सचिन तेंदुलकर के 51 टेस्ट शतकों के सफ़र में नंबर 16 से 20 हैं बेहद ख़ास

16_SACHIN

कराची में पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट की दुनिया में क़दम रखने वाले सचिन तेंदुलकर का आज नाम ही काफी है। अपने पदार्पण से ही सचिन ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया था। 16 वर्षीय सचिन तेंदुलकर अपनी पहली सीरीज में ही वसीम अकरम, वकार यूनिस और इमरान खान जैसे गेंदबाजों का आसानी से सामना कर ले रहे था। खास बात तो ये रही कि अपने करियर की सिर्फ दूसरी पारी में ही सचिन ने 59 रन बना डाले। धीरे-धीरे इस खिलाड़ी ने न केवल क्रिकेट में अपना सिक्का जमाया बल्कि कई ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए जिसे आज के समय में पार कर पाना किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान नहीं है। इसमें से एक 100 शतकों का रिकॉर्ड भी शामिल है। जिसमें से सचिन तेंदुलकर ने 49 शतक वनडे क्रिकेट में बनाए हैं तो वहीं 51 शतक टेस्ट मैचों में अपने नाम किए हैं। किसी भी खिलाड़ी के लिए 100 शतकों का रिकॉर्ड होना गर्व की बात होती। सचिन तेंदुलकर के टेस्ट शतकों के इस सफर में 15 शतकों के बारे में पहले ही जान चुके हैं। आइए अब जानते हैं सचिन के 16वें से लेकर 20वें शतक कब और किस परिस्थिति में आए:

#16 177, बैंगलोर में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 1998

साल 1998 की शुरुआत सचिन तेंदुलकर के लिए अच्छी रही। 5 एकदिवसीय मैचों में उन्होंने 112.17 की शानदार स्ट्राइक रेट से 258 रन बनाये थे। फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला शुरू हुई, उस समय ' शेन वॉर्न vs सचिन तेंदुलकर' की भिड़ंत के लिए दर्शक काफी उत्साहित थे। उस समय लोग शेन वॉर्न की गेंदों पर सचिन तेंदुलकर के जरिए की गई बल्लेबाजी को देखना पंसद करते थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछली दो पारियों में 155 और 79 रन बनाकर सचिन तेंदुलकर आत्मविश्वास से भरे थे। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत ने शुरुआती दो टेस्ट मैचों में जीत का परचम लहराकर सीरीज को पहले ही अपने नाम कर लिया था। लेकिन अभी तीसरा टेस्ट मैच होना बाकी था। तीसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी की। इस मैच में भारत के 2 विकेट 109 रन पर ही गिर गए थे। जिसके बाद सचिन तेंदुलकर मैदान पर गए लेकिन सचिन के मैदान पर आते ही 110 रनों के स्कोर पर भारतीय टीम को तीसरा झटका भी लग गया। वहीं दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलियाई टीम की ओर से गेंदबाजी क्रम में शेन वॉर्न शानदार फॉर्म में थे। अपनी शानदार गेंदबाजी की बदौलत शेन वॉर्न कई बल्लेबाजों को चकमा देकर पैवेलियन वापस भेज चुके थे। लेकिन सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी करते वक्त शेन वॉर्न की गेंदबाजी का जमकर लुत्फ उठा रहे थे। सीरीज में पिछले टेस्ट मैचों की तरह तीसरे टेस्ट मैच में भी सचिन तेंदुलकर का शेन वॉर्न के खिलाफ जलवा जारी रहा और इस बार भी सचिन तेंदुलकर ने शेन वॉर्न को चैन की सांस नहीं लेने दी। सचिन तेंदुलकर ने शानदार बल्लेबाजी का परिचय देते हुए फिर से एक शतक ठोक दिया और 177 रनों की पारी खेली। उनकी इसी पारी की बदौलत टीम इंडिया ने पहली पारी में 424 रन बना दिए। इस मैच में सचिन तेंदुलकर की पारी इसलिए भी अहम थी कि तेंदुलकर के अलावा भारतीय टीम का कोई भी खिलाड़ी इतना योगदान नहीं दे पाया था कि टीम 424 रनों के स्कोर तक आसानी से पहुंच जाए। वहीं ऑस्ट्रेलिया इस बार काफी मजबूत स्थित में दिख रही थी। पहली पारी में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया तो टीम इंडिया की दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने भारतीय टीम को जल्दी समेटकर रख दिया। दूसरी पारी में पूरी भारतीय टीम 169 रनों पर ही चलती बनी। जिसकी बदौलत ऑस्ट्रेलियाई टीम को आखिर में जीत के लिए 194 रनों का लक्ष्य मिला। इस लक्ष्य को टीम ने आसानी से हासिल कर सीरीज में अपनी पहली जीत भी दर्ज की। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई ये सीरीज 2-1 से भारत के नाम रही। सचिन तेंदुलकर को मैन ऑफ दी सीरीज चुना गया।

