ऋषभ पन्त ने दिखाया सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसा जज्बा

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आईपीएल के अभी तक के दस सालो में ये पहली बार हुआ हैं, जब आईपीएल का कोई खिलाडी अपने पिता की आहुति दे कर तुरंत मैदान पर वापस आ गया हो और उसने दुनिया को दिखा दिया हो की उसे अपने खेल से कितना अधिक लगाव है। कुछ इसी तरह का लगाव और जज्बा क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर तथा वर्तमान भारतीय कप्तान विराट कोहली भी दिखा चुके है। सचिन भी अपने पिता की मौत के तुरंत बाद वर्ल्ड कप 1999 में केन्या के खिलाफ मैच खेलने चले गये थे और उन्होंने उस मैच में शतक लगाया था। शायद ये शतक सचिन के सौ शतको में सबसे ख़ास होगा जो उन्हें हमेशा अपने पिता की याद दिलाता रहेगा। कुछ इसी तरह का वाक्या हुआ दिल्ली के 19 साल के युवा खिलाडी ऋषभ पंत के साथ। पंत अपनी टीम दिल्‍ली डेयर डेविल्‍स के साथ आईपीएल की तैयारी कर ही रहे थे की अचानक उन्हें खबर मिली की उत्तराखंड के रुड़की में कार्डिएक अटैक के कारण उनके पिता राजेंद्र पंत का देहांत हो गया। जिसके बाद पंत अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और ठीक उसके अगले ही दिन वो वापस मैदान पर आयें। हंसी मजाक करने वाले पंत की आँखों में आसूँ तो थे लेकिन उन आसुओं को उनके जज्बे ने बाहर नहीं आने दिया। इसी जज्बे के दम पर उन्होंने अगले मैच में बंगलौर के खिलाफ खेल डाली एक यादगार पारी अपने पिता राजेंद्र पंत के नाम। rrrr बेंगलुरू में मैच था दिल्‍ली डेयर डेविल्‍स बनाम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर जिसमे बंग्लौर ने पहले खेलते हुए दिल्‍ली के खिलाफ 157 रनों का लक्ष्य रखा था। जिसका पीछा करते हुए दिल्ली को 13 ओवेरो में 100 रन चाहिए थे। तभी पंत मैदान पर आये, उनकी आँखों में ख़ामोशी साफ़ देखी जा सकती थी। पंत ने आते ही पहली गेंद पर शानदार छक्का जड़ डाला.इसके बाद ऋषभ ने एक-एक करके आरसीबी के सभी गेंदबाजों की पिटाई करना शुरू कर दी और महज 33 गेंदों पर 57 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेल डाली। दुर्भाग्यवश वो इस मैच को तो जीता नहीं पाए लेकिन इस तरह की पारी खेल उन्होंने विश्व स्तर पर अपने जज्बे का लोहा मनवा दिया। अपने आपको साबित कर दिखाया की वो अंदर से कितने मानसिक तौर पर मज़बूत हैं। 33 इस तरह अपने पिता के अंतिम संस्कार से वापस मैदान में आ कर खेलना हर खिलाडी के लिए आसान नहीं होता क्योंकि जब आप टीम से जुड़ते हैं तो वहाँ का मौहाल कुछ अलग ही होता हैं। हालांकि पंत का पूरा साथ दिल्ली की टीमके सभी खिलाडियों ने बखूबी निभाया। आपको बता दे की हाल ही में पंत का चयन इंग्लैंड के खिलाफ भारत की टी-20 सीरीज में हुआ था। जिसके चलते वो लाइम लाइट में आ गये थे। बरहाल पंत ने जिस तरह से अपने जज्बे को दिखाया है उसे देखत हुए ये कहा जा सकता हैं की आगे आने वाले कुछ सालो में पंत एक बड़े खिलाडी बन कर उभरे क्योंकि जिस तरह का कारनामा उन्होंने किया ठीक ऐसा ही कारनामा करने वाले आज भारत के दो महान बल्ल्लेबाज़ हैं। इनमें से एक ने क्रिकेट को छोड़ दिया (सचिन तेंदुलकर ) तो दूसरा वर्तमान में भारत का कप्तान है। देखतें हैं अब पंत अपने इस करियर में कितने चाँद लगा पातें हैं।