क्रिकेट के इतिहास में जितना बड़ा नाम सचिन तेंदुलकर है उतना बड़ा शायद ही किसी और भारतीय खिलाड़ी का भविष्य में हो पाएगा, लेकिन उनको ये सफलता इतनी आसानी से नहीं मिली थी। इसके लिए उनको सालों तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी। जैसा कि सब जानते हैं कि सचिन जब भारतीय टीम में आये थे तब उनको नंबर 5 या फिर 6 पर बल्लेबाजी करने का मौका मिलता था, लेकिन सचिन टीम इंडिया के लिए ओपनर बल्लेबाज बनना चाहते थे। सचिन ने लिंक्डइन पर एक वीडियो शेयर करके इस बात का खुलासा किया है कि एकदिवसीय क्रिकेट में उनको ओपनिंग करने के लिए अपनी टीम मैनेजमेंट से विनती करनी पड़ी थी।
तेंदुलकर को पहली बार 1994 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड में ओपनिंग करने का मौका मिला था, जिसमें उन्होंने 49 गेंदों पर 82 रनों की आतिशी पारी खेली थी, जो उस समय एक चर्चा का विषय भी बन गई थी। उसके बाद से सचिन टीम इंडिया के ओपनर बल्लेबाज बन गए। तेंदुलकर ने बतौर ओपनर अपनी पहली पांच पारियों में क्रमश: 82, 63, 40, 63 और 73 रन बनाए।
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सचिन का पहला शतक वनडे बनाने में पांच सालों तक इंतज़ार करना पड़ा था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1989 में पहली बार शतक बनाया। उस मैच में सचिन ने 110 रनों की शानदार पारी खेली थी। उसके बाद तो सचिन ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और इतिहास रचते चले गए।
गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर ने बतौर ओपनर भारत के लिए 340 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने 45 शतक और 75 अर्धशतक जड़े थे। इस दौरान सचिन के बल्ले से 48.30 की औसत से 15310 रन निकले।
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