीरीज में भारत 1-0 से आगे था। इसके साथ ही भारत को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को अपने कब्जे में लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत या ड्रॉ की दरकार थी। इस मैच में भारतीय टीम की कमान महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में थी। नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ महेंद्र सिंह धोनी ने भारत के लिए टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहली पारी में भारतीय टीम ने शानदार बल्लेबाजी की और ऑस्ट्रेलिया के सामने 441 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया। इस स्कोर में सचिन तेंदुलकर ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को एक बार फिर से आड़े हाथों लिया और शानदार शॉट खेलकर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण को तहस नहस करके रख दिया। अपनी शानदार बल्लेबाजी के दम पर सचिन तेंदुलकर अपने टेस्ट करियर का एक और शतक लगाने में कामयाब रहे। इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने 188 गेंदों का सामना करते हुए 109 रनों की शतकीय पारी खेली। इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने 12 चौके भी लगाए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत में खेली गई इस चार टेस्ट मैचों की सीरीज के शुरुआती तीन मैचों में सचिन तेंदुलकर शतकीय पारी खेलने में नाकाम रहे थे। लेकिन इस चार टेस्ट मैचों की सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में नागपुर के मैदान में सचिन तेंदुलकर ने शतक की कसर पूरी कर दी और अपने टेस्ट करियर में 40 शतक पूरे कर लिए थे। सचिन तेंदुलकर की पारी की बदौलत टीम इंडिया ऐसी स्थिति में पहुंच चुका था, जहां से भारतीय टीम को हरा पाना ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए आसान काम नहीं था। आखिर में भारत ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को नागपुर में हरा दिया और सीरीज के आखिरी टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 172 रनों के बड़े स्कोर से जीत दर्ज की। इस जीत के साथ ही भारत ने इस चार टेस्ट मैचों की सीरीज पर 2-0 से कब्जा कर लिया। लेखक: सोहम समद्दर अनुवादक: हिमांशु कोठारी