जब हम संजू सैमसन की बात करते हैं तो हमारे ध्यान में तकनीक और एलिगेंस की बात आ जाती है। केरल के इस बल्लेबाज ने पिछले कई वर्षों से अच्छा प्रदर्शन करता किया है, लेकिन प्रदर्शन में निरंतरता की कमी होने की वजह से सैमसन को भारतीय टीम में जगह नहीं मिल पाती है। सैमसन कई बार फिटनेस से भी जूझते नज़र आये हैं। हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ इंटरव्यू में इस बल्लेबाज ने फिटनेस पर काफी जोर दिया और कहा "मैं पिछले सत्र में अपनी फिटनेस से जूझ रहा था। जिसकी सबसे बड़ी वजह है मैचों का अलग अलग जगह खेला जाना, जिस वजह से काफी सफर करना पड़ता है और फिटनेस की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसका असर खेल पर भी दिखता है। इसलिए इस साल मैंने अभी से ही फिटनेस पर काम करना शुरू कर दिया है।" भारतीय टीम में जगह के लिए सैमसन का मानना है कि हर तरह के घरेलू मैचों में अच्छा प्रदर्शन ही भारतीय टीम में जगह दिला सकता है। सैमसन ने कहा "मैंने महसूस किया है कि सिर्फ आईपीएल के प्रदर्शन के आधार पर भारतीय टीम में जगह मिलना मुश्किल है। इसके लिए घरेलू मैचों ने निरन्तर अच्छा प्रदर्शन करना पड़ेगा और मैं ऐसा ही लक्ष्य लेकर चल रहा हूँ।" 2015 के ज़िम्बाब्वे दौरे पर सैमसन ने टी-20 में अपना पदार्पण किया था और उस मैच में वो 24 गेंदों में सिर्फ 19 रन ही बना पाए थे। उसके बाद से उन्हें फिर टीम में जगह ही नहीं मिली। आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद चोट की वजह से सैमसन 2016 रणजी सीजन में आईपीएल वाले प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाए। आईपीएल 10 में सैमसन ने 386 रन बनाए जिसमें पुणे के खिलाफ शतक भी शामिल है। अब सैमसन पूरी तरह फिट हैं और अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं। रणजी ट्रॉफी 2017-18 सत्र 6 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है जहाँ सैमसन केरल की टीम के लिए खेलते हुए नजर आयेंगे। केरल की टीम ने इस बार डेव व्हाटमोर को अपना कोच नियुक्त किया है और इस सत्र में टीम अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद करेगी।