पूर्व भारतीय खिलाड़ी और टीम के फील्डिंग कोच रह चुके रोबिन सिंह ने गेंदबाजी कोच चुनने के मामले में रवि शास्त्री की सलाह का समर्थन किया है। इस पूर्व ऑलराउंड ने सपोर्ट स्टाफ चुनने के लिए मुख्य कोच की भूमिका का होना सही माना। भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच के रूप में जहीर खान और ओवरसीज टूर्नामेंटों के लिए राहुल द्रविड़ को बल्लेबाजी सलाहकार के रूप में नियुक्त करने के बाद फैसला बदलकर शास्त्री पर छोड़ दिया था। रोबिन सिंह ने कहा कि अगर वह टीम के कोच होते, तो खुद की सहजता के हिसाब से सपोर्ट स्टाफ का चयन करते। उनके अनुसार खुद को जानने और समझने वाला सपोर्ट स्टाफ में होना चाहिए। बकौल रोबिन सिंह "मैं उन लोगों के साथ काम करना चाहूंगा, जिन्हें मैं जानता हूं। मैं अनजान व्यक्तियों के साथ काम करना पसंद नहीं करूंगा। यह एक सहज स्तर है, जिसकी आपको जरूरत होती है। आप उन लोगों के साथ काम करना चाहते हैं, जिनके साथ आपकी अच्छी समझ है, आप प्लान को लागू करने में उनके बारे में सोचते हैं।" इसके अलावा सिंह ने कहा कि यह सिर्फ व्यवस्था का एक हिस्सा है, जो क्रिकेट में ही नहीं है। आप कहीं भी देख सकते हैं, फिर चाहे वह क्रिकेट हो या कम्पनी। इसी क्रम में आगे उन्होंने कहा कि सीईओ या प्रबन्धन अपने लोगों को लाना चाहते हैं। मुझे नहीं लगता कि इसमें विवाद है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी इसको लेकर विवाद खड़ा कर रहे हैं। अंत में अगर मैं कोच हूं, तो मैं सहजता महसूस करने वाले अपने लोगों को ही लाना चाहूंगा। रोबिन सिंह ने इसे एक साधारण चीज बताया। गौरतलब है कि टीम इंडिया के मुख्य कोच के चयन के बाद क्रिकेट सलाहकार समिति ने जहीर खान को गेंदबाजी कोच नियुक्त करने के अलावा राहुल द्रविड़ को विदेशों में टेस्ट मैचों के लिए बल्लेबाजी सलाहकार बनाया था। बाद में महज 150 दिनों का अनुबंध पर रखने की बात कहते हुए फैसला बदलकर शास्त्री को गेंदबाजी कोच चुनने की जिम्मेदारी दे दी गई।