दक्षिण अफ्रीका में जन्मे स्कॉटलैंड क्रिकेट टीम के 38 वर्षीय ऑलराउंडर कॉन डी लैंग का गुरुवार को निधन हो गया। क्रिकेट स्कॉटलैंड ने अपने ट्विटर के माध्यम से इस खबर की पुष्टि की है। उनकी मृत्यु पर स्कॉटलैंड क्रिकेट सहित उनके टीम के साथियों ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है।
क्रिकेट स्कॉटलैंड ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "यह बहुत दुख के साथ है कि क्रिकेट स्कॉटलैंड ने यह खबर साझा की कि कॉन डे लैंग का गुरुवार 18 अप्रैल 2019 को निधन हो गया। स्कॉटलैंड के एक महान सेवक और क्रिकेट के खेल, हमारे विचार इस कठिन समय में उनके परिवार के साथ हैं।
इस ट्वीट पर स्कॉटलैंड क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर मैथ्यू मचान ने भी जवाब देते हुए इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ संवेदनाएं व्यक्त की है।
कॉन डी लैंग ने स्कॉटलैंड के लिए 21 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं। उन्होंने जून 2015 में आयरलैंड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय टी -20 क्रिकेट में पर्दापर्ण किया था। उसके बाद वे स्कॉटलैंड टीम में मध्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए थे। लेफ्ट आर्म स्पिनर कॉन डी लैंग ने जिम्बाब्वे के खिलाफ 60 रन देकर 5 विकेट लिए थे और उन्हीं की बदौलत स्कॉटलैंड ने किसी पूर्ण सदस्य देश के खिलाफ वनडे क्रिकेट इतिहास में पहली बार जीत दर्ज की थी।
क्रिकेट स्कॉटलैंड के अध्यक्ष टोनी ब्रायन ने भी कॉन डी लेंग के मौत पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इतनी कम उम्र में कॉन की मृत्यु एक त्रासदी है। वह स्कॉटलैंड के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका और अन्य जगहों पर भी क्रिकेट के एक महान सेवक थे, न ही केवल राष्ट्रीय टीम में बल्कि क्षेत्रीय और क्लब स्तर पर भी अपनी संक्रामक और प्रेरणादायक प्रतिबद्धता के साथ खिलाड़ी व कोच के रूप में जाने जाते थे।
अक्टूबर 2018 में कॉन डी लैंग के परिवार ने उनके ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित होने की खबर सार्वजनिक कर दी थी। उनके परिवार ने उनके इलाज के लिए ब्रेन ट्यूमर चैरेटी के माध्यम से धन भी जमा करना शुरू किया था। गौरतलब हो कि कॉन के परिवार में उनकी पत्नी क्लेयर और उनके दो बच्चे डेजी और रोरी रहते हैं।
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