2011 वर्ल्ड कप जीतने के सचिन तेंदुलकर को टीम के साथी खिलाड़ियों ने कंधे पर उठाकर लैप लगाया था और इस यादगार लम्हे को लॉरेस स्पोर्टिंग मोमेंट ऑफ द डेकेड का अवॉर्ड मिला है। इस बेहतरीन लम्हे को 'कैरीड ऑन द शोल्डर्स ऑफ ए नेशन' का नाम दिया गया है। बर्लिन में आयोजित हुए लॉरेस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवॉर्ड में भारतीय फैंस के कारण सचिन तेंदुलकर को सबसे ज्यादा वोट मिले।
टेनिस के दिग्गज बोरिस बेकर ने विजेता के रूप में सचिन तेंदुलकर के नाम की घोषणा की और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और महान खिलाड़ी स्टीव वॉ ने सचिन को ट्रॉफी दी। भारतीय क्रिकेटऔर उनके फैंस के लिए 2011 का विश्व कप जीतना एक यादगार लम्हा था और सचिन को यह सम्मान मिलना इस बात की गवाही है।
अवॉर्ड मिलने के बाद सचिन ने कहा," 1983 में जब मैं 10 साल था तभी मेरे सफर की शुरुआत हो गई थी। हालाँकि मैं उन भावनाओं को समझ नहीं पा रहा था लेकिन विश्व कप जीतने का जश्न सभी मना रहे थे, तो मैं भी उसमें शामिल हो गया। 22 साल तक जिस सपने को मैं देखता रहा, 2011 में वह पूरा हुआ और वह मेरे लिए बेहद गर्व का क्षण था। पूरे भारतवर्ष की तरफ से उस ट्रॉफी को मैंने उठाया था।"
सचिन तेंदुलकर ने इसके अलावा यह भी बताया कि कैसे नेल्सन मंडेला ने उनके जीवन पर प्रभाव डाला। सचिन के हिसाब से मंडेला की सभी बातें काफी प्रेरणादायी थी और उसमें सबसे महत्वपूर्ण संदेश यह था कि किसी भी खेल में यह ताकत है कि वह सभी को एक साथ जोड़कर रख सकता है।
इसके अलावा अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी लियोनल मेसी और फॉर्मूला वन के दिग्गज लुइस हैमिल्टन को लॉरेस स्पोर्ट्समैन ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से नवाज़ा गया।