भारत के सीमित ओवरों के कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) चोट की वजह से दक्षिण अफ्रीका के दौरे से बाहर हो गए थे लेकिन अब उनकी वापसी को लेकर बड़ा अपडेट आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक रोहित शर्मा की रिकवरी अच्छी हो रही है और वह अगले महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली घरेलू सीरीज के छह मैचों में खेलते हुए नजर आ सकते हैं। रोहित को दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले भारत का सफ़ेद गेंद का नियमित का कप्तान बना दिया गया था लेकिन अभ्यास सत्र के दौरान चोटिल होने की वजह से उन्हें पूरे दौरे से ही बाहर होना पड़ा।
रोहित शर्मा के साथ फिटनेस की समस्या पिछले काफी समय से रही है और वह कई बार इस वजह से बाहर भी हुए हैं। 2020-21 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चोट की वजह से सफ़ेद गेंद की सीरीज और टेस्ट सीरीज के शुरूआती कुछ मैच भी नहीं खेल पाए थे।
बीसीसीआई के नियमों के अनुसार, प्रत्येक खिलाड़ी को खेलने के लिए अनुमति देने से पहले NCA में फिटनेस टेस्ट के लिए उपस्थित होना होता है। इस फिटनेस टेस्ट के बाद ही चयन समिति को उनकी उपलब्धता का पता चलता है।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्तों पर पीटीआई को बताया,
नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) में रोहित का रिहैबिलिटेशन काफी अच्छा चल रहा है। उनके वेस्टइंडीज सीरीज के लिए ठीक होने की उम्मीद है। 6 फरवरी को अहमदाबाद में पहला वनडे खेले जाने से पहले अभी भी तीन सप्ताह का समय बाकी है।
वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में भारत को तीन वनडे और इतने ही टी20 खेलने हैं। वनडे मैच 6 से 12 फरवरी तक खेले जाएंगे, इसके बाद टी20 मैच 15 से 20 फरवरी तक खेले जाएंगे।
रोहित शर्मा को बनाया जा सकता है भारतीय टेस्ट कप्तान
विराट कोहली के टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद कप्तानी के संभावित दावेदारों में रोहित शर्मा की दावेदारी सबसे मजबूत नजर आ रही है। इसके अलावा केएल राहुल को भी एक विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। केएल राहुल को भविष्य के लिए सभी प्रारूपों में कप्तान के रूप में देखा जा रहा है लेकिन उन्हें यह जिम्मेदारी दिए जाने से पहले कुछ समय के लिए रोहित शर्मा को तीनों प्रारूपों का कप्तान बनाया जा सकता है।
इस सम्बन्ध में सीनियर बीसीसीआई अधिकारी ने कहा,
बीसीसीआई के अगले युवा कप्तान के बारे में आश्वस्त होने से पहले रोहित शर्मा को माध्यम बनाना चाहिए क्योंकि वे चाहते हैं कि अगला कप्तान टीम का कम से कम पांच साल तक नेतृत्व करे। इस आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में किसी युवा के बजाय अनुभवी खिलाड़ी को कप्तानी दी जानी चाहिए।