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विश्व कप 2011 का फाइनल मुकाबला शायद ही कोई भूल सकेगा। 2 अप्रैल 2011 की रात हर भारतीय की सांसे आखिर तक अटकी हुई थी। दबाव झेल रही भारतीय टीम को महेंद्र सिंह धोनी ने सहारा दिया और इस मुकाबले में 79 गेंदों का सामना करते हुए आठ चौके और दो छक्कों की मदद से तेजतर्रार नाबाद 91 रनों की पारी खेली। धोनी ने आखिर में छक्के के साथ 28 सालों बाद भारत की झोली में विश्व कप डाल दिया था। इसके साथ ही धोनी की ये पारी भी क्रिकेट इतिहास में अमर हो गई। लेखक: शाश्वत कुमार अनुवादक: हिमांशु कोठारी
Edited by Staff Editor