तेज़ गेंदबाज़:
# 10 भुवनेश्वर कुमार
जहाँ एक ओर भारत के पास महान स्पिनरों की कोई कमी नहीं थी, वहीं गुणवत्ता वाले तेज गेंदबाज दुर्लभ बने रहे। हालांकि, तेज गेंदबाजों की मौजूदा फसल ने प्रशंसकों को एक नई उम्मीद दी है कि भारतीय तेज गेंदबाजी के लिए भविष्य अच्छा है। भुवनेश्वर कुमार उनके बीच सबसे प्रभावशाली हैं। डेल स्टेन और ट्रेंट बोल्ट जैसे बड़े नामों की मौजूदगी के बावजूद, कुमार ने सनराइज़र्स हैदराबाद की गेंदबाजी लाइनअप में अपनी भूमिका निभाई। वह आईपीएल में सर्वाधिक विकेट लेने वालों में से एक हैं, 90 मैचों में 111 विकेट और 7.08 की उनकी इकोनॉमी इस बात का प्रमाण हैं। जब भुवी पूरे रंग में हों तो गेंद को एक ही जगह से दोनों ओर स्विंग करा सकते हैं और बल्लेबाजों को लिये परेशानियाँ खड़ी करते हैं। आईपीएल में उनके अच्छे रिकॉर्ड को देखते हुए कुमार को टीम से बाहर छोड़ना मुश्किल है।
# 11 लसिथ मलिंगा (विदेशी)
110 मैचों में 154 विकेट लेना एकदिवसीय क्रिकेट में एक बहुत अच्छा प्रदर्शन माना जाता है, लेकिन, अगर कोई ऐसा टी -20 में करने दिखाये, जहां एक गेंदबाज अधिकतम चार ओवर कर सकता है, वह अविश्वसनीय है। लसिथ मलिंगा ने ठीक ऐसा ही आईपीएल में किया है। यह सब सिर्फ 6.86 प्रति ओवर की इकोनॉमी से , जो कि दिखाता है कि बल्लेबाजों के ऊपर कैसे वह हावी रहे हैं। मलिंगा का नाम आते ही वो अनगिनत यॉर्कर गेंदें याद आती हैं जो बिलकुल निशाने पर जा कर लगती थीं और बल्लेबाजों के पैर की उंगलियों पर उतरी या सीधे स्टंप की नोक पर। इसके अलावा मलिंगा भ्रामक धीमी गेंदों, प्रभावी बाउंसर्स भी फेक सकते हैं और अच्छी स्विंग भी प्राप्त कर सकते हैं। हाल के दशकों में क्रिकेट बल्लेबाजों के पक्ष में झुकता आया है और टी -20 क्रिकेट के मामले में असंतुलन अधिक हो गया है, जहां शुरुआत से ही गेंदबाजों पर कड़े प्रहार के लिए बल्लेबाजों को छूट दी जाती है। नतीजतन, कई गेंदबाज़ों ने संघर्ष किया, लेकिन इस अजीब गेंदबाजी एक्शन और घुंगराले बालों वाले गेंदबाज़ ने बेहतरीन बल्लेबाजों के लिए भी गेंदों के खेलने में मुश्किलें खड़ी की हैं। ऐसे में टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ को टीम से बाहर रखना गलत होगा और इसलिए, मलिंगा का चयन आसानी से होता है। लेखक: प्रवीण एनवीएस अनुवादक: राहुल पांडे