भारतीय टीम में मौका ना मिलने से निराश होकर 500 से ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज ने लिया संन्यास, बताई अहम वजह

शाहबाज़ नदीम ने विराट कोहली की कप्तानी में डेब्यू किया था (PIC: BCCI)
शाहबाज़ नदीम ने विराट कोहली की कप्तानी में डेब्यू किया था (PIC: BCCI)

झारखंड के स्पिन गेंदबाज शाहबाज़ नदीम (Shahbaz Nadeem) ने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। नदीम को लम्बे समय से भारतीय स्क्वाड में नहीं जगह मिली थी और इसकी संभावना भी अब नहीं नजर आ रही थी। इसी वजह से अनुभवी गेंदबाज ने युवाओं को मौका देने और दुनिया भर की टी20 लीग में खेलने के लिए संन्यास का फैसला किया। उन्होंने अपना आखिरी मैच इस रणजी सीजन में राजस्थान के खिलाफ खेला था। झारखंड की टीम को एक के बाद एक तीन बड़े झटके लग चुके हैं, क्योंकि वरुण आरोन और सौरभ तिवारी ने भी हाल ही में अपने करियर को अलविदा कहा था।

घरेलू क्रिकेट में कई सालों की मेहनत के बाद, शाहबाज नदीम को साल 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के दौरान रांची में डेब्यू का मौका मिला था। उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में कुल चार विकेट चटकाए थे। नदीम को अपना अगला टेस्ट खेलने का मौका चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ 2021 में मिला, जिसमें उनके नाम चार विकेट रहे। इसके बाद उन्हें टीम में नहीं शामिल किया गया और उनका अंतरराष्ट्रीय करियर दो मैचों का ही रहा।

हालाँकि, 34 वर्षीय इस खिलाड़ी ने घरेलू क्रिकेट में अपनी जबरदस्त छाप छोड़ी और 500 विकेट लेने वाले गेंदबाजों के क्लब का हिस्सा रहे। नदीम के नाम 140 फर्स्ट क्लास मैचों में 542 विकेट दर्ज हैं। इस दौरान, उन्होंने 28 बार पारी में पांच और 7 बार मैच में दस विकेट झटके। वहीं, बल्लेबाजी में भी दो शतक और आठ अर्धशतक की मदद से 2784 रन दर्ज हैं। लिस्ट ए क्रिकेट में, बाएं हाथ के स्पिनर ने 175 विकेट चटकाए और 10 रन देकर आठ विकेट लेना उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है। इसके अलावा टी20 में भी 125 विकेट लिए।

शाहबाज़ नदीम ने युवाओं को मौका देने की कही बात

ईएसपीएन क्रिकइंफो के साथ बात करते हुए नदीम ने कहा,

मैं काफी समय से अपने संन्यास के फ़ैसले पर विचार कर रहा था और अब मैंने यह फैसला लिया है कि मैं तीनों फॉर्मेट से संन्यास ले रहा हूं। मुझे हमेशा से ऐसा लगता है कि जब आपके पास कोई मोटिवेशन हो तो आप हमेशा खुद को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। हालांकि अब मुझे जब पता है कि भारतीय टीम में मुझे मौका नहीं मिल सकता तो यह बेहतर है कि मैं युवा क्रिकेटरों को मौका दूं। साथ ही अब मैं दुनिया भर के टी20 लीग में खेलने का भी मन बना रहा हूं।

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