3. 1997-98 बैंगलोर में 177 रन
ये बात उन दिनों की है जब सचिन तेंदुलकर पूरी टीम की जिम्मेदारी अकेले अपने कंधों पर उठाते थे। पूरे देश की निगाहें सिर्फ और सिर्फ सचिन पर ही लगी होती थीं। सचिन अकेले टीम की तरफ से लड़ते थे फिर भी कई बार भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ता था। 1997-98 के उस सीरीज में भारतीय टीम सीरीज पहले ही जीत चुकी थी और बैंगलोर में उसे आखिरी टेस्ट मैच खेलना था।
उस मैच में भारत के लिए सब कुछ अच्छा हो रहा था। भारतीय टीम ने टॉस जीता, पहले बल्लेबाजी की और 424 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। भारत की इस विशाल पारी के पीछे सचिन तेंदुलकर की पारी का बहुत बड़ा योगदान था। सचिन ने उस मैच में 207 गेंदों पर 177 रनों की पारी खेली। अपनी इस पारी के दौरान सचिन ने 29 चौके और 3 छक्के लगाए और कंगारु गेंदबाजों को सेट होने का मौका ही नहीं दिया।
जब तक सचिन क्रीज पर थे भारत के 281 में से 177 रन उन्हीं के थे, लेकिन उनके आउट होते ही भारतीय टीम के विकेटों की झड़ी लग गई। 90 में कहा भी जाता था कि सचिन के आउट होते ही भारतीय फैंस अपनी टीवी बंद कर देते थे।