मीडिया में अब यह रिपोर्ट आ रही है कि कप्तान कोहली और कोच अनिल कुंबले के बीच पीछे 6 महीनों से बातचीत बंद थी। रिपोर्ट के अनुसार दिसम्बर में इंग्लैंड सीरीज के बाद से ही दोनों में बातचीत बंद हो गयी थी। यह भी पता चला है कि क्रिकेट सलाहकार समिति जिसके सदस्य सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण हैं, उन्होंने कुंबले के अनुबंध बढ़ने से पहले ही शर्त रखी थी। जी न्यूज़ की खबर के मुताबिक चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में हार के बाद लन्दन में 3 अलग अलग मीटिंग हुई थी। बीसीसीआई के एक उच्च अधिकारी जो मीटिंग के समय लन्दन के होटल में मौजूद थे, उन्होंने पीटीआई को बताया कि क्रिकेट सलाहकार समिति ने कुंबले का कार्यकाल बढ़ा दिया था लेकिन इसके लिए शर्त भी रखी थी। जिसके अनुसार कुंबले का कार्यकाल तभी आगे बढ़ेगा जब पूर्व के सारे मामलों का हल निकाल दिया जाये। पहली मीटिंग कुंबले और बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों के बीच हुई थी जिसमें कुंबले से साफ साफ पूछा गया था कि वास्तव में उनके और कोहली के बीच में क्या चल रहा है? उसके बाद कोहली के साथ भी अलग से मीटिंग हुई जिसमें उनसे भी कोच के साथ रिश्तों को लेकर सवाल पूछे गये। अंत में दोनों को साथ लेकर तीसरी मीटिंग की गयी जिसमें मामला सुलझाने की कोशिशें की गयी। अधिकारी ने बताया" पिछले 6 महीनों से दोनों के बीच बातचीत बंद थी लेकिन यह काफी चौंकाने वाली बात है कि इंग्लैंड सीरीज के बाद से ही कप्तान और कोच में बात बंद थी"। कुंबले द्वारा मंगलवार को दिए इस्तीफे के बाद ही यह साफ हो गया था कि दोनों के बीच मनमुटाव चल रहा था। उसके बाद कुंबले ने एक सार्वजनिक पत्र जारी किया जिससे सब कुछ साफ हो गया। बीसीसीआई के अधिकारी ने ने इस बात पर दुःख जाहिर किया कि मामला इतना गंभीर हो गया कि सुलह होने की संभावना भी नहीं रही।