केपटाउन टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में हार के बाद एक बड़ा कारण सामने आया है। तैयारी के लिहाज से टेस्ट विशेषज्ञ बल्लेबाजों को समय से पहले दक्षिण अफ्रीका भेजने के बोर्ड के अनुरोध को टीम मैनेजमेंट ने नहीं माना और टीम को उसका खामियाजा हार के रूप में भगतना पड़ा। बीसीसीआई ने मैनेजमेंट को टीम के कुछ टेस्ट खिलाड़ियों को दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए भेजकर परिस्थितियों से तालमेल बैठाने का ऑफर दिया गया था लेकिन मैनेजमेंट ने ध्यान नहीं दिया।
बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार "बीसीसीआई ने भारतीय टीम मैनेजमेंट को टीम के मुख्य टेस्ट खिलाड़ियों को समय से पहले दक्षिण अफ्रीका भेजने का ऑफ़र दिया गया था। मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे श्रीलंका के खिलाफ सीमित ओवर सीरीज का हिस्सा नहीं थे और लोकल क्रिकेट खेल रहे थे। बीसीसीआई इसका खर्च भू उठाने को तैयार थी लेकिन मैनेजमेंट ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। हमने टॉप खिलाड़ियों को श्रीलंका के खिलाफ वन-डे और टी20 सीरीज से बाहर रखने के पक्ष में भी थे।"
श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज खेलने के बाद भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए रवाना हुई थी। केपटाउन पहुँचने के बाद वहां टीम के लिए कोई अभ्यास मैच भी नहीं रखा गया था। सीरीज शुरू होने में तब एक सप्ताह का समय बचा हुआ था। इसके बाद 208 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए पहले टेस्ट के चौथे दिन टीम इंडिया को 72 रनों से शिकस्त का सामना करना पड़ा।
तैयारी और रणनीति की कमी भारतीय टीम में साफ़ तौर पर देखी गई। टीम के खिलाड़ी ठीक से परिस्थितियों को भी नहीं समझ पाए थे लेकिन मैच के बाद कप्तान विराट कोहली ने कहा कि टीम ने अच्छी तैयारी की थी। देखना है कि दूसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम किस टीम समन्वय के साथ मैदान पर उतरती है और कैसे खेल का प्रदर्शन करती है।