पाकिस्तान की टेस्ट टीम के नए कप्तान का मंगलवार को ऐलान कर दिया गया। वन-डे के बाद अब सरफराज अहमद इस टीम की टेस्ट मैचों में भी अगुआई करेंगे। मिस्बाह-उल-हक़ के संन्यास लेने के बाद इस विकेटकीपर बल्लेबाज को कप्तानी के लिए कहा गया था। सरफराज ने इस पर सहमति जता दी है।
इससे पहले भी सरफराज अहमद ने 2006 में पाकिस्तान की अंडर 19 टीम का विश्वकप में नेतृत्व किया था। हाल ही में उनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने चैम्पियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया है। 1992 के बाद पाक ने पहली बार किसी 50 ओवर के आईसीसी टूर्नामेंट को जीता है।
चैम्पियंस ट्रॉफी से पहले आठवें रैंकिंग वाली पाकिस्तानी टीम के 2019 विश्वकप में क्वालीफाई करने पर भी संशय था। शुरूआती मैच में भारत से हारने के बाद उन्होंने शानदार ढंग से वापसी करते हुए दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, इंग्लैंड और फाइनल में भारत को शिकस्त देकर ट्रॉफी पर कब्ज़ा जमा लिया। इसके बाद सरफराज अहमद की कप्तानी की हर कोई तारीफ करने लगा और पाक क्रिकेट बोर्ड ने भी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए टेस्ट मैचों के लिए भी कप्तान बना दिया।
पिछले दो वर्षों में सीमित ओवर क्रिकेट में खराब प्रदर्शन करने वाली पाकिस्तान की टीम ने लम्बे प्रारूप यानी टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया है। यूएई के अपने घरेलू मैदानों पर उन्होंने उम्दा खेल का प्रदर्शन किया है। इस दौरान उन्हें टेस्ट में नम्बर एक टीम बनने का गौरव भी हासिल हुआ। इंग्लैंड के साथ सीरीज को पाक ने 2-2 पर समाप्त किया। हालांकि मिस्बाह और यूनिस खान जैसे दिग्गज नामों के रिटायर होने के बाद सरफराज के लिए उनकी जगह भरना काफी मुश्किल कार्य होने वाला है। पाक के पास अभी सब खिलाड़ी युवा हैं और अधिक टेस्ट खेलने का अनुभव रखने वाले खिलाड़ी नहीं है।
पाकिस्तान की तरफ से टेस्ट में कप्तान बनने वाले सरफराज अहमद 32वें खिलाड़ी बन गए। इस वर्ष के अंत में उनकी टीम को श्रीलंका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है।