भारतीय टीम के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 16 नवंबर 2013 को अपने 24 साल लम्बे करियर का आखिरी मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में खेला था। यह क्रिकेट इतिहास का किसी भी ख़िलाड़ी के लिए सबसे यादगार विदाई मैच रहा। सचिन अपनी आखिरी पारी में शतक से चूक गए थे और उन्होंने 74 रनों की पारी खेली लेकिन अपने शानदार करियर में उन्होंने 100 शतक लगाए, जो एक विश्व रिकॉर्ड है। टेस्ट फॉर्मेट में सचिन के नाम 51 शतक हैं लेकिन उनके द्वारा खेली गई ये 5 यादगार शतकीय पारी आज भी सभी दर्शकों के ज़ेहन में रहती है। आइये नजर डालते है सचिन द्वारा खेली गई सबसे यादगार 5 टेस्ट पारी की तरफ : #119* बनाम इंग्लैंड ( मेनचेस्टर, 1990 ) 1990 में भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर थी। मैनचेस्टर में खेले गए टेस्ट मैच में भारत को 408 रनों का लक्ष्य मिला, जिसका पीछा करते हुए भारतीय टीम का स्कोर एक समय पर 6 विकेट पर 183 रन था लेकिन नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने आये 17 साल के सचिन ने आखिरी सेशन में मोर्चा सँभालते हुए भारतीय टीम के लिए यह मैच बचाया। यह उनके अंतरराष्ट्रीय करियर की पहली शतकीय पारी थी। उनकी इस शतकीय पारी की तारीफ करते हुए कमेन्ट्री बॉक्स में बैठे महान कमेंटेटर रिची बेनो ने कहा था, "यह पारी साहस व कौशल से भरी है और साथ ही दर्शनीय भी है।" #114 बनाम ऑस्ट्रेलिया ( पर्थ, 1992 ) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा सबसे कठिन माना गया है। ऑस्ट्रलियाई टीम के साथ दर्शक और मीडिया से भी विरोधी टीम और उनके खिलाड़ियों को सामना करना होता है लेकिन इन सबसे ऊपर उठते हुए युवा सचिन तेंदुलकर ने 1992 दौरे पर सिडनी टेस्ट में शतक लगा कर खूब चर्चाएँ बटोरी और फिर विश्व की सबसे तेज पिच मानी जाने वाली पर्थ मैदान की पिच पर सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों के सामने डट कर सामना करते हुए एक और शानदार शतक जड़ा। उन्होंने 114 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली और यह शतक उनके 100 टेस्ट शतकों में काफी ख़ास माना जाता है।136 बनाम पाकिस्तान ( चेन्नई, 1999 ) 1999 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम भारत दौरे पर थी। दोनों टीमों के बीच खेली गई यह टेस्ट सीरीज सबसे बेहतरीन सीरीज रही। पाकिस्तान के खिलाफ चेन्नई में सचिन का शतक भी सभी के लिए यादगार रहा। पाकिस्तान के द्वारा दिए गए 271 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम का स्कोर एक समय पर 5 विकेट पर 82 रन था लेकिन सचिन ने नयन मोंगिया के साथ शतकीय साझेदारी कर मेजबान टीम को मैच में वापस ला दिया था। लक्ष्य से 17 रन दूर रहते हुए सचिन ने अपना विकेट 136 के निजी स्कोर पर गवां दिया और पाकिस्तान ने बाकी बचे विकेट जल्दी से प्राप्त कर मैच को रोमांचक तरीके से अपने नाम किया लेकिन अकेले बल्लेबाज के रूप में पाकिस्तान टीम का सामना करते हुए सचिन ने एक यादगार पारी खेली थी।103* बनाम इंग्लैंड ( चेन्नई, 2008 ) सचिन तेंदुलकर एक बार फिर से चेन्नई के मैदान पर थे लेकिन इस बार विरोधी टीम इंग्लैंड थी, जिसने भारतीय टीम को 387 रनों का मुश्किल लक्ष्य दिया। भारत ने वीरेंदर सहवाग की ताबड़तोड़ पारी की बदलौत अच्छी शुरुआत की और एक समय पर टीम का स्कोर 221/4 था। उसके बाद सचिन ने युवराज सिंह के साथ नाबाद 167 रनों की साझेदारी कर भारत को मैच में 6 विकेट से जीत दिलवा दीअजित । सचिन ने इस यादगार पारी के दौरान 103 रन बनाये और अंत में उन्होंने 2008 में हुए मुंबई आतंकवादी हमले में पीड़ित लोगों को यह पारी समर्पित की। 241* बनाम ऑस्ट्रेलिया ( सिडनी 2004 ) ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई 241 रनों की पारी सचिन के लिए ज्यादा अहमियत रखती है। इस पारी से पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हुए 3 टेस्ट मैचों में सचिन के बल्ले से कोई भी बड़ी पारी नहीं देखने को मिली थी। इस चिंता को लेकर उन्होंने अपने बड़े भाई अजीत से बात की और उन्होंने सचिन को सलाह देते हुए कहा कि तुम अपने स्वभाविक तकनीक को बदलकर बल्लेबाजी करो। सचिन ने सिडनी मैच में ऐसा ही किया और करीबन 10 घंटे लगातार बल्लेबाजी करते समय सचिन ने एक भी कवर ड्राइव नहीं खेली, जो उनका ट्रेडमार्क शॉट रहा है। उनके द्वारा खेली गई यह पारी काफी अनुशासित रही। उन्होंने इस पारी के दौरान 33 बाउंड्री के साथ 436 गेंदों का सामना करते हुए 241 रनों की नाबाद पारी खेली। भारत ने 705 रनों पर पारी की घोषणा की। सचिन ने अपना स्वाभविक खेल न खेलते हुए विपरीत परिस्थितियों में शानदार बल्लेबाजी का नमूना पेश किया, जो उनके महान बल्लेबाज होने की काबिलियत को दर्शाता है।