# 17 113, वेलिंगटन में न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ 1998

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साल 1998 सचिन तेंदुलकर से लिए पहले ही खास बन चुका था। साल के आखिर में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड का दौरा किया। वहां भी सचिन तेंदुलकर ने अपने बल्ले से कमाल दिखाया। जिस तरह से उन्होंने कई प्रकार के गेंदबाजी आक्रमणों का सामना किया, वो देखना अभूतपूर्व था। साल 2018 में उन्होंने वनडे क्रिकेट में नई ऊंचाइयों को छूआ। अपनी शानदार बल्लेबाजी की बदौलत सचिन तेंदुलकर ने 65.31 की औसत और 102.16 की स्ट्राइक रेट से 1894 रन बनाए। इतना ही नहीं, वनडे में सचिन तेंदुलकर ने 9 शतक भी अपने नाम किए। वहीं टेस्ट में उन्होंने 81.17 की औसत से 487 रन बनाए। साल के आखिर में न्यूजीलैंड के खिलाफ बेसिन रिजर्व (वेलिंगटन) में खेले गए टेस्ट में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहले दिन ही टीम इंडिया को न्यूजीलैंड ने 208 रनों पर समेट कर रख दिया। इसमें सबसे ज्यादा अजहरुद्दीन ने 103 और सचिन ने 47 रनों का योगदान दिया। इसके जवाब में न्यूजीलैंड ने बल्लेबाजी करते हुए 352 रन बना डाले और भारतीय टीम पर बढ़त भी बना ली। मैच की पहली पारी ही खत्म हुई थी लेकिन मैच अभी बाकी था। दूसरी पारी में न्यूजीलैंड की शानदार गेंदबाजी का सामना करने सचिन तेंदुलकर जब बल्लेबाजी करने आए तब भी भारतीय टीम न्यूजीलैंड से 68 रन पीछे थी। लेकिन तेंदुलकर ने जब टीम की कमान संभाली तो मैच का रुख ही पलट कर रख दिया। उन्होंने अजहरुद्दीन और सौरव गांगुली के साथ साझेदारी करके टीम को बढ़त दिलाई और मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। इस मैच में तेंदुलकर ने 113 रनों की पारी खेली और साथ ही अपने टेस्ट करियर का 17वां शतक भी लगा दिया। तेंदुलकर की पारी की बदौलत दूसरी पारी में टीम इंडिया ने 356 रन बनाए। जिके बाद 213 रनों के लक्ष्य का पीछा करने आई न्यूजीलैंड को भारतीय टीम ने शुरुआती झटके देकर टीम को बैकफुट पर ला खड़ा किया। भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड के 74 रनों पर ही 5 विकेट झटक लिए थे। लेकिन क्रेग मैकमिलन के 74 रन और क्रिस केर्न्स के 61 रन ने न्यूजीलैंड को वापस पटरी पर ला खड़ा किया और अपनी टीम को जीत दिला दी। भारत की हार के साथ ही इस मैच में सचिन तेंदुलकर का शतक भी बेकार गया।

