अनिल कुंबले को टीम इंडिया का कोच बनाने को लेकर विवाद शांत भी नहीं हुआ था कि टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कुंबले को कोच बनाते वक्त टीम के सीनियर सदस्यों से राय नहीं ली गई। टाइम्स ऑफ इंडिया ने बीसीसीआई के सूत्र के हवाले से लिखा है कि रवि शास्त्री का खुले में बोलना कि विराट कोहली को तीनो फॉर्मेटों का कप्तान बना देना चाहिए, ये बात कोच बनने को लेकर उनके खिलाफ गई है। भारतीय टीम के लिए कुल 57 आवेदन आए थे। एक साल के लिए कुंबले को कोच बनाते वक्त बीसीसीआई ने कहा था कि सभी स्तर पर लोगों से विचार विमर्श करके कुंबले को कोच बनाने का फैसला लिया गया है। रिपोर्ट की मानी जाए तो इस बात में सच्चाई नजर नहीं आती। कुंबले के कोच बनाए जाने के बाद रवि शास्त्री ने अपनी निराशा जाहिर की थी कि टीम से 18 महीने जुडने के बाद भी उन्हेें कोच न बनने पर दुख है। रिपोर्ट के मुताबिक बतौर कोच काफी सारे खिलाड़ियों की पहली पसंद रवि शास्त्री थे। लेकिन कुंबले के द्वारा नामांकन भरने के बाद से बीसीसीआई ने कुंबले को मुख्य दावेदार बताया औऱ खिलाड़ियों की राय नहीं ली गई। बीसीसीआई के करीबी सूत्र ने बताया, "टीम इंडिया के खिलाड़ियों से किसी तरह की कोई राय नहीं ली गई"। रिपोर्ट के मुताबिक रवि शास्त्री कोच पद के लिए सचिन की पहली पसंद थे। शास्त्री ने इस बात का खुलासा किया था, इंटरव्यू लेने वाले क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी के तीनों सदस्य में सौरव गांगुली, रवि शास्त्री के इंटरव्यू के समय मौजूद नहीं थे। सचिन तेंदुलकर ने बीसीसीआई से रवि शास्त्री के कार्यकाल को न बढ़ाने का कारण पूछा था क्योंकि रवि शास्त्री ने 18 महीने टीम से जुडने के बाद काफी अच्छा काम किया है। सूत्र के मुताबिक इस बात को लेकर सचिन तेंदुलकर को कोई सही जवाब नहीं मिला। सूत्र ने कहा कि रवि शास्त्री को कोहली को लेकर किए गए कमेंट्स और मौजूदा स्टाफ के साथ काम करने की वजह से नजरअंदाज किया गया।