भारत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सचिन तेंदुलकर की 5 बेहतरीन पारियां

Australia v India - Fourth Test: Day 3 nter caption
Australia v India - Fourth Test: Day 3 nter caption

90 के दशक में ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराना मुश्किल ही नहीं लगभग नामुमकिन सा था। यही हाल 21वीं शताब्दी में भी था। स्टीव वॉ की कप्तानी में टीम को जीत की आदत पड़ी तो रिकी पोटिंग की कप्तानी में कंगारु टीम लगभग अजेय हो गई। उस समय ऑस्ट्रेलियाई टीम काफी आक्रामक क्रिकेट खेलती थी। विरोधी टीम की बल्लेबाजी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी के आगे घुटने टेक देती थी। ऑस्ट्रेलियाई टीम का ये गेंदबाजी आक्रमण 70 के दशक की वेस्टइंडीज टीम जैसा था।

इतने सालों में कोई भी टीम ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला नहीं कर सकी। ना ही कोई बल्लेबाज खतरनाक ऑस्ट्रेलियाई बॉलरों का सामना कर सका। लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा था जिसने ना केवल कंगारू गेंदबाजों का डटकर सामना किया बल्कि उनके खिलाफ खूब रन भी बनाए। उस खिलाड़ी का नाम है क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर।

सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ काफी रन बनाए। भारत में भी उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ खूब रन बटोरे। उनकी हर एक पारी स्पेशल पारी थी। आइए आपको बताते हैं सचिन की ऐसी ही 5 पारियों के बारे में जो उन्होंने भारत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया।

भारत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सचिन तेंदुलकर की 5 बेहतरीन पारियां

5. 2008-09 नागपुर में 109 रनों की पारी

Australia v India - Second Test: Day 2
Australia v India - Second Test: Day 2

2010 तक आते-आते ऑस्ट्रेलियाई टीम से कई दिग्गज खिलाड़ी संन्यास ले चुके थे। जिसमें ग्लेन मैक्ग्रा, ब्रेट ली, और शेन वॉर्न जैसे खिलाड़ी थे, फिर भी कंगारु टीम ने अपनी जीत की आदत नहीं छोड़ी। 2008-09 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी खेली गई । 4 मैचों की सीरीज में भारत 1-0 से आगे था। फाइनल मैच में वीरेंदर सहवाग ने 66 रनों की तेज पारी खेली।

हालांकि दूसरे छोर पर विकेट लगातार गिरते रहे। लेकिन यहीं से सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण ने एक अच्छी साझेदारी कर भारतीय पारी को संभाल लिया। तेंदुलकर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपना 40वां टेस्ट शतक पूरा किया। अपनी 109 रनों की पारी में तेंदुलकर ने कई सारे खूबसूरत शॉट लगाए। भारत ने वो मैच 172 रन से जीता और इसके साथ ही सीरीज भी 2-0 से अपने नाम की।

4. 2000-01 चेन्नई टेस्ट में 126 रन

20 Mar 2001: Sachin Tendulkar of India cuts, during day three of the third test between India and Australia at the M.A. Chidambaram Stadium, Chennai, India. X DIGITAL IMAGE Mandatory Credit: Hamish Blair/ALLSPORT

2000-01 की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी भारतीय ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज की सबसे यादगार टेस्ट सीरीज रही। सीरीज का पहला टेस्ट मैच भारतीय टीम हार गई लेकिन दूसरा टेस्ट भारतीय टीम ने जीत लिया। दूसरे टेस्ट में इंडियन टीम ने कई सारे रिकॉर्ड बनाए। फॉलोऑन खेलने के बावजूद भारत ने टेस्ट मैच जीतकर इतिहास रच दिया। तीसरे टेस्ट में भी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने शानदार शुरुआत की।

मैथ्यू हेडन के शानदार दोहरे शतक की बदौलत ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहली पारी में 391 रनों का विशाल लक्ष्य खड़ा किया। 391 रनों के लक्ष्य के जवाब में भारत की तरफ से भी शानदार बल्लेबाजी हुई। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने अपना पूरा अनुभव दिखाया और द्रविड़, लक्ष्मण के साथ मिलकर शानदार साझेदारी की।

सचिन तेंदुलकर ने 126 रनों की बेहतरीन पारी खेली। जिससे भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के 391 रनों के जवाब में 501 रनों का स्कोर खड़ा किया। हालांकि मैच के हीरो हरभजन सिंह रहे लेकिन सचिन की उस यादगार पारी को भुलाया नहीं जा सकता है।

3. 1997-98 बैंगलोर में 177 रन

sachin in banglore

ये बात उन दिनों की है जब सचिन तेंदुलकर पूरी टीम की जिम्मेदारी अकेले अपने कंधों पर उठाते थे। पूरे देश की निगाहें सिर्फ और सिर्फ सचिन पर ही लगी होती थीं। सचिन अकेले टीम की तरफ से लड़ते थे फिर भी कई बार भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ता था। 1997-98 के उस सीरीज में भारतीय टीम सीरीज पहले ही जीत चुकी थी और बैंगलोर में उसे आखिरी टेस्ट मैच खेलना था।

