स्पिनर:
# 8 रविचंद्रन अश्विन
रविचंद्रन अश्विन घरेलू क्रिकेट में हमेशा नियमित प्रदर्शन करते आ रहे हैं, लेकिन यह उनकी आईपीएल का प्रदर्शन ही था कि जिसने उन्हें घर-घर एक पहचान दिलायी थी। तब से निरंतर उनके कद में वृद्धि हुई और जिसके चलते हरभजन सिंह को दोनों प्रारूपों में राष्ट्रीय टीम के मुख्य स्पिनर के रूप में लंबे समय तक बाहर कर दिया। अश्विन की ऑफ-स्पिन के पास बहुत सारे बदलाव हैं और 'कैरम गेंद' के लिए वह प्रसिद्ध हैं जो बल्लेबाजों को ऑफ-गार्ड पर पकड़ सकती है। वह पॉवर प्ले ओवरों में शानदार ढंग से गेंदबाजी कर सकते हैं, जो उनकी दावेदारी को और मजबूत बनाती है। अश्विन चेन्नई सुपर किंग्स टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे। वह धोनी के सबसे उपयोगी गेंदबाज़ होते थे जब भी विकेटों की ज़रूरत होती थी और ज्यादातर उन्होंने सफलता भी पायी। हरभजन (26.65 की औसत और 6.95 की इकॉनमी) भी ऑफ स्पिनर की भूमिका के लिए एक बेहतरीन पसंद है और अश्विन को कड़ी टक्कर देते है। लेकिन चेन्नई का यह लंबे कद का खिलाड़ी फिर से उनके उपर (24.99 की औसत और 6.54 की इकोनॉमी) होता है, लेकिन बहुत कम अंतर से।
# 9 अमित मिश्रा
अनिल कुंबले और हरभजन सिंह के रूप में दो महान स्पिनरों की उपस्थिति के कारण, अमित मिश्रा का अंतरराष्ट्रीय करियर ज्यादा आगे नही बढ़ पाया। चयनकर्ताओं की युवाओं की तलाश के चलते, महान गेंदबाजों के जाने के बाद भी मिश्रा को ज्यादा अवसर नहीं मिले। हालांकि, वह घरेलू क्रिकेट और इंडियन प्रीमीयर लीग में एक अच्छे खिलाड़ी बने रहे। उन्होंने काफी हद तक टूर्नामेंट के सबसे महान गेंदबाजों में से एक में जगह बनाई है। आईपीएल में मिश्रा ने 126 मैचों में 134 विकेट लिए और केवल लसिथ मलिंगा ने उनसे अधिक विकेट लिए है। आज के स्पिनरों से विपरीत, मिश्रा गेंद को अच्छी फ्लाइट प्रदान करने से डरते नहीं है और उनके पास एक अच्छी गुगली भी है। मिश्रा ने आईपीएल में तीन हैट-ट्रिक लेने का कारनामा भी किया है। कई टीमें आम तौर पर दो फ्रन्टलाइन स्पिनर खिलाना पसंद नहीं कर सकती हैं, लेकिन बिना मिश्रा के स्पिन का बोझ पूरी तरह से अश्विन पर पड़ेगा क्योंकि वाटसन और पोलार्ड दोनों ही गेंदबाजी आलराउंडर हैं। भारत में, पिचें स्पिनरों को अच्छी सहायता प्रदान करती है, और इसलिए, मिश्रा जैसे विकेट लेने वाला स्पिन विकल्प इस स्लॉट का हकदार होना चाहिए।