नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे रोहित शर्मा इस महीने श्रीलंका के खिलाफ गेंदबाजों की धुनाई करते नज़र आये हैं। उन्होंने इस दौरान अपना तीसरा दोहरा शतक भी लगाया, वहीं दूसरे टी20 मुकाबले में 35 गेंदों पर ताबड़तोड़ शतक जड़कर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोहित शर्मा पहले ओपनर नहीं थे, बल्कि मध्यक्रम में बल्लेबाजी के लिए आते थे। हालांकि इसके बाद एक फैसले ने उनके करियर की पूरी दशा-दिशा ही बदल दी। क्या था वो फैसला और किसका फैसला था रोहित ने ये जानकारी ब्रेकफास्ट विद् चैंपियन के शो में दी। शो के होस्ट गौरव कपूर जब उनसे पूछा कि उनके क्रिकेट कैरियर का टर्निंग प्वॉइंट क्या रहा है तो इस सवाल के जवाब में रोहित ने कहा कि सलामी बल्लेबाज की भूमिका में पारी की शुरुआत करना उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा। शुरुआत में ये बहुत चुनौतियों से भरा था। धीरे-धीरे मैच दर मैच से मैंने इसकी जरूरतों को पहचाना। कुछ समय बाद मैं टीम में शत प्रतिशत योगदान देने लगा। ओपनिंग बल्लेबाजी में उतरने का श्रेय रोहित भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को देते हैं। करियर के उस दौर में जब धोनी ने उनसे सलामी बल्लेबाजी करने को कहा था तो उन्होंने इसे एक अवसर की तरह लिया। रोहित ने बताया कि धोनी का उनके करियर के दौरान पूरा सहयोग रहा। रोहित की गिनती आज दुनिया के शीर्ष बल्लेबाजों में होती है। रोहित अपने कैरियर में कुछ अलग किस्म के रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं ,जो उन्हें और बल्लेबाजों से अलग खड़ा करते हैं । इस टॉक शो में रोहित अपनी पत्नी रितिक के साथ शामिल हुए थे। रोहित ने बताया कि उनकी पत्नी पंजाबी हैं। बचपन में उनकी हिंदी बहुत ज्यादा अच्छी नहीं थी। उन्हें हिंदी अंग्रेजी से ज्यादा मुश्किल लगती थी। लेकिन नॉर्थ इंडिया के लोगों के साथ वक़्त बिताने से उनकी हिंदी में काफी सुधार हुआ है। जबकि उनकी पत्नी ऋतिका सजदेह काफी अच्छी हिंदी बोल लेती हैं। गौरतलब है कि रोहित ने इस महीने विराट की गैरमौजूदगी में टीम की कमान संभाली है।