सचिन अगर संन्यास नहीं लेते तो चयनकर्ता उन्हें टीम से बाहर कर देते: संदीप पाटिल

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज़ और पूर्व मुख्य चनकर्ता संदीप पाटिल ने एक बड़ा ख़ुलासा किया है। संदीप पाटिल के मुताबिक़ 2012 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ तीन मैचों की घरेलू वनडे सीरीज़ में चयनकर्ताओं ने सचिन को संदेश दे दिया था कि आपके लिए सीमित ओवर में जगह बनाना मुश्किल है। ''जहां तक मुझे याद है वह दिन 12 दिसंबर 2012 था, और जगह थी नागपुर। सचिन तेंदुलकर के आउट होते ही चयनकर्ताओं ने उनसे बात की, और उनसे आगे की ख़्वाहिश के बारे में जाना। उनमें से मैं भी एक था, और सचिन के दिमाग़ में उस वक़्त क्या चल रहा था इसका पता लगा पाना बेहद आसान था। सचिन ने इसके बाद फिर वनडे क्रिकेट नहीं खेला और 2013 में वानखेड़े में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ अपना 200वां टेस्ट खेलकर क्रिकेट से संन्यास ले लिया।'' :संदीप पाटिल ''हालांकि सचिन से बातचीत के दौरान ये बात साफ़ हो गई थी कि वह अभी और क्रिकेट खेलना चाहते थे। लेकिन चयन समिती ने एक फ़ैसला लिया जिसके तहत सचिन वनडे टीम में फ़िट नहीं बैठ रहे थे, और ये बात क्रिकेट बोर्ड को बता दी गई। शायद ये बात सचिन को समझ में आ गई थी और फिर उन्होंने अगली बैठक से पहले फ़ोन करते हुए वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने की बात कह दी थी। अगर सचिन ख़ुद संन्यास नहीं लेते तो उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाता।'' :संदीप पाटिल (पाटिल ने ये बातें ABP न्यूज़ के साथ साझा की) 2008 के बाद से ही सचिन सीमित ओवर क्रिकेट में ज़्यादा सक्रिय नहीं दिख रहे थे, वनडे क्रिकेट के चुनिंदा टूर्नामेंट में ही सचिन शिरकत किया करते थे। सचिन ने इस दौरान सिर्फ़ दो ही आईसीसी टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2009 और फिर 2011 वर्ल्डकप। वर्ल्डकप में सचिन ने दो शतक लगाए थे। सचिन आख़िरी बार 2012 में एशिया कप में सीमित ओवर क्रिकेट में नज़र आए थे, जहां उन्होंने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 100वां शतक लगाया था।

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