माइकल आथर्टन (144 और 0)
साल 1994 में इंग्लैंड के वेस्टइंडीज दौरे के दूसरे टेस्ट में रिची रिचर्डसन ने टॉस जीता और जॉर्जटाउन में गेंदबाजी करने का फैसला किया। माइकल आथर्टन ने 144 रनों की पारी खेली जिसकी मदद से इंग्लैंड ने पहली पारी में 322 रन बनाये।
वेस्टइंडीज ने जवाब में 556 रन बनाए लेकिन इंग्लैंड ने दूसरी पारी में काफी खराब बल्लेबाजी की। कप्तान आथर्टन खाता खोलने में नाकाम रहे और उन्हें कर्टली एम्ब्रोस के पहले ओवर में आउट कर दिया। इंग्लैंड ने 190 बनाये और वेस्टइंडीज ने मैच में एक पारी और 44 रन से जीत हासिल की।
मार्टिन क्रो (0 और 107)
न्यूजीलैंड की टीम 1992 में दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलने के लिए श्रीलंका के दौरे पर गयी। सीरीज का पहला मैच ड्रा रहा और अर्जुन राणातुंगा ने दूसरे मैच में पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया।
मेजबान टीम ने पहली पारी में 394 रन बनाये लेकिन जवाब में न्यूजीलैंड सिर्फ 102 रन बना पाई। मुरलीधरन ने कप्तान मार्टिन क्रो को शून्य पर आउट कर दिया।
श्रीलंका ने फॉलोऑन देने का फैसला किया और दूसरी पारी में न्यूज़ीलैंड ने पहले पारी से अच्छी बल्लेबाजी की।क्रो एक बार फिर मुरली का शिकार बने लेकिन उससे पहले 107 रन बना चुके थे। लेकिन इसके बावजूद न्यूज़ीलैंड की टीम मैच को नहीं बचा पाई। श्रीलंका ने 9 विकेट से मैच जीतकर सीरीज को 1-0 से अपने नाम कर लिया।