भारतीय क्रिकेट में पिछले कुछ समय से एक बहस का विषय रहा है। वो है महेंद्र सिंह धोनी का सीमित ओवर क्रिकेट में खिलाड़ी और कप्तान के रूप में भविष्य। इस 35 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी के बारे में कई पूर्व क्रिकेटरों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं रही है। धोनी इन बातों से बिलकुल बेफिक्र रहते हैं। धोनी के सन्यास लेने की बहस के बीच पूर्व भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर ने उन्हें इस मामले में अकेले छोड़ देने की बात कही है। 43 वर्षीय सचिन ने कहा कि अगर एक खिलाड़ी मानसिक और शारीरिक रूप से खेलने के लिए फिट होता है, तो हमें उसे यह सब करने देना चाहिए। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक साक्षात्कार में इस पूर्व भारतीय दिग्गज खिलाड़ी ने कहा "उनके प्रदर्शन का उम्र से कोई लेना-देना नहीं है। मुझे याद है जब टी20 क्रिकेट के बारे में कहा गया था कि यह युवा खिलाड़ियों के लिए है, वो सब गलत था। ब्रेड हॉज 44 वर्ष की उम्र में खेल रहे हैं। मैंने 38 वर्ष की उम्र में एकदिवसीय मैच में दोहरा शतक लगाया, यह उनकी पसंद पर छोड़ देना चाहिए। वे अपने शरीर और दिमाग के बारे में दूसरों से अधिक जानते हैं। वे एक श्रेष्ठ जज हैं और मामले को उन पर ही छोड़ देना चाहिए।" सचिन तेंदुलकर बीसीसीआई की उस सलाहकार समिति में हिस्सा थे जिसने भारतीय टीम के कोच के रूप में अनिल कुंबले को चुना। इस बारे में तेंदुलकर का कहना था कि उनके समय में कुंबले जैसी मेहनत किसी ने नहीं की, और यही विश्वास उनका कोच के रूप में अभी वर्तमान खिलाड़ियों के साथ है। वन-डे क्रिकेट में पहला दोहरा शतक लगाने वाले सचिन ने कहा "कुंबले के साथ खेलते समय मैंने देखा कि उन्होंने हमेशा श्रेष्ठ करने की कोशिश की, अपना खेल कठिन तरीके से खेला। इसलिए यही रवैया वे कोच के रूप में खिलाड़ियों के साथ रखेंगे।" भारत और इंग्लैंड के बीच अगला टेस्ट मैच सचिन के गृह मैदान वानखेड़े स्टेडियम मुंबई में 8 दिसंबर से होगा। यह पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का चौथा टेस्ट मैच होगा। देखें: सचिन तेंदुलकर द्वारा वानखेड़े स्टेडियम पर खेली गई श्रेष्ठ पारियों में से एक का वीडियो