संन्यास कई बार क्रिकेट की दुनिया और प्रशंसकों की भावनाओं में एक खालीपन छोड़ जाता है। ऐसा हाल ही में देखने को मिला जब दक्षिण अफ्रीका के महान खिलाड़ी एबी डीविलियर्स के संन्यास ने क्रिकेट की दुनिया भर को हैरत में डाल दिया। 114 टेस्ट और 228 एकदिवसीय और 78 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय के अनुभवी डीविलियर्स ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत्ति की घोषणा कर दी। आधुनिक युग के सबसे महान एंटरटेनर में से एक के रूप में जाने जाने वाले डीविलियर्स का कौशल उम्मीदों से परे है और वह वनडे में सबसे तेज 50, 100 और 150 के लिए रिकॉर्ड अपने नाम किए हुए है। दक्षिण अफ्रीका के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ जीतने में अहम भूमिका निभाने वाले एबी डिविलियर्स का संन्यास ऐसे समय में आया है जब हर कोई उनसे 50 ओवरों के विश्वकप में जीत दिलाने की उम्मीद कर रहा था, जो कि उनका लंबे समय से एक सपना रहा है। हालांकि, डीविलियर्स एकमात्र क्रिकेटर नहीं हैं, जिन्होंने अपनी अचानक संन्यास के साथ विश्व क्रिकेट को सकते में डाल दिया है। आज इस आर्टिकल में हम उन प्रसिद्ध क्रिकेटरों पर एक नज़र डालेंगे जिनके अचानक रिटायर होने के निर्णय ने क्रिकेटिंग दुनिया को चौंका दिया।
#5 महेन्द्र सिंह धोनी
भारत बॉक्सिंग डे टेस्ट में ड्रॉ के लिए जूझ रहा था जब उनके कप्तान एमएस धोनी ने 24 रनों पर टीम की नैय्या को किनारे पहुंचा रहे थे तभी 4 ओवर शेष रहते हुए मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में मैच को ड्रॉ पर समाप्त कर दिया गया। धोनी ने अपने ट्रेडमार्क स्टाइल में एक स्टंप को उखाड़ फेंक दिया जैसा कि वह हमेशा किया करते थे और मैच के बाद के कप्तान की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपने संन्यास के बारे में कोई आशंका व्यक्त नहीं जताई। इस बात का खुलासा बीसीसीआई ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए किया, जिसमें ‘सभी प्रारूपों में खेलने का तनाव’ को टेस्ट क्रिकेट से सेवानिवृत्त होने का कारण बताया। धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान में से एक रहे हैं। उन्होंने 60 टेस्ट कार्यकाल में 27 से अधिक जीत में टीम इंडिया का नेतृत्व किया। हालांकि विदेशी दौरे के साथ भारत ने 2011 से 22 टेस्ट मैचों में से केवल दो जीते और 13 से हार गए।
#4 ग्रीम स्मिथ
इस दिग्गज खिलाड़ी ने अपने करियर में 117 में से 109 टेस्ट मैच में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया जो कि एक विश्व रिकॉर्ड है। लेकिन स्मिथ के रिटायमेंट ने पूरे क्रिकेट जगत को सदमे में डाल दिया। 33 वर्षीय स्मिथ ने दक्षिण अफ्रीका के ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट दौरे के मध्य में अपने साथियों को इस खबरों का खुलासा करते हुए अपने संन्यास की घोषणा कर दी। इस दौरे में स्मिथ मिचेल जॉनसन की पेस के सामने संघर्ष करते रहे और उन्होंने 6 पारियों में केवल 45 रनों बनाए थे। 117 टेस्ट मैच खेल चुके इस अनुभवी खिलाड़ी को 23 साल की उम्र में कप्तानी सौंपी गई थी, जब उन्होंने सिर्फ 8 मैच खेले थे। स्मिथ की कप्तानी उनके व्यक्तित्व का दर्पण थी जो मजबूत, दृढ़ और आक्रामक थी। 2007/08 और 2012/13 सत्र में विदेशी धरती पर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक के बाद एक जीत कप्तान के रूप में उनका बेहतरीन समय था। स्मिथ ने अपना जलवा 2003 में इंग्लैंड दौरे के दौरान ही दिखा दिया था जब उन्होंने लगातार दो दोहरे शतक जड़ डाले। बाद में दुनिया ने उन्हें टूटे हुए हाथ से बैटिंग करते हुए भी देखा जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच बचाने के लिए वो टूटे हाथ से मैदान में उतर गए थे। स्मिथ ने 117 टेस्ट मैचों में 47.76 की औसत से 9265 रन बनाये हैं, जिसमें 27 शतकऔर पांच दोहरा शतक शामिल है।
