एस श्रीसंत और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के बीच चल रहा संघर्ष बढ़ता ही जा रहा है। खबरों के अनुसार श्रीसंत ने अपने खेल को फिर से जारी करने के लिए बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करवाने के संबंध में मामले को कोर्ट ले जा सकते हैं। इस संबंध में श्रीसंत के सहयोगी एडी गिब्स ने कहा कि उनका खेल फिर से शुरू कराने के लिए बीसीसीआई को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) के समक्ष ले जाया जा सकता है। एक समाचार पत्र से बातचीत में गिब्स ने कहा “श्रीसंत ने बीसीसीआई/आईसीसी को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (CAS) में घसीटने का विकल्प बरकरार रखा है। हम स्पोर्ट्स विशेषज्ञ वकीलों से बातचीत कर रहे हैं” यह भी पढ़ें : श्रीसंत और आकाश चोपड़ा के बीच ट्विटर पर हुई बहस आईपीएल 6 के दौरान मैच फिक्सिंग के आरोप में श्रीसंत बीसीसीआई द्वारा आजीवन प्रतिबंध झेल रहे हैं। दिल्ली की एक ट्रायल कोर्ट ने उनके ऊपर लगे सभी आरोप हटा दिए थे, लेकिन बोर्ड ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। श्रीसंत के अनुसार बोर्ड के साथ आधिकारिक पत्राचार पर कोई बातचीत नहीं हुई है। बीसीसीआई और श्रीसंत के बीच चल रहा विवाद भारतीय क्रिकेट के लिए शुभ नहीं है, तथा स्पष्ट संकेत भी नहीं है, कि आगे क्या होना है। जब श्रीसंत ने स्कॉटलैंड में क्रिकेट खेलने के लिए बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र की गुजारिश की, तो बोर्ड ने उसे ठुकरा दिया। बोर्ड अगर यह सुनिश्चित करना चाहता है कि श्रीसंत फिर कभी न खेलें, तो उनकी वापसी के संदर्भ में उपधायक्ष टी.सी. मैथ्यू का सकारात्मक बयान भी मिश्रित संकेत है। जैसा भी हो लेकिन एक बात साफ है कि 34 वर्षीय यह खिलाड़ी फिर से इस खेल में आने के लिए प्रयासरत है। बिना एनओसी के श्रीसंत स्कॉटलैंड तो नहीं जा सकते, लेकिन वहां के खिलाड़ियों के क्रिकेट कौशल को सुधारने तथा उन्हें भारतीय क्रिकेट का स्वाद चखने के लिए अपने गृह राज्य केरल जरूर बुला सकते हैं। बीसीसीआई द्वारा श्रीसंत की बातों को नजरंदाज करने के का आरोप लगाते हुए केरल के इस खिलाड़ी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया।