भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने दिलीप ट्रॉफी के बाद अब भारत 'ए' और न्यूज़ीलैंड 'ए' के बीच गुलाबी गेंद से दूसरा अनौपचारिक टेस्ट विजयवाड़ा में कराने का फैसला लिया है। यह मैच 30 सितंबर को गुलाबी गेंद से दिन में खेला जायेगा। वैसे तो गुलाबी गेंद का इस्तेमाल दिन और रात्रि मुकाबले के लिए किया जाता है लेकिन मैदान में फ्लडलाइट्स न होने के कारण इस मैच को दिन में कराया जायेगा। इस अहम बदलाव की सूचना न्यूज़ीलैंड क्रिकेट से परामर्श लेने के बाद दी गई है। भारत 'ए' के 14 में से 10 ख़िलाड़ी दिलीप ट्रॉफी के पहले दिन-रात्रि मैच में खेल चुके हैं, जिसका आयोजन लखनऊ के नए अंतरराष्ट्रीय मैदान में गुलाबी गेंद से किया गया था। बीसीसीआई ने यह माना है कि गुलाबी गेंद से टेस्ट मैच को लेकर लगातार सकारात्मक फीडबैक मिल रहे हैं लेकिन बीसीसीआई ने यह भी कहा है कि भविष्य में भारतीय टीम के लिए दिन-रात्रि अंतरराष्ट्रीय मैच को लेकर अभी कोई योजना नहीं है। न्यूज़ीलैंड क्रिकेट ने इस फैसले को स्वागत तब किया जब उनके अगले साल होने वाले इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के बीच दिन-रात्रि टेस्ट मैच पर मुहर लग गई। यह न्यूज़ीलैंड टीम का अपने देश में पहला दिन-रात्रि टेस्ट मैच होगा, इसलिए खिलाड़ियों को गुलाबी गेंद से का लगातार अभ्यास कराने के लिए इस फैसले का न्यूज़ीलैंड क्रिकेट ने स्वागत किया है। न्यूज़ीलैंड के 6 कॉन्ट्रैक्ट वाले ख़िलाड़ी 'ए' टीम के लिए खेल रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले टेस्ट मैच में इन खिलाड़ियों का फीडबैक लेकर न्यूज़ीलैंड क्रिकेट दिन-रात्रि टेस्ट की योजनाएं बनाने में भरोसा करेगा। भारतीय टीम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभी तक एक भी दिन-रात्रि मैच नहीं खेला है, तो वहीं न्यूज़ीलैंड टीम ने साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में खेला था। बीसीसीआई के द्वारा लगातार गुलाबी गेंद से मैचों पर ध्यान देना भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा कदम माना जा रहा है और आगामी वर्षों में हम भारत में भी जल्द गुलाबी गेंद से दिन-रात्रि टेस्ट मैच देख सकेंगे।