मुंबई में अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर सपना गिल (Sapna Gill) द्वारा भारतीय क्रिकेटर (India Cricket Team) पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) और उनके दोस्त के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली आपराधिक शिकायत पर अपना आदेश सुरक्षित रखा है। सपना गिल ने उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की, जिन्होंने पृथ्वी शॉ द्वारा उनके साथ छेड़छाड़ और मारपीट की एफआईआर दर्ज नहीं की थी।
वकील अली काशिफ खान ने तर्क दिया कि पृथ्वी शॉ और उनके दोस्तों ने सपना गिल से छेड़छाड़ और मारपीट की और सरकारी अस्पताल के मेडिकल प्रूफ पहले ही बयां कर चुके हैं कि यह आपराधिक कृत्य है क्योंकि उनके दाएं हाथ और सीने में चोट के निशान हैं।
अली काशिफ खान ने यह भी कहा कि पृथ्वी शॉ के दोस्त द्वारा सपना गिल के खिलाफ दंगा और जबरन वसूली का कथित झूठा मामला दर्ज करने के बाद ओशिवारा पुलिस के साथ उसकी गिरफ्तारी के दौरान मेडिकल कराया गया था।
याद दिला दें कि सपना गिल को फरवरी में कुछ अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था क्योंकि एक होटल में पृथ्वी शॉ के साथ सेल्फी लेने को लेकर उनका विवाद हो गया था। इस समय गिल जमानत पर बाहर हैं।
गिल ने दावा किया कि वो और उनके दोस्त शोभित ठाकुर का अपमार्केट क्लब में नियमित रूप से आना-जाना है, जहां उन्होंने पृथ्वी शॉ को अपने दोस्तों के साथ पार्टी करते हुए देखा। गिल ने कथित रूप से पृथ्वी शॉ को शराब के नशे में धुत बताया। क्रिकेट प्रशंसक ठाकुर ने शॉ से सेल्फी लेने की मांग की, लेकिन वहां माहौल बिगड़ गया।
खान ने यह भी कहा कि एयरपोर्ट पुलिस ने बड़े रुखे अंदाज में कहा कि वो एफआईआर दर्ज नहीं करेंगे और कहा कि गिल को कोर्ट से अनुमति लेनी होगी, जबकि पुलिस एक महिला की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि चूंकि पुलिस लापरवाह है, इसलिए यह उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 166ए के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए उपयुक्त मामला है। यह खंड किसी भी व्यक्ति को चोट पहुंचाने के इरादे से कानून की अवज्ञा करने वाले लोक सेवकों से संबंधित है।
खान ने यह भी तर्क दिया कि जब पुलिस महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों को दर्ज करने में विफल रहती है तो सीआरपीसी की धारा 197 के तहत राज्य या केंद्र सरकार या कलेक्टर द्वारा किसी मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है। अंत में, उन्होंने प्रस्तुत किया कि शॉ, उनके दोस्त आशीष यादव, हवाई अड्डे के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
मजिस्ट्रेट वीसी गवई ने खान को विस्तार से सुनने के बाद कहा कि आदेश 26 मई को पारित किया जाएगा। सीआरपीसी की धारा 156 (3) एक मजिस्ट्रेट को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने का अधिकार देती है।
याद दिला दें कि पृथ्वी शॉ की शिकायत ओशीवारा पुलिस स्टेशन पर दर्ज की गई थी, जिसमें क्रिकेट पर हमला और मारपीट करने के अलावा उनकी कार को नुकसान पहुंचाने के लिए पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। उनकी शिकायत थी कि शॉ और उनके दोस्त एक होटल में डिनर कर रहे थे, जब गिल और उनके दोस्त शोभित ठाकुर ने उनके साथ कुछ सेल्फी और फिर ज्यादा फोटो लेने के लिए परेशान किया।
जमानत पर छूटने के बाद गिल ने दावा किया कि पृथ्वी शॉ और उनके दोस्तों ने उनके साथ मारपीट की और पुलिस उनका मामला दर्ज नहीं कर रही है। हालांकि, गिल ने कहा कि पब में हुई घटना एयरपोर्ट पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आती है, लेकिन जब वो पृथ्वी शॉ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने गईं तो पुलिस ने इसे दर्ज करने से इनकार कर दिया।