'22 यार्ड के बीच की मेरी 24 वर्ष की जिंदगी का अंत आ चुका है', यह शब्द सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट के जुनूनी देश के सामने कहे और आंखें नम कर दी। 16 नवंबर 2013 को 'क्रिकेट के भगवान' सचिन तेंदुलकर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था। वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए सीरीज के दूसरे व अंतिम टेस्ट मैच में भारत ने तीसरे दिन एक पारी और 126 रन से मैच जीत लिया था। इसी के साथ भारत ने सीरीज 2-0 से अपने नाम की थी। यह टेस्ट खत्म हुआ और सचिन के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के स्वर्णिम करियर का आखिरी दिन भी बना। सचिन ने मैच के बाद बहुत ही भावनात्मक भाषण दिया, जिसे सुनकर क्रिकेट फैंस अपने आंसू नहीं रोक सके। इस भाषण में सचिन तेंदुलकर ने लगभग हर उस व्यक्ति का जिक्र किया, जिन्होंने उन्हें सफल क्रिकेटर बनने में मदद की। सचिन की विदाई को अब तीन वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन आज भी उनका वो भाषण रोंगटे खड़े कर देता है। सचिन को 'क्रिकेट के भगवान' का दर्जा प्राप्त है। इस बात का प्रमाण उनका करियर है। महान बल्लेबाज ने 200 टेस्ट खेले हैं जिसमें 53.78 की औसत से 15,921 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 51 शतक और 68 अर्धशतक जमाए हैं। टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 248* रहा। वन-डे में सचिन ने 463 मैच खेले और 49 शतक व 96 अर्धशतक की मदद से 18,426 रन बनाए। वन-डे में सचिन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 200 रन रहा। सचिन के नाम बल्लेबाजी का लगभग हर रिकॉर्ड दर्ज है। वह वन-डे में दोहरा शतक बनाने वाले विश्व के पहले बल्लेबाज हैं। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उन्होंने सर्वाधिक रन बनाए हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सचिन ने 100 शतक जमाए हैं और भी ऐसे कई रिकॉर्ड है जो सचिन के नाम दर्ज हैं। बहरहाल, भारत और वेस्टइंडीज के बीच दो मैचों की सीरीज का दूसरा टेस्ट 14 नवंबर से मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में शुरू हुआ था। भारत के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। प्रज्ञान ओझा ने पांच विकेट लेकर वेस्टइंडीज को पहले दिन 55.2 ओवर में 182 रन पर ऑलआउट कर दिया। इसके बाद भारत ने चेतेश्वर पुजारा (113) और रोहित शर्मा (111*) के शतकों की मदद से 495 रन का विशाल स्कोर बनाया था। भारतीय टीम में किसी बल्लेबाज के स्कोर को सचिन तेंदुलकर (74) के अर्धशतक से अधिक तवज्जो नहीं मिली। अपने करियर का आखिरी टेस्ट खेल रहे सचिन ने शानदार स्ट्रोक्स भरी पारी खेली और 118 गेंदों में 12 चौको की मदद से 74 रन बनाए। सचिन ने जब अपना अर्धशतक पूरा किया था तो वानखेड़े स्टेडियम पर सचिन...सचिन... की गूंज ने माहौल बना दिया था। अपने 52वें टेस्ट शतक की ओर तेजी से बढ़ रहे सचिन तेंदुलकर की पारी पर रोक देवनारायण ने लगाई। सैमी ने स्लिप में सचिन का बहुत ही तेज कैच पकड़ा। इसके बाद तीसरे दिन लंच से पहले भारत ने प्रज्ञान ओझा (5 विकेट) और रविचंद्रन अश्विन (4 विकेट) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत वेस्टइंडीज को 187 रन पर ऑलआउट कर दिया। सचिन के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर का यह आखिरी दिन बना और पूरी टीम ने उन्हें पवेलियन तक 'गार्ड ऑफ हॉनर' दिया। सचिन भी नम आंखें लिए स्टंप उठाकर दर्शकों का अभिवादन करते हुए पवेलियन गए। इसके बाद उन्होंने बेहद भावनात्मक भाषण दिया, जिसे सुनकर हर क्रिकेट प्रशंसक की आंखें गीली हो चुकी थी। सचिन...सचिन... के नारों के बीच तेंदुलकर वानखेड़े स्टेडियम की पिच को ढोक देने गए। इससे उन्होंने दर्शाया कि क्रिकेट उनके लिए पूजा है। देखिए सचिन के विदाई समारोह का पूरा भाषण :