भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने बीसीसीआई का प्रेसिडेंट बनने के सवाल पर मजेदार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वो सौरव गांगुली जितनी तेज गेंदबाजी नहीं कर सकते हैं और इसी वजह से वो बीसीसीआई प्रेसिडेंट कभी नहीं बनेंगे। सचिन तेंदुलकर ने गांगुली से जुड़ा एक मजेदार किस्सा भी सुनाया।
दरअसल बीसीसीआई की अगर बात करें इसके हालिया दो प्रेसिडेंट पूर्व क्रिकेटर ही रहे हैं। सबसे पहले सौरव गांगुली की नियुक्ति हुई थी और उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रोजर बिन्नी को प्रेसिडेंट बनाया गया।
सचिन तेंदुलकर ने बीसीसीआई प्रेसिडेंट बनने के सवाल पर दिया मजेदार जवाब
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बातचीत के दौरान सचिन तेंदुलकर से पूछा गया कि क्या कभी वो बीसीसीआई के प्रेसिडेंट बन सकते हैं या फिर किसी और पोस्ट पर आ सकते हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा 'मैंने इतनी ज्यादा फास्ट बॉलिंग नहीं की है, क्योंकि सौरव गांगुली अभी भी खुद को फास्ट बॉलर मानते हैं। मुझे याद है जब गांगुली ने टोरंटो में विकेट निकाले थे, उसके बाद मुझसे आकर कहने लगे कि अगर मैं थोड़ा और दम लगाऊं तो 140 तक जा सकता हूं। मैंने कहा कि दादा आप जा सकते हैं। इसके बाद सौरव ने दो दिन प्रैक्टिस किया और फिर तीसरे दिन पीठ पकड़कर बैठ गए। इसके बाद उन्होंने कभी नहीं कहा कि मुझे 140 की स्पीड पर डालना है। मैं 140 नहीं डाल सकता हूं।'
आपको बता दें कि इसी बातचीत के दौरान सचिन तेंदुलकर ने वनडे क्रिकेट को दिलचस्प बनाने के लिए अहम सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा कि दोनों ही टीमों को पहले और दूसरे हाफ में गेंदबाजी करनी चाहिए। तेंदुलकर के मुताबिक 15वें से 40वें ओवर तक मैच काफी बोरिंग हो जाता है। इसी वजह से दोनों ही टीमों को पहली और दूसरी पारी दोनों में ही गेंदबाजी करनी चाहिए।