सचिन तेंदुलकर का संन्यास एक राज़: संदीप पाटिल

क्रिकेट के इस खेल में अबतक कई महान खिलाड़ी आये और गए पर इनमें से कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्हें आज भी लोग दिल में बसाकर रखे हुए हैं। ऐसे ही कुछ खिलाड़ियों एक खिलाड़ी है भारत के सचिन रमेश तेंदुलकर जिनके पूरी दुनिया भर में ना जाने कितने समर्थक होंगे। भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट को जिन बुलंदियों तक पहुंचाया है वो शायद ही और कोई दूसरा खिलाड़ी कर पाए। क्रिकेट के इस भगवान को खेलते देख समर्थक पागल से हो जाते थे पर जब इस महान खिलाड़ी ने संन्यास की घोषणा की तो सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया सकते में पड़ गई थी। सचिन तेंदुलकर ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था। 14 नवम्बर 2013 को वेस्टइंडीज़ के खिलाफ खेलकर सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। तेंदुलकर का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास आज भी एक बड़ा राज़ बना हुआ है। तेंदुलकर के इस संन्यास पर आज भी मुख्य नेश्नल चयनकर्ता संदीप पाटिल चुप्पी साधे हुए हैं। पत्रकारों द्वारा बार बार पूछने पर भी पाटिल ने इस बात का जवाब नहीं दिया, पर उन्होंने जो कहा वो वाकई में एक दुखदाई बात थी। "एक चयनकर्ता होने पर आपके लिए सबसे बुरी बात ये थी कि इस फैसले के बाद आपको अपना दोस्त खोना पड़ा, पर किया भी क्या जा सकता है ये सभी खेल का ही एक हिस्सा है": संदीप पाटिल साथ ही साथ पाटिल ने ये भी कहा "कुछ ऐसी बातें है जो बीसीसीआई और चयनकर्ताओं के बीच ही रखी जाती है जोकि एक राज़ होता है और जिसे खोला नहीं जा सकता। हमने भारतीय टीम के भविष्य को देखते हुए कुछ कड़े और अहम फैसले किये हैं और हमें इस बात की ख़ुशी है कि हमारा किया हुआ फैसला सही दिशा में जा रहा है और भारतीय टीम तीनों ही फ़ॉर्मेट में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है"। पाटिल, जिनका चार साल का कार्यकाल इस साल सितम्बर में ख़त्म होने वाला है, वो उस कामयाब भारतीय टीम के चयनकर्ताओं में भी शामिल थे जिसने टेस्ट रैंकिंग में पहला पायदान हासिल किया था।