# 18 136, चेन्नई में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 1999

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चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए साल 1999 के टेस्ट मैच को लोग कई वजहों से याद रखते हैं। इसमें एक बड़ी वजह ये भी थी कि इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने शानदार शतक जड़ा था। साल 1989 में सचिन तेंदुलकर के पदार्पण करने के बाद ये ऐसा पहला मौका था जब भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे के साथ टेस्ट सीरीज खेली हो। चेन्नई में पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान की टीम पहली पारी में सिर्फ 238 रन ही बना पाई थी। हालांकि अपनी पहली पारी में भारतीय बल्लेबाज भी कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए और पाकिस्तानी गेंदबाजी के आगे ढहते चले गए। पाकिस्तान की ओर से सकलैन मुश्ताक ने शानदार गेंदबाजी की और 94 रन देकर पांच विकेट झटके। सकलैन की गेंदबाजी की बदौलत भारतीय टीम पहली पारी में सिर्फ 254 रन ही बना पाई। अपनी दूसरी पारी में पाकिस्तान की टीम ने शाहीद आफरीदी के 141 रनों की बदौलत एक समय 4 विकेट के नुकसान पर 275 रन बना लिए थे। लेकिन अगले 11 रनों में टीम इंडिया ने पूरी पाकिस्तानी टीम को 286 रनों पर समेट कर ही रख दिया। वेंकटेश प्रसाद ने भारत की ओर से शानदार गेंदबाजी करते हुए 33 रन देकर 6 विकेट अपने नाम किए। इसके बाद 271 रनों के लक्ष्य का पीछा करने आई भारतीय टीम शरुआत में ही लड़खड़ा गई। वसीम, वकार और मुश्ताक की खतरनाक गेंदबाजी के आगे कोई भी शीर्ष क्रम का भारतीय बल्लेबाज टिक नहीं पाया और आधी भारतीय टीम 82 के स्कोर पर ही पैवेलियन लौट चुकी थी। हालांकि 11/2 के स्कोर पर बल्लेबाजी करने आए सचिन तेंदुलकर मैदान पर एक छोर से टीम इंडिया की कमान संभाले हुए थे। एक छोर से रन बटोरते हुए सचिन ने न केवल अपना शतक पूरा किया, बल्कि टीम को भी जीत की दहलीज तक ला खड़ा किया। सचिन तेंदुलकर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 136 रनों की पारी खेली। इस मैच में सचिन तेंदुलकर का संघर्ष कई मायनों में काफी अहम था। इस मैच में सचिन पीठ की चोट से जूझ रहे थे और बल्लेबाजी करते वक्त भी उन्हें दर्द महसूस हो रहा था। अपनी शानदार बल्लेबाजी के कारण उन्होंने टीम को 254/6 के स्कोर पर ला खड़ा किया। लेकिन मैच में तब ट्विस्ट आ गया जब सकलैन मुश्ताक ने सचिन तेंदुलकर को आउट कर दिया। सचिन के आउट होने के बाद टीम इंडिया को जीत के लिए सिर्फ 17 रनो की दरकार थी लेकिन निचले क्रम का कोई भी बल्लेबाज इतने रन भी नहीं बना सका और पूरी भारतीय टीम 258 रनों पर ऑल आउट हो गई। इसके साथ ही पाकिस्तान ने इस टेस्ट मैच में जीत हासिल की।

# 19 124*, कोलंबो में श्रीलंका के ख़िलाफ़ 1999

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साल 1999 में एशियाई टेस्ट चैम्पियनशिप के दौरान भारत ने अपने प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से अपना पहला मैच गंवा दिया था। इसके बाद मेजबान श्रीलंका के खिलाफ दूसरे मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी की। श्रीलंकाई कप्तान को उम्मीद थी कि वो जल्दी भारतीय टीम के विकेट झटक लेंगे, ताकि वो टीम इंडिया पर दबाव बना सके लेकिन भारत ने श्रीलंका की उम्मीदों पर पानी फेर दिया और पहली पारी में रनों का पहाड़ खड़ा करते हुए 518 रन बना दिए। सदगोपन रमेश के 143 रन और राहुल द्रविड़ के 107 रनों की शतकीय पारियों की मदद से टीम इंडिया काफी मजबूत स्थिति में आ गई थी। इसके साथ ही सचिन तेंदुलकर के 53 रन, अजहरुद्दीन के 87 रन और सौरव गांगुली के 56 रन की अर्धशतकीय पारियों से भी टीम को काफी खास योगदान मिला। हालांकि, श्रीलंका ने भी भारतीय पारी का अपने अंदाज से जवाब दिया। श्रीलंकाई टीम के महेला जयवर्धने ने टीम को मजबूती प्रदान की। इस मुकाबले में महेला ने 242 रन की पारी खेली। जिसकी बदौलत टीम ने अपनी पहली पारी में 485 रन बना दिए। इस टेस्ट मैच में दिन काफी तेजी से बित गिए। अपनी दूसरी पारी में टेस्ट मैच के पांचवे दिन तेंदुलकर 72 रन पर 2 विकेट चले जाने के बाद बल्लेबाजी करने आए। दूसरी पारी में सचिन तेंदुलकर ने 124 रन बनाए और साथ ही अपने टेस्ट करियर का 19वां शतक भी उन्होंने पूरा कर लिया। अपनी पूरी पारी को नियंत्रित रखते हुए सचिन ने 10 चौके और 1 छक्का भी लगाया। अपने 19 टेस्ट शतक को पूरा कर चुके सचिन तेंदुलकर का ये श्रीलंका के खिलाफ पांचवां टेस्ट शतक था। आखिर में ये मैच ड्रॉ हो गया, साथ ही इस टूर्नामेंट में भारत को 1 अंक भी हासिल हो गया।

