सचिन तेंदुलकर को दुनिया भर के क्रिकेट प्रशंसक "क्रिकेट का भगवान" मानते हैं। वह एक ऐसे बल्लेबाज थे जिन्होंने उन कई सारे युवाओं को प्रेरित किया, जो उनकी तरह बनना चाहते थे। मास्टर ब्लास्टर सभी समय के सबसे लोकप्रिय बल्लेबाजों में से एक हैं।
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उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं, जैसे टेस्ट और वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक शतक और रन बनाना आदि। उनका बल्लेबाजी रिकॉर्ड इतना शानदार है कि हर कोई यह भूल जाता है कि वह एक अच्छे गेंदबाज भी थे। तेंदुलकर एक अनूठे गेंदबाज थे क्योंकि वे गेंद को स्विंग करा सकते थे और पिच के हिसाब से स्पिन (ऑफ और लेग-स्पिन दोनों) गेंदबाजी भी कर सकते थे।
इस महान क्रिकेटर ने अपने करियर में 200 अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए, जिनमें वनडे में 155 और टेस्ट मैचों में 44 विकेट शामिल हैं। यह जानकर आपको आश्चर्य हो सकता है कि बल्लेबाजी के उस्ताद के पास कुछ गेंदबाजी के रिकॉर्ड भी हैं।
आइए हम सचिन के 3 गेंदबाजी के रिकॉर्ड को जानते हैं-
3. भारत के लिए सबसे कम उम्र में विकेट
तेंडुलकर ने सिर्फ 16 साल की उम्र में ही अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। मुंबई के इस दिग्गज खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला विकेट लेने के लिए कुछ समय इंतजार करना पड़ा। अंत में, उनका इंतजार 5 दिसंबर 1990 को समाप्त हो गया, जब उन्होंने श्रीलंका के रोशन महानमा को आउट किया।
सचिन ने उन्हें किरण मोरे के हाथों कैच कराया। इस दौरान वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में विकेट लेने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय क्रिकेटर बन गए। तेंदुलकर सिर्फ 17 साल और 224 दिन के थे और उन्होंने उस समय पूर्व भारतीय स्पिनर मनिंदर सिंह का रिकॉर्ड तोड़ दिया था।
इस मैच में उनका यह एकमात्र विकेट नहीं था, क्योंकि उन्होंने बाद में अर्जुन रणतुंगा को भी आउट किया था। तेंदुलकर ने इसके बाद 41 गेंदों पर 53 रन बनाए और मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता।
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2. आखिरी ओवर में 6 या इससे कम रन का बचाव
यदि बल्लेबाजी टीम को अंतिम ओवर में 10-12 रन से कम की जरूरत है, तो उनके मैच जीतने की संभावना ज्यादा होती है और जब लक्ष्य अंतिम ओवर में 6 रन या उससे कम है, तो यह गेंदबाजी टीम के लिए नामुमकिन सा लगता है।
अंतिम ओवर में छह रन या उससे भी कम स्कोर का बचाव करना बहुत ही दुर्लभ उपलब्धि है। लेकिन सचिन ये उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। तेंदुलकर एकमात्र ऐसे गेंदबाज हैं जिन्होंने आखिरी ओवर में छह से भी कम रन का बचाव किया है।
1993 में तेंदुलकर ने आखिरी ओवर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ छह रन का बचाव करते हुए भारत को एक मशहूर जीत दिलाई। उन्होंने उस ओवर में केवल तीन रन दिए थे। 1997 में ऐसी ही परिस्थिति में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी ओवर की पहली गेंद पर ऑस्ट्रेलिया का आखिरी विकेट लेकर यह उपलब्धि दोहराई थी।
1. एशिया कप में एक भारतीय स्पिनर द्वारा सबसे ज्यादा विकेट
तेंदुलकर के पास हमेशा से ही साझेदारी तोड़ने की कला थी। उनकी गेंदबाजी में एकमात्र समस्या निरंतरता की कमी थी, लेकिन 2004 के एशिया कप में सचिन ने इसका समाधान निकाल लिया और बेहद शानदार प्रदर्शन किया ।
उस समय सचिन ने 12.91 की कमाल की गेंदबाजी औसत से सिर्फ छह मैचों में 12 विकेट लिए। तेंदुलकर ने उन सभी पांच पारियों में कम से कम एक विकेट लिया, जहां उन्हें गेंदबाजी करने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने एशिया कप के एक ही संस्करण में एक भारतीय स्पिनर द्वारा लिए गए सबसे ज्यादा विकेटों का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
एक एशिया कप में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों में वह इरफान पठान (14 विकेट) के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
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