आईपीएल (IPL) 2021 में लीग चरण में शानदार खेल दिखाने वाली दिल्ली कैपिटल्स (DC) प्लेऑफ में अपनी लय को बरकरार नहीं रख पायी और टीम को बाहर होना पड़ा। इस आईपीएल को चेन्नई सुपर किंग्स ने जीतने में कामयाबी हासिल की और खुद को सबसे बेहतर टीम साबित किया। हालांकि ट्रॉफी ना जीत पाने के बावजूद कोच रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) का मानना है कि दिल्ली कैपिटल्स इस सीजन सर्वश्रेष्ठ टीम थी। पोंटिंग के मुताबिक दिल्ली ने अहम मौकों पर कुछ गलतियां की और जिनका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा।
दिल्ली कैपिटल्स ने आईपीएल 2021 में लीग चरण में खुद को सबसे बेहतर टीम साबित किया था। ऋषभ पंत की कप्तानी में टीम ने 14 लीग मैचों में 10 में जीत हासिल की थी तथा 20 अंको के साथ लीग चरण में अंकतालिका में टॉप पर रही थी। हालांकि टीम को प्लेऑफ में दोनों ही मैचों में हार मिली और इस तरह से ट्रॉफी जीतने की इच्छा एक बार फिर अधूरी रह गयी।
पोंटिंग ने यूट्यूब चैनल द ग्रेड क्रिकेटर पर क्वालीफ़ायर 2 के बारे में बात करते हुए कहा,
केकेआर के खिलाफ, शारजाह तीन स्पिनरों के साथ खेलने के लिए कभी भी अच्छी जगह नहीं थी और उन्होंने वहां अपना काफी क्रिकेट खेला। लेकिन उस मैच में, उन्हें 25 गेंदों में से 12 की जरूरत थी और फिर उन्हें 2 गेंदों में 6 रन (हंसते हुए) चाहिए थे और उन्होंने दूसरी आखिरी गेंद पर 6 रन बनाए।
पोंटिंग ने कहा कि उन्होंने हार के बाद टीम के खिलाड़ियों को कहा कि वे सर्वश्रेष्ठ टीम थे लेकिन उन्होंने गलतियां कीं जिसके कारण उन्हें फाइनल में जगह गंवानी पड़ी। दिग्गज कोच ने आगे कहा,
मैंने अंत में लड़कों से यही कहा कि मुझे अब भी लगता है कि हम टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ टीम थे। चेन्नई के जितना हम भी अच्छे थे, जिन्होंने एक बार फिर टूर्नामेंट जीता। लेकिन, मुझे लगता है कि हम सर्वश्रेष्ठ टीम थे। हमने अंत में अहम मौकों पर कुछ महत्वपूर्ण गलतियां कीं, जो कि टी20 में जीत और हार और टूर्नामेंट जीतने या हारने के बीच का अंतर है। हमने वो गलतियां कीं।
क्वालीफ़ायर 2 में दिल्ली के खिलाफ 136 का पीछा करते हुए केकेआर एक समय आसानी से जीत की तरफ बढ़ रही थी लेकिन दिल्ली के गेंदबाजों ने शानदार वापसी की थी। हालांकि अंत में राहुल त्रिपाठी ने आखिरी ओवर में छक्का लगाकर जीत दिलाई थी।
हमारे पास सीधे फाइनल में पहुंचने का मौका था - रिकी पोंटिंग
क्वालीफ़ायर 1 में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ चेन्नई सुपर किंग्स की चुनौती थी और दिल्ली ने मैच में पकड़ बना रखी थी लेकिन एमएस धोनी की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की वजह से चेन्नई ने जीत हासिल की। इस मैच में कगिसो रबाडा का एक ओवर शेष होने के बावजूद अंतिम ओवर टॉम करन को दिया गया, जो एक गलत फैसला साबित हुआ। पोंटिंग ने भी इस फैसले को गलत बताते हुए कहा,
हमारे पास सीएसके के खिलाफ मौका था और हमें वह मैच जीतना चाहिए था। हम सीधे फाइनल में पहुंच जाते। यह हमारे लिए अंत करने का वास्तव में निराशाजनक तरीका था। (इससे पहले) आरसीबी के खिलाफ आखिरी लीग मैच में, उन्हें 2 गेंदों पर 9 और आखिरी गेंद पर सात रन चाहिए थे। आवेश खान ने लेग साइड पर वाइड डाली और इसके बाद हाई फुलटॉस, जो कि छक्के की लिए गयी, इस तरह हारे। चेन्नई को आखिरी दो ओवरों में 20 रन चाहिए थे। हमारे पास आखिरी ओवर करने के लिए टॉम करन या रबाडा बचे थे। हमने टॉम करन (मुस्कुराते हुए) को गेंदबाजी करने के लिए चुना।
गौरलब है कि सीएसके को आखिरी ओवर में 13 रन चाहिए थे। करन के खिलाफ एमएस धोनी ने लगातार तीन चौके लगाते हुए बड़ी ही आसानी से अपनी टीम को मैच जिताया था।