वनडे क्रिकेट इतिहास में नियमों में बदलाव के बाद वे नियम जो अब मान्य नहीं

#3 बैटिंग पॉवर प्ले

बैटिंग पॉवर प्ले के दौरान 5 ओवर तक अधिकतम 3 फील्डर्स को आंतरिक सर्कल से बाहर रखे जाने की अनुमति होती थी। इस पॉवर प्ले को बल्लेबाजी करने वाली टीम शुरुआती 10 ओवर हो जाने के बाद या अनिवार्य पॉवर प्ले होने का बाद ले सकती थी। इस नियम को साल 2005 में लागू किया गया था। बैटिंग पॉवर प्ले की अवधारणा थी कि वनडे मैचों में मध्य ओवरों में पारी को और भी ज्यादा रोमांचक बनाया जा सके। लेकिन समय के साथ चीजें नीरस होती चली गई। बैटिंग पॉवर प्ले लेने के बावजूद भी बल्लेबाज जोखिम नहीं लेता और एक ओवर में 5 सिंगल्स तक लेने लगा, जबकि बल्लेबाज के पास पूरी फील्ड खाली होती थी। जिसके कारण बैटिंग पॉवर प्ले लेने का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता था। वहीं बैटिंग पॉवर प्ले के कारण स्पिन गेंदबाजों की गेंदों पर ज्यादा रन लगने लगे। सर्कल से बाहर सिर्फ तीन फील्डर्स होने के कारण स्पिन गेंदबाज गेंद को थोड़ा सा भी हवा में नहीं जाने देता था क्योंकि जहां थोड़ी सी भी गेंद बल्लेबाज को हवा में मिलती तो बल्लेबाज उसे सीमा पार भेजने के लिए बल्ला उठा के शॉट लगा देता था। आखिर में साल 2015 में इस नियम को समाप्त कर दिया गया।