1.1997-98 चेन्नई में 155 रन
शेन वॉर्न और सचिन तेंदुलकर के बीच प्रतिद्वंदिता जगजाहिर थी, लेकिन अपनी बल्लेबाजी से सचिन ने शेन वॉर्न को भी अपना दीवाना बना लिया था। अक्सर दोनों के बीच मैच में काफी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती थी। दोनों ही खिलाड़ी अपने-अपने विभाग में माहिर थे। कोई किसी से कम नहीं था, लेकिन 1998 में एक टेस्ट मैच में सचिन, वॉर्न पर भारी पड़ गए थे।
हालांकि पहली सफलता वॉन को हासिल हुई जब पहली पारी में उन्होंने सचिन को सस्ते में पवेलियन भेज दिया। दूसरी पारी में जब भारत बल्लेबाज के लिए उतरा तो ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी के आधार पर 71 रनों से पीछे था, लेकिन यहीं से मास्टर ब्लास्टर ने पूरे मैच का पासा पलट दिया। खतरनाक कंगारु गेंदबाजों का सचिन ने डटकर मुकाबला किया। सचिन ने मैच में कट, पुल और ड्राइव हर तरह के शॉट लगाए। स्पिन के साथ भी और स्पिन के खिलाफ भी सचिन ने खूबसूरत शॉट लगाए।
शानदार बल्लेबाजी करते हुए सचिन ने 81 की स्ट्राइक रेट के साथ 155 रनों की शतकीय पारी खेली। हमें यहां एक बात नहीं भूलनी चाहिए कि वो 90 का दौर था जब वनडे में भी किसी बल्लेबाज की स्ट्राइक रेट इतनी अच्छी नहीं होती थी, लेकिन सचिन ने टेस्ट में 81 की स्ट्राइक के साथ बल्लेबाजी की। सचिन की इस लाजवाब पारी के आगे कंगारु टीम पस्त हो गई और भारतीय टीम ने 179 रनों से मैच जीत लिया। इस पारी की वजह से भारतीय टीम सीरीज भी जीतने में कामयाब रही।