#3 ब्रेंडन मैकुलम
आधुनिक क्रिकेट के ताबड़तोड़ बल्लेबाज ब्रेंडन मैकुलम ने 34 साल की उम्र में अपने खेल के चरम पर रहते हुए संन्यास की घोषणा करते ही सबको सकते में डाल दिया। 2015 विश्वकप के फाइनल में अपनी टीम का नेतृत्व करने वाले ब्रेंडन मैकुलम ने श्रीलंका के खिलाफ 2-0 से टेस्ट सीरीज़ जीतने के बाद अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की और कहा कि आने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ दो टेस्ट अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके अंतिम मैच होंगे। एक कैलेंडर वर्ष (2014) में 1000 रनों तक पहुंचने वाले पहले किवी बल्लेबाज और एडम गिलक्रिस्ट के साथ टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्के के संयुक्त रिकॉर्ड धारक, 194 टेस्ट कैच और 11 स्टंपिंग के साथ ब्रेंडन मैकुलमने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत बहुत ही स्टाइलिश तरीके से किया। मैक्कुलम ने अपने आखिरी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ में सिर्फ 79 गेंदों पर 145 रन बनाये लेकिन यह टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट से जीता।
#2 एडम गिलक्रिस्ट
सबसे महान विकेट कीपर बल्लेबाज में से एक, जिसने विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका में क्रांतिकारी बदलाव किया। गिलक्रिस्ट ने अपने प्रशंसकों को तब सदमे में छोड़ दिया गया जब इस ऑस्ट्रेलियाई ने 2007-08 बॉर्डर- गावस्कर ट्रॉफी के अंत में अपने कार्यकाल को खत्म करने का फैसला किया। गिलक्रिस्ट की सेवानिवृत्ति की घोषणा उनके द्वारा सर्वाधिक डिसमिसल का विश्व रिकॉर्ड तोड़ने के 24 घंटे बाद ही आ गयी। उनकी घोषणा एडिलेड ओवल में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच चौथे टेस्ट के तीसरे दिन के अंत में आई थी। गिलक्रिस्ट ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 96 टेस्ट मैच खेले और 414 डिसमिसल किए, जो उनकी सेवानिवृत्ति के समय सबसे ज्यादा थे। लेकिन बल्लेबाजी के लिए उनका निडर दृष्टिकोण जो हमेशा उनकी विरासत बना रहेगा। एक टेस्ट बल्लेबाज के रूप में गिलक्रिस्ट का बेहतरीन समय 1999 में आया, जब वह (149) जस्टिन लैंगर (127) के साथ होबार्ट में 238 रनों की साझेदारी करके एक मैच जीतने वाली पारी खेली और ऑस्ट्रेलियाई टीम को बेहतरीन जीत दिलायी।
#1 सौरव गांगुली
चैपल विवाद के बाद भारतीय टीम में वापसी के एक साल बाद सौरव गांगुली ने तब क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी जब उन्हें लंबे समय के बाद 2008 बॉर्डर- गावस्कर ट्रॉफी में शामिल किया गया था। 2005 में गांगुली और चैपल व बोर्ड के बीच हुए लंबे विवाद के बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले मैच से पूर्व संवाददाता सम्मेलन में खुलासा किया कि यह 4 मैचों की श्रृंखला उनके करियर की आखिरी सीरीज होगी। यह घटना खासकर तब हुई जब गांगुली को शेष भारत और दिल्ली के बीच ईरानी कप मैच के लिए नजरअंदाज कर दिया गया था। 113 टेस्ट मैचों के इस अनुभवी खिलाड़ी और भारत के सबसे सफल कप्तान (49 टेस्ट में 21 जीत) में से एक गांगुली ने 42.18 के औसत से 7212 रन और 311 एकदिवसीय मैचों में 40.73 की औसत से ताबड़तोड़ 11363 रन बनाये थे, जिसमें 22 शतक शामिल थे। लेखक- यश मित्तल अनुवादक- सौम्या तिवारी