# 20 126*- मोहाली में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 1999

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कप्तान के तौर पर सचिन तेंदुलकर की दूसरी शुरुआत थी जो कि बेहद ही निराशाजनक साबित हुई। न्यूजीलैंड के साथ टेस्ट मैच खेलते हुए मोहाली के मैदान पर न्यूजीलैंड ने पहले गेंदबाजी का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करने आई टीम इंडिया के सामने न्यूजीलैंड के गेंदबाज पूरी तरह से हावी हो गए। आलम तो यह था कि टीम इंडिया का स्कोर 50 रन पार होना भी मुश्किल नजर आ रहा था। इस मैच की पहली पारी में न्यूजीलैंड के आगे टीम इंडिया बुरी तरह से लड़खड़ा गई। कोई भी भारतीय बल्लेबाज क्रीज पर जमने का नाम तक नहीं ले पा रहा था और अपना विकेट विरोधी गेंदबाजों के आगे गंवा दे रहा था। पहली पारी में भारतीय टीम की ओर से सिर्फ तीन बल्लेबाजों ने ही दहाई का आंकड़ा छूआ। आखिरी में टीम इंडिया की पहली पारी मात्र 83 रनों पर ही सिमट गई। न्यूजीलैंड की ओर से इस मैच में डियोन नैश ने 27 रन देकर 6 विकेट झटके। हालांकि, इसके बाद बल्लेबाजी करने आई न्यूजीलैंड की टीम भी कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। भारतीय गेंदबाजों ने भी न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों की नाक में दम करके रखा। न्यूजीलैंड की टीम भी स्कोर बोर्ड पर ज्यादा रन बनाने में नाकाम साबित हुए। इसके साथ ही न्यूजीलैंड की टीम भारतीय टीम के आगे 215 रनों पर ही सिमट गई। न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम पर 132 रनों की बढ़त बनाई। जवागल श्रीनाथ ने भारत की ओर से 45 रन देकर 6 विकेट लिए। दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने संभलकर बल्लेबाजी करते हुए एक मजबूत स्कोर की तरफ कदम बढ़ाया। भारती के सलामी बल्लेबाजों में सदागोप्पन रमेश और देवांग गांधी ने पहले विकेट के लिए 137 रनों की मजबूत साझेदारी की। 182 रनों पर दूसरा विकेट गिरने के बाद सचिन तेंदुलकर मैदान पर आए। सचिन तेंदुलकर ने राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर टीम के स्कोर बोर्ड को आगे बढ़ाया। दोनों ही बल्लेबाजों ने अपनी बल्लेबाजी से न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के पसीने छुड़ा दिए। इसके साथ ही भारतीय टीम के दोनों बल्लेबाजों ने अपने अपने शतक भी पूरा किए। सचिन तेंदुलकर का ये टेस्ट करियर में 20वां शतक था। अपनी इस पारी में सचिन तेंदुलकर ने नाबाद 126 रन बनाकर टीम इंडिया को 505 रनों के स्कोर पर पहुंचा दिया और पारी घोषित कर दी। इसके साथ ही न्यूजीलैंड को जीत के लिए 374 रनों का लक्ष्य मिला। हालांकि न्यूजीलैंड के बल्लेबाज इस मैच को ड्रॉ की तरफ ले गए और आखिर में ये मैच ड्रॉ हो गया। दूसरी पारी में भारतीय टीम न्यूजीलैंड के 7 विकेट झटकने में कामयाब रही थी। वहीं इस मैच में सचिन और द्रविड़ की पारियों की बदौलत भारत को मुश्किल हालात से निकलने में काफी मदद मिली। लेखक: साहिल जैन अनुवादक: हिमांशु कोठारी

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