‘सचिन तेंदुलकर’ विश्व क्रिकेट में सबसे बड़ा नाम है। वह जब मैदान में खेलते थे, तो करोड़ों लोगों की दिल की धड़कन तेज होने लगती थी। जब वह आउट होते थे, तो भारत में सभी अपने टेलीविजन बंद कर लेते थे। 24 साल से भारत ने क्रिकेट के साथ, सचिन के नाम को भी जिया है और मैदान में उनके प्रति दीवानगी आज भी कायम है। सचिन की दीवानगी को अब बड़े परदे पर भी लोग काफी पसंद कर रहे हैं। इस हफ्ते सचिन के जीवन पर बनी 'सचिन-ए बिलियन ड्रीम्स' बड़े परदे पर रिलीज हो गई है। जेम्स एर्सकिन ने इस फिल्म का निर्देशन किया है। जेम्स ने सचिन के 24 साल को महज 2 घंटे 18 मिनट में बड़े परदे पर खूबसूरत तरीके से दर्शाया है। वह एमी अवार्ड के नॉमिनी भी रह चुके हैं। सचिन ने अपनी बायोपिक में खुद ही किरदार निभाया है और अपनी कहानी को लोगों के साथ साझा किया है। फिल्म में उन्होंने अपने जीवन के हर पल को शेयर किया है। सचिन ने अपने बचपन से लेकर परिवार के प्रेम तक, क्रिकेट की शुरुआत से लेकर वर्ल्ड कप जीतने तक और पत्नी अंजलि के साथ अपनी प्रेम कहानी से लेकर बच्चों के साथ बितायें पलों को लोगों के बीच फिल्म के जरिए पहुँचाया है। इन सभी के बीच उन्होंने अपने एक रिश्ते को बखूबी से फिल्म के अंदर दर्शाया है। यह रिश्ता उनका किटबैग से है, जो उन्होंने खास तौर पर दिखाया है। सचिन ने अपने किट बैग के हर चीज़ को बड़े ही अच्छे तरीके से दर्शाया है, साथ ही कुछ अलग चीज़ें भी देखने को मिली। सचिन ने फिल्म के दौरान सबसे पहले अपने किट बैग से बल्लों, पैड, ग्लव्स और जूतों को सबके सामने रखा है, उन्होंने अपने बल्ले के वजन को लेकर भी खास कहा कि वह हमेशा से एक ही वजन के बल्ले से खेलते नजर आये हैं, उन्होंने हमेशा बल्ले की लकड़ी को अहमियत दी है। आगे फिल्म में हम देख सकते हैं कि सचिन, जिनको क्रिकेट का भगवान कहा जाता है उनके किट बैग में भगवानों की तस्वीर रखी हुई है, जिसमें सबसे पहले भगवान गणेश की फोटो दिखाई देती है और फिर सत्य साईं बाबा की तस्वीर है। उनका परिवार शुरू से ही भगवान के के प्रति समर्पित रहा है। सचिन के किट बैग में सबसे खूबसूरत चीज़ उनके बच्चों द्वारा बनाया गया तिरंगा झंडा है, जिस पर लिखा है 'मैच के लिए शुभकामनाएं: मम्मी, सारा और अर्जुन।' सचिन ने अपने किट बैग में बल्ले की ग्रिप का एक छोटा सा बैग रखा हुआ है, जिसमें बहुत से बल्लों की ग्रिप मौजूद है। साथ ही बल्लों को ठीक करने का सभी सामान उसमें मौजूद है। जब वह अपने साथी खिलाड़ियों के साथ होते थे, तो वह इस किट बैग में रखे सामान से सभी के बल्ले खुद ही ठीक कर देते थे। सचिन का अपने किट के प्रति इतना प्रेम ही उन्हें महान क्रिकेटर बनाता है, उन्होंने सबसे खास बात यह कही कि उन्होंने कभी भी अपने 24 साल के केरियर में किट बैग का निरादर नहीं किया और न ही कभी बल्ले को जमीन पर फेंका था। वह बल्ले को उतना ही आदर देते थे, जितना अपने जीवन को देते थे। 'सचिन-ए बिलियन ड्रीम्स' में हमें सचिन की अनेक छोटी और दिलचस्प बातें देखने को मिली है, जिनमें से ख़ास बात उनके किट बैग के प्रेम कहानी रही है।