उस मैच में भारत के लिए सब कुछ अच्छा हो रहा था। भारतीय टीम ने टॉस जीता, पहले बल्लेबाजी की और 424 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। भारत की इस विशाल पारी के पीछे सचिन तेंदुलकर की पारी का बहुत बड़ा योगदान था। सचिन ने उस मैच में 207 गेंदों पर 177 रनों की पारी खेली। अपनी इस पारी के दौरान सचिन ने 29 चौके और 3 छक्के लगाए और कंगारु गेंदबाजों को सेट होने का मौका ही नहीं दिया।

जब तक सचिन क्रीज पर थे भारत के 281 में से 177 रन उन्हीं के थे, लेकिन उनके आउट होते ही भारतीय टीम के विकेटों की झड़ी लग गई। 90 में कहा भी जाता था कि सचिन के आउट होते ही भारतीय फैंस अपनी टीवी बंद कर देते थे।

2. 2010-11 बैंगलोर में 214 रन

India

2010-11 में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत का दौरा किया। इस समय तक सचिन तेंदुलकर की उम्र 37 साल हो चुकी थी। लेकिन सीरीज में अपनी बल्लेबाजी से सचिन ने साबित कर दिया कि उनकी बल्लेबाजी के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती। बैंगलोर टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 478 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। तब शायद ऑस्ट्रेलिया को ये अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि वो ये मैच हार जाएंगे।

478 रनों के जवाब में भारतीय टीम 38 रनों पर 2 विकेट गंवा चुकी थी, ऐसे में सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर आए। सबसे पहले मुरली विजय के साथ मिलकर उन्होंने पारी को संभाला फिर एक-एक कर के गेंदबाजों पर अटैक करना शुरु किया। तीसरे विकेट के लिए दोनों बल्लेबाजों के बीच 300 रनों से ज्यादा की साझेदारी हुई। सचिन ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 214 रनों की पारी खेली जिसमें उन्होंने 22 चौके और 2 छक्के लगाए।

अंत में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भारत के सामने जीत के लिए 207 रनों का लक्ष्य रखा जिसे भारत ने आसानी से हासिल कर लिया। दूसरी पारी में भी सचिन ने 53 रन बनाए। वो मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज रहे।

1.1997-98 चेन्नई में 155 रन

CHENNAI - MARCH 9: Sachin Tendulkar of India hits out on his way to 155 runs during the Border-Gavaskar Trophy, 1997/98, 1st Test Match between India and Australia held on March 9, 1998 at the MA Chidambaram Stadium, in Chepauk, Chennai, India. (Photo by Ben Radford/Getty Images)

शेन वॉर्न और सचिन तेंदुलकर के बीच प्रतिद्वंदिता जगजाहिर थी, लेकिन अपनी बल्लेबाजी से सचिन ने शेन वॉर्न को भी अपना दीवाना बना लिया था। अक्सर दोनों के बीच मैच में काफी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती थी। दोनों ही खिलाड़ी अपने-अपने विभाग में माहिर थे। कोई किसी से कम नहीं था, लेकिन 1998 में एक टेस्ट मैच में सचिन, वॉर्न पर भारी पड़ गए थे।

हालांकि पहली सफलता वॉन को हासिल हुई जब पहली पारी में उन्होंने सचिन को सस्ते में पवेलियन भेज दिया। दूसरी पारी में जब भारत बल्लेबाज के लिए उतरा तो ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी के आधार पर 71 रनों से पीछे था, लेकिन यहीं से मास्टर ब्लास्टर ने पूरे मैच का पासा पलट दिया। खतरनाक कंगारु गेंदबाजों का सचिन ने डटकर मुकाबला किया। सचिन ने मैच में कट, पुल और ड्राइव हर तरह के शॉट लगाए। स्पिन के साथ भी और स्पिन के खिलाफ भी सचिन ने खूबसूरत शॉट लगाए।

शानदार बल्लेबाजी करते हुए सचिन ने 81 की स्ट्राइक रेट के साथ 155 रनों की शतकीय पारी खेली। हमें यहां एक बात नहीं भूलनी चाहिए कि वो 90 का दौर था जब वनडे में भी किसी बल्लेबाज की स्ट्राइक रेट इतनी अच्छी नहीं होती थी, लेकिन सचिन ने टेस्ट में 81 की स्ट्राइक के साथ बल्लेबाजी की। सचिन की इस लाजवाब पारी के आगे कंगारु टीम पस्त हो गई और भारतीय टीम ने 179 रनों से मैच जीत लिया। इस पारी की वजह से भारतीय टीम सीरीज भी जीतने में कामयाब रही।

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Edited by सावन गुप्ता
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