साल 2007 के विश्व कप में भारतीय क्रिकेट टीम की बांग्लादेश से हार काफी निराशाजनक रही थी। हालांकि इस हार के बाद भारतीय टीम में काफी बदलाव देखा गया। जिसके बाद भारतीय क्रिकेट टीम ने अगले विश्व कप 2011 में जीत का परचम लहराया। इसके बाद साल 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी को भी अपने नाम किया। साल 2007 के बाद एक दशक के दौरान एकदिवसीय क्रिकेट में भारतीय बल्लेबाजों के जरिए कई शानदार पारियां भी देखने को मिली। दबाव में भी भारतीय खिलाड़ियों ने बल्ला थामे रखा और टीम के लिए रन बनाते गए। आइए जानते हैं पिछले एक दशक में भारतीय खिलाड़ियों के द्वारा वनडे क्रिकेट में दबाव में खेली गई पांच महानतम पारियों के बारे में: #5 युवराज सिंह 150 बनाम इंग्लैंड, कटक, 2017 साल 2017 की शुरुआत में भारत और इंग्लैंड के बीच एकदिवसीय सीरीज खेली गई। इस सीरीज के दूसरे मुकाबले में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 25 के स्कोर पर ही तीन विकेट गंवा दिए थे। लेकिन इसके बाद युवराज सिंह ने एमएस धोनी के साथ मिलकर शानदार साझेदारी की और टीम के लिए रन बटोरे। युवी ने इस मुकाबले में 127 गेदों का सामना करते हुए 21 चौके और 3 छक्के की मदद से 150 रनों की पारी खेली। वहीं धोनी ने इस मुकाबले में युवी का साथ देते हुए 134 रन बनाए। इनकी पारी की मदद से भारत ने 381 रन बनाकर मैच को 15 रनों से जीतने में कामयाबी हासिल की। #4 रोहित शर्मा 209 बनाम ऑस्ट्रेलिया, बेंगलुरु, 2013 साल 2013 में बेंगलुरु के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक लगाते हुए रोहित शर्मा ने 209 रनों की पारी खेली और टीम का स्कोर 383 रन तक पहुंचाया। रोहिल शर्मा इस मुकाबले में शुरू से ही बिना रूके रन बनाते रहे। हालांकि उनका साथ किसी भी बल्लेबाज ने लंबे समय तक नहीं दिया। भारत ने रोहित शर्मा की पारी की बदौलत इस मुकाबले में 57 रनों से जीत हासिल की। #3 विराट कोहली 133* बनाम श्रीलंका, होबार्ट, 2012 होबार्ट में खेले गए इस मुकाबले में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 320 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया। जवाब में भारत के दोनों सलामी बल्लेबाज 86 के स्कोर पर ही पवेलियन लौट गए थे। इसके बाद विराट कोहली ने मोर्चा संभाला और 133 रनों की नाबाद पारी खेलते हुए भारत को 36.4 ओवर में ही जीत दिलवा दी। #2 गौतम गंभीर 97 बनाम श्रीलंका, मुंबई, 2011 विश्व कप 2011 के फाइनल मुकाबले में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 274 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया था। जवाब में भारत को बिना खाता खोले ही वीरेंदर सहवाग के रूप में पहला और फिर 31 रनों के स्कोर पर सचिन तेंदुलकर के रूप में दूसरा झटका भी लग गया। भारतीय टीम बैकफुट पर आ गई थी और टीम की हालात गंभीर थी लेकिन इसके बाद गौतम गंभीर ने काफी सधी हुई बल्लेबाजी कर टीम को संभाला और स्कोर बोर्ड आगे बढ़ाया। इस मुकाबले में गंभीर शतक तो नहीं बना पाए लेकिन उन्होंने 122 गेंदों में 9 चौके लगाकर 97 रन बनाए और अपनी भूमिका बखूबी अदा की। भारत ने इस मुकाबले को आखिर में 6 विकेट से जीतकर विश्व कप खिताब को अपने नाम किया। #1 महेंद्र सिंह धोनी 91* बनाम श्रीलंका, मुंबई, 2011 विश्व कप 2011 का फाइनल मुकाबला शायद ही कोई भूल सकेगा। 2 अप्रैल 2011 की रात हर भारतीय की सांसे आखिर तक अटकी हुई थी। दबाव झेल रही भारतीय टीम को महेंद्र सिंह धोनी ने सहारा दिया और इस मुकाबले में 79 गेंदों का सामना करते हुए आठ चौके और दो छक्कों की मदद से तेजतर्रार नाबाद 91 रनों की पारी खेली। धोनी ने आखिर में छक्के के साथ 28 सालों बाद भारत की झोली में विश्व कप डाल दिया था। इसके साथ ही धोनी की ये पारी भी क्रिकेट इतिहास में अमर हो गई। लेखक: शाश्वत कुमार अनुवादक: हिमांशु कोठारी